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हरियाणा में 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है बेरोजगारी दर, राहत पैकेज का नहीं दिखा असर

हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी दर चिंता का विषय बना हुआ है. अलग-अलग सर्वे प्रदेश में 20 से 40 प्रतिशत तक बेरोजगारी बढ़ने का दावा कर रहे हैं. देश में पहले साढ़े 6 से 10% तक बेरोजगारी दर राज्य से राज्य तक था. ये अब 20 प्रतिशत तक पहुंच गई है.

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Published : Jun 5, 2020, 11:16 AM IST

Unemployment rate in Haryana
Unemployment rate in Haryana

चंडीगढ़: कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है. बात हरियाणा राज्य की करें तो तीन महीने में यहां करीब 16 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है. इस घाटे से उबरने के लिए सरकार करीब 15 हजार करोड़ का कर्ज भी ले चुकी है. आर्थिक स्थिति पटरी पर आए इसके लिए सरकार लगातार काम कर रही है.

प्रदेश सरकार के कुछ बड़े फैसले

  • कोरोना रिलीफ फंड में प्रदेश सरकार के मंत्रियों से लेकर विधायकों ने 1 महीने का वेतन दिया.
  • 1 साल तक 30% वेतन में कटौती पर भी सहमति बनी.
  • हरियाणा सरकार ने नई गाड़ियों की खरीद पर रोक लगाने का फैसला किया.
  • प्रदेश में 1 साल तक नई गाड़ियां नहीं खरीदी जाएंगी. जबतक ज्यादा जरूरी ना हो.
  • सरकार ने डेढ़ साल के लिए कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोकने का फैसला किया. इनमें पेंशनर भी हैं.
  • सरकार ने एलटीसी रोकने का फैसला किया गया है, जबकि 1 साल के लिए नई भर्ती पर रोक लगाई है
  • सरकार ने हरियाणा रोडवेज की बसों का किराया 100 किलोमीटर तक 15 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया है.
  • 100 किलोमीटर के बाद रोडवेज बसों के किराए में 20 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है
  • मंडियों में सब्जी और फलों की बिक्री पर 1 फीसदी मार्केट फीस और 1 फीसदी HRDF सेस लगाया है.
  • प्रदेश सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर वैट की दरों में भी बढ़ोतरी की है.
  • पेट्रोल पर 1 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.1 रुपये प्रति लीटर वैट लगाया गया है.

गिरती अर्थव्यवस्था के बीच सरकार के लिए सबसे बड़ी समस्या प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी दर है. लॉकडाउन की वजह से सभी कंपनियां और उद्योग करीब 2 महीने बंद रहे. जिसकी वजह से हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए. सिर्फ प्राइवेट सेक्टर ही नहीं बल्कि सरकार ने भी अस्थाई कर्मचारियों को पदमुक्त किया है. अर्थशास्त्री विमल अंजुम ने बताया कि सूबे में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है. अलग-अलग सर्वे प्रदेश में 20 से 40 प्रतिशत तक बेरोजगारी बढ़ने का दावा कर रहे हैं. निजी क्षेत्रों में लगातार कर्मचारियों की कम होती संख्या बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है. देश में पहले साढ़े 6 से 10% तक बेरोजगारी दर राज्य से राज्य तक था. ये अब 20 प्रतिशत तक पहुंच गई है.

हरियाणा में 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है बेरोजगारी दर, क्लिक कर देखें रिपोर्ट

डॉक्टर बिमल अंजुम ने बताया कि बेरोजगरी दर बढ़ने का बड़ा कारण एग्रीकल्चर में एंप्लॉयमेंट नहीं होना है. ज्यादातर सेक्टर बंद होने की कगार पर है. जिसकी वजह से बेरोजगारी दर बढ़ गई है. अर्थ शास्त्री के मुताबिक आने वाले दिनों में राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. विमल अंजुम के मुताबिक सरकार ने बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई कंस्ट्रक्टिव पॉलिसी नहीं बनाई है. जो पॉलिसी बनाई है वो लॉन्ग टर्म हो सकती है, लेकिन तुरन्त राहत देने वाली नहीं है. सरकार ने मनरेगा में पैसा दिया मगर उसको स्थाई काम नहीं कहा जा सकता.

पहले बेरोजगारी को 3 कैटेगिरी में देखा जाता था जिसमें स्किल्ड, सेमी स्किल्ड और अन स्किल्ड थी, मगर अब अनस्किलड बहुत पिछड़ गए हैं. जबकि स्किल्ड भी लेबर क्लास की तरफ आ गए. बड़े संस्थानों में टेक्निशियन 2 से 3 महीने की छुट्टी पर भेज दिया गया. इसको भी बेरोजगारी माना जाएगा. हरियाणा 15 से 20 लाख प्रवासी मजदूरों पर निर्भर है, लॉकडाउन के दौरान यहां से मजदूर चले गए, खुद का लेबर इस तरह का काम नहीं करता. एनसीआर में उत्तरप्रदेश के लोगों का अधिक योगदान है. टेक्निकल सेमी स्किल्ड में वेस्ट बंगाल के लोग अच्छा काम कर रहे हैं जबकि हाउस होल्ड में उड़ीसा के लेबर अच्छा काम कर रहे हैं. सरकार ने अनलॉक किया है मगर अभी तुरन्त सुधार नहीं हो सकता.

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कुछ सर्वे में हरियाणा में 45 प्रतिशत बेरोजगरी दर बढ़ने की बात की जा रही है. मगर हरियाणा की आज की स्तिथि को देखा जाए तो यहां 28 लाख रजिस्टर कर्मचारी हैं, जबकि सरकार ने 35 लाख के आसपास रजिस्टर कर्मचारियों को अनुमति दी है. जिससे ये साफ है कि बहुत से कर्मचारी रजिस्टर नहीं हुए हैं. उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जितनी ऑनलाइन एप्लीकेशन हमारे पास आई हैं. उन कंपनियों को लेबर डिपार्टमेंट में सीधा रजिस्ट्रेशन करने के लिए सुनिश्चित किया जाएगा. दुष्यंत ने कहा कि ये सुनिश्चित किया जाएगा कि आने वाले दिनों में प्रत्येक कंपनी के कर्मचारी को हरियाणा एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज का नम्बर लेना होगा. जिससे स्पष्ठ होगा कि कितने बेरोजगार हरियाणा में हैं. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जुलाई और अगस्त तक कई बड़ी कंपनियां हरियाणा में निवेश करेंगी.

हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाष लाम्बा ने कहा कि एक तरफ सरकार जहां निजी क्षेत्रों में उद्योगपतियों से कर्मचारियों को ना निकालने का अनुरोध कर रही है वहीं अनुबंध के आधार पर लगे 10 हजार कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर चुकी है. बड़े स्तर पर की गई छटनी हरियाणा सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर कर्मचारियों की छटनी की तैयारी की जा रही है.

  • सरकार ने साल 2015 के विज्ञापनों की भर्तियों पर भी रोक लगा दी है. जिनमें 1035 और 1538 के करीब भर्तियां थीं.
  • 10 हजार के करीब हॉस्पिटल स्टाफ, नर्स, धोबी, लिफ्टमैन आदि की छंटनी की तैयारी हो चुकी है
  • बाहरमीरपुर में 83 रिसोर्स पर्सन यूजीसी के नियमों के दूसरी तरफ निकाल दिए गए है.
  • पंचकूला बीएंडआर से भी कर्मचारियों को निकाला गया है.
  • कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से 60 से अधिक सफाई कर्मचारियों को निकाल दिया गया है.
  • सोनीपत नगर निगम से कर्मचारी निकाले गए हैं.
  • टूरिजम से 400 से अधिक कर्मचारियों को निकाला गया है.

गौरलतब है कि हरियाणा सरकार आने वाले दिनों में प्रदेश की आर्थिक स्तिथि को पटरी पर लाने के लिए कई प्रयास कर रही हैं. आने वाले दिनों में इसका और भी असर देखने को मिल सकता है. जहां सरकार कई अन्य फैसले आर्थिक स्तिथि को सुधारने को लेकर कर सकती है. वहीं दूसरी तरफ बेरोजगारी की समस्या आने वाले कुछ महीनों में कम होने की उम्मीद लगाई जा रही है.

चंडीगढ़: कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है. बात हरियाणा राज्य की करें तो तीन महीने में यहां करीब 16 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है. इस घाटे से उबरने के लिए सरकार करीब 15 हजार करोड़ का कर्ज भी ले चुकी है. आर्थिक स्थिति पटरी पर आए इसके लिए सरकार लगातार काम कर रही है.

प्रदेश सरकार के कुछ बड़े फैसले

  • कोरोना रिलीफ फंड में प्रदेश सरकार के मंत्रियों से लेकर विधायकों ने 1 महीने का वेतन दिया.
  • 1 साल तक 30% वेतन में कटौती पर भी सहमति बनी.
  • हरियाणा सरकार ने नई गाड़ियों की खरीद पर रोक लगाने का फैसला किया.
  • प्रदेश में 1 साल तक नई गाड़ियां नहीं खरीदी जाएंगी. जबतक ज्यादा जरूरी ना हो.
  • सरकार ने डेढ़ साल के लिए कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोकने का फैसला किया. इनमें पेंशनर भी हैं.
  • सरकार ने एलटीसी रोकने का फैसला किया गया है, जबकि 1 साल के लिए नई भर्ती पर रोक लगाई है
  • सरकार ने हरियाणा रोडवेज की बसों का किराया 100 किलोमीटर तक 15 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया है.
  • 100 किलोमीटर के बाद रोडवेज बसों के किराए में 20 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है
  • मंडियों में सब्जी और फलों की बिक्री पर 1 फीसदी मार्केट फीस और 1 फीसदी HRDF सेस लगाया है.
  • प्रदेश सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर वैट की दरों में भी बढ़ोतरी की है.
  • पेट्रोल पर 1 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.1 रुपये प्रति लीटर वैट लगाया गया है.

गिरती अर्थव्यवस्था के बीच सरकार के लिए सबसे बड़ी समस्या प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी दर है. लॉकडाउन की वजह से सभी कंपनियां और उद्योग करीब 2 महीने बंद रहे. जिसकी वजह से हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए. सिर्फ प्राइवेट सेक्टर ही नहीं बल्कि सरकार ने भी अस्थाई कर्मचारियों को पदमुक्त किया है. अर्थशास्त्री विमल अंजुम ने बताया कि सूबे में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है. अलग-अलग सर्वे प्रदेश में 20 से 40 प्रतिशत तक बेरोजगारी बढ़ने का दावा कर रहे हैं. निजी क्षेत्रों में लगातार कर्मचारियों की कम होती संख्या बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है. देश में पहले साढ़े 6 से 10% तक बेरोजगारी दर राज्य से राज्य तक था. ये अब 20 प्रतिशत तक पहुंच गई है.

हरियाणा में 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है बेरोजगारी दर, क्लिक कर देखें रिपोर्ट

डॉक्टर बिमल अंजुम ने बताया कि बेरोजगरी दर बढ़ने का बड़ा कारण एग्रीकल्चर में एंप्लॉयमेंट नहीं होना है. ज्यादातर सेक्टर बंद होने की कगार पर है. जिसकी वजह से बेरोजगारी दर बढ़ गई है. अर्थ शास्त्री के मुताबिक आने वाले दिनों में राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. विमल अंजुम के मुताबिक सरकार ने बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई कंस्ट्रक्टिव पॉलिसी नहीं बनाई है. जो पॉलिसी बनाई है वो लॉन्ग टर्म हो सकती है, लेकिन तुरन्त राहत देने वाली नहीं है. सरकार ने मनरेगा में पैसा दिया मगर उसको स्थाई काम नहीं कहा जा सकता.

पहले बेरोजगारी को 3 कैटेगिरी में देखा जाता था जिसमें स्किल्ड, सेमी स्किल्ड और अन स्किल्ड थी, मगर अब अनस्किलड बहुत पिछड़ गए हैं. जबकि स्किल्ड भी लेबर क्लास की तरफ आ गए. बड़े संस्थानों में टेक्निशियन 2 से 3 महीने की छुट्टी पर भेज दिया गया. इसको भी बेरोजगारी माना जाएगा. हरियाणा 15 से 20 लाख प्रवासी मजदूरों पर निर्भर है, लॉकडाउन के दौरान यहां से मजदूर चले गए, खुद का लेबर इस तरह का काम नहीं करता. एनसीआर में उत्तरप्रदेश के लोगों का अधिक योगदान है. टेक्निकल सेमी स्किल्ड में वेस्ट बंगाल के लोग अच्छा काम कर रहे हैं जबकि हाउस होल्ड में उड़ीसा के लेबर अच्छा काम कर रहे हैं. सरकार ने अनलॉक किया है मगर अभी तुरन्त सुधार नहीं हो सकता.

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कुछ सर्वे में हरियाणा में 45 प्रतिशत बेरोजगरी दर बढ़ने की बात की जा रही है. मगर हरियाणा की आज की स्तिथि को देखा जाए तो यहां 28 लाख रजिस्टर कर्मचारी हैं, जबकि सरकार ने 35 लाख के आसपास रजिस्टर कर्मचारियों को अनुमति दी है. जिससे ये साफ है कि बहुत से कर्मचारी रजिस्टर नहीं हुए हैं. उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जितनी ऑनलाइन एप्लीकेशन हमारे पास आई हैं. उन कंपनियों को लेबर डिपार्टमेंट में सीधा रजिस्ट्रेशन करने के लिए सुनिश्चित किया जाएगा. दुष्यंत ने कहा कि ये सुनिश्चित किया जाएगा कि आने वाले दिनों में प्रत्येक कंपनी के कर्मचारी को हरियाणा एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज का नम्बर लेना होगा. जिससे स्पष्ठ होगा कि कितने बेरोजगार हरियाणा में हैं. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जुलाई और अगस्त तक कई बड़ी कंपनियां हरियाणा में निवेश करेंगी.

हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाष लाम्बा ने कहा कि एक तरफ सरकार जहां निजी क्षेत्रों में उद्योगपतियों से कर्मचारियों को ना निकालने का अनुरोध कर रही है वहीं अनुबंध के आधार पर लगे 10 हजार कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर चुकी है. बड़े स्तर पर की गई छटनी हरियाणा सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर कर्मचारियों की छटनी की तैयारी की जा रही है.

  • सरकार ने साल 2015 के विज्ञापनों की भर्तियों पर भी रोक लगा दी है. जिनमें 1035 और 1538 के करीब भर्तियां थीं.
  • 10 हजार के करीब हॉस्पिटल स्टाफ, नर्स, धोबी, लिफ्टमैन आदि की छंटनी की तैयारी हो चुकी है
  • बाहरमीरपुर में 83 रिसोर्स पर्सन यूजीसी के नियमों के दूसरी तरफ निकाल दिए गए है.
  • पंचकूला बीएंडआर से भी कर्मचारियों को निकाला गया है.
  • कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से 60 से अधिक सफाई कर्मचारियों को निकाल दिया गया है.
  • सोनीपत नगर निगम से कर्मचारी निकाले गए हैं.
  • टूरिजम से 400 से अधिक कर्मचारियों को निकाला गया है.

गौरलतब है कि हरियाणा सरकार आने वाले दिनों में प्रदेश की आर्थिक स्तिथि को पटरी पर लाने के लिए कई प्रयास कर रही हैं. आने वाले दिनों में इसका और भी असर देखने को मिल सकता है. जहां सरकार कई अन्य फैसले आर्थिक स्तिथि को सुधारने को लेकर कर सकती है. वहीं दूसरी तरफ बेरोजगारी की समस्या आने वाले कुछ महीनों में कम होने की उम्मीद लगाई जा रही है.

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