चंडीगढ़: गुरुवार को हरियाणा में पेट्रोल और डीजल के दामों कुछ खास बढ़ोत्तरी नहीं हुई. हरियाणा में 2 मई को पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में बढ़ोत्तरी की गई थी. हरियाणा सरकार ने पेट्रोल पर एक रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.1 रुपये प्रति लीटर की टैक्स में बढ़ोत्तरी की थी, लेकिन आशंका है कि सरकार दोबारा पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी कर सकती है.
केन्द्र सरकार ने मंगलवार रात को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर उत्पाद शुल्क 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया. उत्पाद शुल्क में इस बढ़ोतरी के बाद लोगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटी कीमतों का कोई भी फायदा नहीं मिल पाएगा. कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मांग नहीं होने के कारण पिछले माह ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 18.10 डॉलर के निम्न स्तर पर पहुंच गई थी. इसके बाद कीमतों में थोड़ी बढ़ोत्तरी हुई और यह 28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई.
दोबारा बढ़ सकते हैं दाम!
लॉकडाउन 3.0 की शुरूआत होने के साथ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिशें भी शुरू हो गई है. लिहाजा बुधवार को कई राज्यों में पेट्रोल डीजल के दामों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. वहीं अब लॉकडाउऩ 3.0 में दोबारा पेट्रोल- डीजल जैसे ईधनों की खपत बढ़ने लगी है. कई राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा हुआ है. लिहाजा अब इनकी डिमांड के साथ अब रेटों में भी बढ़ोतरी देखने को मिलने लगी है.
कैसे तय होती है तेल की कीमत?
विदेशी मुद्रा के अंतर के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है. इन्हीं मानकों के आधार पर रोज पेट्रोल रेट और डीजल रेट तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं. ये डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग हैं. वो खुद को खुदरा कीमतों पर उपभोक्ताओं के अंत में करों और अपने स्वयं के मार्जिन जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं. पेट्रोल रेट और डीजल रेट में यह कॉस्ट भी जुड़ती है.
ये भी पढ़ें- खुलासा: हरियाणा में ठेकों पर नहीं जुट रही भीड़, क्या ये है बड़ी वजह ?