चंडीगढ़: कोरोना महामारी को देखते हुए स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी ने अंडर ट्रायल चल रहे 450 से अधिक आरोपियों और कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत को चार से सात सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है.
इस समय अंडर ट्रायल चल रहे 947 पुरुष ,56 महिलाएं और 4 बच्चे बुड़ैल जेल में बंद थे. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 47.56 प्रतिशत अंडर ट्रायल आरोपियों और दोषियों को जेल से रिहा कर दिया गया है.
दरअसल पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस जसवंत सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई. जिसमें एमएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष भी शामिल रहे. इस दौरान ही ये निर्णय लिया गया. मीटिंग में ये भी तय किया गया कि जल्दी ही लोक अदालत लगाकर हल्के मामलों का निपटारा करने की कोशिश की जाएगी.
बैठक में बताया गया कि पहले अंडर ट्रायल कैदियों को 60 दिन की प्रारंभिक अवधि के लिए विशेष अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था. उसके बाद जमानत अवधि को 16 मई और 20 जून को आगे बढ़ाया गया था. अब वो सभई कैदी जेल में वापस लौटेंगे. इस पर एसएलएसए के न्यायिक मजिस्ट्रेट महावीर सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए कैदियों को जेलों में वापस रखने पर जोखिम हो सकता है.
इसलिए 14 अगस्त से 31 अगस्त तक वापस लौटने वाले कैदियों को 7 हफ्ते, 1 सितंबर से 15 सितंबर तक लौटने वाले कैदियों को 5 हफ्ते और 16 सितंबर से 30 सितंबर तक वापस लौटने वाले कैदियों को 4 हफ्ते की छूट दी गई है.
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