ETV Bharat / state

बजट सत्र के दौरान गुरुवार को हरियाणा विधानसभा में पास हुए तीन अहम विधेयक - हरियाणा बजट सत्र तीम विधेयक पास

गुरुवार को बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान सदन में तीन अहम विधेयक पारित किए गए. ये विधेयक हैं- हरियाणा ग्रामीण विकास (संशोधन) विधेयक, 2021, हरियाणा माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021 और हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन (संशोधन) विधेयक,2021.

haryana budget session three bill passed
haryana budget session three bill passed
author img

By

Published : Mar 11, 2021, 4:23 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा बजट सत्र में आज तीन विधेयक पारित किए गए. इन विधेयकों में हरियाणा ग्रामीण विकास (संशोधन) विधेयक, 2021, हरियाणा माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021 और हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन (संशोधन) विधेयक,2021 शामिल हैं.

हरियाणा ग्रामीण विकास (संशोधन) विधेयक, 2021

हरियाणा ग्रामीण विकास अधिनियम 1986 में आगे संशोधन करने के लिए हरियाणा ग्रामीण विकास (संशोधन) विधेयक,2021 पारित किया गया ताकि हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो (वित्त विभाग) द्वारा 26 जून, 1992 को लिए गए निर्णय और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 2012 की एक सिविल याचिका के संबंध में 8 जुलाई, 2016 को पारित आदेशों का अनुपालन करने हेतु हरियाणा ग्रामीण विकास निधि प्रशासन बोर्ड के कर्मचारियों को पेंशन और इसके फलस्वरूप सेवानिवृत्ति लाभ 3 अप्रैल, 1987 से प्रदान करने के लिए उक्त अधिनियम में उचित प्रावधान किए जा सके.

हरियाणा माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021

हरियाणा माल एवं सेवा कर अधिनियम,2017 में आगे संशोधन करने के लिए हरियाणा माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक,2021 पारित किया गया. यह अधिनियम राज्य सरकार द्वारा माल या सेवाओं या दोनों पर ही राज्यान्तरिक (इन्ट्रा स्टेट) कर लगाने और संग्रहण के प्रावधान करने के मद्देनजर अधिनियमित किया गया था.

पहली जुलाई,2017 को माल एवं सेवा कर अधिनियम को देशभर के साथ-साथ हरियाणा राज्य में लागू किया गया. हरियाणा माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 174 की उप-धारा (1) के प्रावधान उन राज्य अधिनियमों को निर्दिष्टï करते हैं जिन्हें माल एवं सेवा कर लागू होने के बाद निरस्त किया गया है. सिवाए उन प्रावधानों के, जिन्हें हरियाणा माल एवं सेवा कर अधिनियम के प्रावधानों के तहत रखा गया है. धारा 174 की उप-धारा (2) उन कार्यवाहियों को निर्दिष्ट करती है जिन्हें धारा 174(1) में निर्दिष्ट अधिनियमों के निरस्त होने के बाद रखा गया है.

ये भी पढ़ें- सीएम खट्टर ने बताया आखिर क्यों मुश्किल है MSP पर कानून बनाना, सुनिए

अब इन संरक्षित कार्यवाहियों का निर्वहन करने में कुछ कठिनाइयां सामने आ रही थी जिन्हें दूर करने हेतु निरस्त किए गए अधिनियमों में संशोधन या सुधार करना आवश्यक हो गया था. जबकि 101वें संविधान संशोधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत जीएसटी कानून के लागू होने के बाद राज्य सरकार की निरस्त किए गए अधिनियमों में संशोधन या सुधार करने की शक्ति समाप्त हो चुकी है और इन संरक्षित की गई कार्यवाहियों को करने के लिए इन कठिनाइयों को दूर करना आवश्यक है. अत: इन कठिनाइयों को दूर करने और राज्य सरकार को ‘‘कठिनाइयों का निवारण आदेश’’ जारी करने के लिए सशक्त करने हेतु धारा-174 की उप-धारा 2 में संशोधन किया गया है ताकि संरक्षित कार्यवाहियों को लागू किया जा सके.

हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2021

हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम,1975 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन (संशोधन) विधेयक,2021 पारित किया गया. हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1975 (1975 का 8) की धारा 3 तथा हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन नियम 1976 के नियम 17क (2) व 17क(3) के अनुसार किसी भी वर्तमान लाईसेंस का किसी दूसरी श्रेणी में स्थनांतरण करने का प्रावधान है. बहरहाल, लाईसेंस के स्थानांतरण बारे वर्तमान प्रावधान न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता.

ये भी पढ़ें- कृषि कानूनों की खिलाफत करने वाले जेजेपी के ये विधायक सदन में पलटे, दिया सरकार का साथ

अधिनियम, 1975 के मौजूदा प्रावधान के अनुसार यदि कोई लाईसेंसधारक लाईसेंस की दूसरी श्रेणी, जहां ईडीसी/आईडीसी की दरें कम हैं, में स्थानांतरित होने से पूर्व निर्धारित अनुसूची के अनुसार ईडीसी/आईडीसी की पूर्ण राशि या पर्याप्त राशि का भुगतान कर चुका है तो उसे नुकसान होता है क्योंकि मौजूदा लाईसेंस के तहत ईडीसी/आईडीसी के विरूद्घ अदा की गई समस्त राशि जब्त हो जाती है। वहीं दूसरी ओर जो लाईसेंसधारक ईडीसी/आईडीसी देय नहीं चुकाने के दोषी हैं, वे स्थानांतरण के समय अपनी जमा की गई पूर्ण ईडीसी/आईडीसी को या तो समायोजित करवा लेते हैं या नए लाइसेंस में ईडीसी/आईडीसी की बकाया राशि का भुगतान कर देते हैं. ये प्रक्रिया न्यायसंगत प्रतीत नहीं होती. इसलिए इसे न्यायसंगत बनाने हेतु अधिनियम, 1975 की धारा-3 के वर्तमान प्रावधानों को संशोधित किया जाना आवश्यक हो गया था.

सदन में विधयेक पास किए जाने के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. शुक्रवार 12 बजे हरियाणा के मुख्यमंत्री जिनके पास वित्त विभाग भी है बतौर वित्त मंत्री मौजूदा कार्यकाल का अपना दूसरा बजट पेश करेंगे.

ये भी पढ़ें- संकट टला: बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार ने साबित किया बहुमत, कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिरा

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा बजट सत्र में आज तीन विधेयक पारित किए गए. इन विधेयकों में हरियाणा ग्रामीण विकास (संशोधन) विधेयक, 2021, हरियाणा माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021 और हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन (संशोधन) विधेयक,2021 शामिल हैं.

हरियाणा ग्रामीण विकास (संशोधन) विधेयक, 2021

हरियाणा ग्रामीण विकास अधिनियम 1986 में आगे संशोधन करने के लिए हरियाणा ग्रामीण विकास (संशोधन) विधेयक,2021 पारित किया गया ताकि हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो (वित्त विभाग) द्वारा 26 जून, 1992 को लिए गए निर्णय और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 2012 की एक सिविल याचिका के संबंध में 8 जुलाई, 2016 को पारित आदेशों का अनुपालन करने हेतु हरियाणा ग्रामीण विकास निधि प्रशासन बोर्ड के कर्मचारियों को पेंशन और इसके फलस्वरूप सेवानिवृत्ति लाभ 3 अप्रैल, 1987 से प्रदान करने के लिए उक्त अधिनियम में उचित प्रावधान किए जा सके.

हरियाणा माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021

हरियाणा माल एवं सेवा कर अधिनियम,2017 में आगे संशोधन करने के लिए हरियाणा माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक,2021 पारित किया गया. यह अधिनियम राज्य सरकार द्वारा माल या सेवाओं या दोनों पर ही राज्यान्तरिक (इन्ट्रा स्टेट) कर लगाने और संग्रहण के प्रावधान करने के मद्देनजर अधिनियमित किया गया था.

पहली जुलाई,2017 को माल एवं सेवा कर अधिनियम को देशभर के साथ-साथ हरियाणा राज्य में लागू किया गया. हरियाणा माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 174 की उप-धारा (1) के प्रावधान उन राज्य अधिनियमों को निर्दिष्टï करते हैं जिन्हें माल एवं सेवा कर लागू होने के बाद निरस्त किया गया है. सिवाए उन प्रावधानों के, जिन्हें हरियाणा माल एवं सेवा कर अधिनियम के प्रावधानों के तहत रखा गया है. धारा 174 की उप-धारा (2) उन कार्यवाहियों को निर्दिष्ट करती है जिन्हें धारा 174(1) में निर्दिष्ट अधिनियमों के निरस्त होने के बाद रखा गया है.

ये भी पढ़ें- सीएम खट्टर ने बताया आखिर क्यों मुश्किल है MSP पर कानून बनाना, सुनिए

अब इन संरक्षित कार्यवाहियों का निर्वहन करने में कुछ कठिनाइयां सामने आ रही थी जिन्हें दूर करने हेतु निरस्त किए गए अधिनियमों में संशोधन या सुधार करना आवश्यक हो गया था. जबकि 101वें संविधान संशोधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत जीएसटी कानून के लागू होने के बाद राज्य सरकार की निरस्त किए गए अधिनियमों में संशोधन या सुधार करने की शक्ति समाप्त हो चुकी है और इन संरक्षित की गई कार्यवाहियों को करने के लिए इन कठिनाइयों को दूर करना आवश्यक है. अत: इन कठिनाइयों को दूर करने और राज्य सरकार को ‘‘कठिनाइयों का निवारण आदेश’’ जारी करने के लिए सशक्त करने हेतु धारा-174 की उप-धारा 2 में संशोधन किया गया है ताकि संरक्षित कार्यवाहियों को लागू किया जा सके.

हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2021

हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम,1975 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन (संशोधन) विधेयक,2021 पारित किया गया. हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1975 (1975 का 8) की धारा 3 तथा हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन नियम 1976 के नियम 17क (2) व 17क(3) के अनुसार किसी भी वर्तमान लाईसेंस का किसी दूसरी श्रेणी में स्थनांतरण करने का प्रावधान है. बहरहाल, लाईसेंस के स्थानांतरण बारे वर्तमान प्रावधान न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता.

ये भी पढ़ें- कृषि कानूनों की खिलाफत करने वाले जेजेपी के ये विधायक सदन में पलटे, दिया सरकार का साथ

अधिनियम, 1975 के मौजूदा प्रावधान के अनुसार यदि कोई लाईसेंसधारक लाईसेंस की दूसरी श्रेणी, जहां ईडीसी/आईडीसी की दरें कम हैं, में स्थानांतरित होने से पूर्व निर्धारित अनुसूची के अनुसार ईडीसी/आईडीसी की पूर्ण राशि या पर्याप्त राशि का भुगतान कर चुका है तो उसे नुकसान होता है क्योंकि मौजूदा लाईसेंस के तहत ईडीसी/आईडीसी के विरूद्घ अदा की गई समस्त राशि जब्त हो जाती है। वहीं दूसरी ओर जो लाईसेंसधारक ईडीसी/आईडीसी देय नहीं चुकाने के दोषी हैं, वे स्थानांतरण के समय अपनी जमा की गई पूर्ण ईडीसी/आईडीसी को या तो समायोजित करवा लेते हैं या नए लाइसेंस में ईडीसी/आईडीसी की बकाया राशि का भुगतान कर देते हैं. ये प्रक्रिया न्यायसंगत प्रतीत नहीं होती. इसलिए इसे न्यायसंगत बनाने हेतु अधिनियम, 1975 की धारा-3 के वर्तमान प्रावधानों को संशोधित किया जाना आवश्यक हो गया था.

सदन में विधयेक पास किए जाने के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. शुक्रवार 12 बजे हरियाणा के मुख्यमंत्री जिनके पास वित्त विभाग भी है बतौर वित्त मंत्री मौजूदा कार्यकाल का अपना दूसरा बजट पेश करेंगे.

ये भी पढ़ें- संकट टला: बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार ने साबित किया बहुमत, कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिरा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.