चंडीगढ़: किसी भी राज्य की राजधानी सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ और विकसित शहर होता है, क्योंकि राजधानी में प्रदेश के सभी मुख्य कार्यालय होते हैं. बड़ी कंपनियां भी अच्छी सुविधाओं की वजह से राजधानी को ही चुनती हैं. जिस वजह से राजधानियां सबसे ज्यादा व्यस्त और भीड़-भाड़ वाला शहर बन जाता है. ऐसे में जब किसी शहर में लाखों गाड़ियां सड़कों पर दौड़ेंगी, तो शहर में प्रदूषण हो जाना लाजमी हो जाता है, इसी वजह से देश की ज्यादातर राजधानियां प्रदूषण से जूझ रही हैं, लेकिन हरियाणा और पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ के साथ बिल्कुल उलट है. यहां राज्य के बाकी शहरों के मुकाबले कम प्रदूषण है.
आखिर हरियाणा और पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में ऐसा क्या खास है कि यहां की आबो-हवा इतनी साफ सुथरी है. इसी सवाल के साथ ईटीवी भारत हरियाणा की टीम चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग के निदेशक देवेंद्र दलाई के पास पहुंची. देवेंद्र दलाई ने चंडीगढ़ के साफ-सुथरी हवा की वजह यहां की हरियाली को बताया. उनका कहना है कि चंडीगढ़ आम शहर नहीं है. ये एक सुनियोजित शहर है. शहर के डिजाइन में हरियाली को काफी महत्व दिया गया है. जिस वजह से यहां पर करीब 46 फीसदी हरियाली है. सड़कों के किनारे भी काफी संख्या में पेड़ है, जिस वजह से यहां पर प्रदूषण का स्तर ज्यादा नहीं बढ़ता.
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इस बारे में हमने एनवायरनमेंट एक्सपर्ट और चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर रविंदर खैवाल से भी बात की. डॉ. रविंद्र खैवाल ने बताया कि किसी भी शहर का प्रदूषण का स्तर तीन कारणों पर निर्भर करता है जैसे कि भौगोलिक स्थिति, उसके मौसम के हालात और प्रदूषण के स्त्रोत. उनका कहना है कि शहर चल रहे वाहनों की संख्या, फैक्ट्रियों की संख्या और उसके आसपास के शहरों में प्रदूषण का स्तर भी मायने रखता है.
'पड़ोसी शहरों के प्रदूषण से भी खराब होती है हवा'
डॉक्टर खैवाल ने अपनी बात को और आसानी से समझाने के लिए देश की राजधानी दिल्ली का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि जैसे हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद और रोहतक शहर दिल्ली के साथ लगते शहर हैं. इस वजह से दिल्ली के प्रदूषण का असर उन शहरों पर भी होता है. जबकि शहरों में अपनी भी फैक्ट्रियां हैं. इसके अलावा एग्रीकल्चर एक्टिविटी जैसे पराली जलाने से भी प्रदूषण फैलता है.
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'कम चौडे और टूटी सड़कों वाले शहर भी हैं प्रदूषण के शिकार'
डॉ. खैवाल का कहना है कि एक स्टडी में यह भी देखा गया है कि जिन शहरों में सड़कें साफ सुथरी नहीं होती, टूटी-फूटी होती हैं या कम चौड़ी होती हैं. उनमें भी प्रदूषण ज्यादा फैलता है. सफाई ना होने की वजह से वाहनों के आने जाने से बड़ी मात्रा में धूल उड़ती है. जिससे प्रदूषण फैलता है. इसके अलावा सड़कें टूटी फूटी होने से या कम चौड़ी होने से कई जगह पर जाम की स्थिति बनी रहती है. जिससे प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है.
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चंडीगढ़ में इन प्रमुख वजहों से साफ है हवा
चंडीगढ़ की सड़कें साफ और चौड़ी है लोग पर्यावरण को लेकर जागरूक हैं. यहां पर हरियाली भी ज्यादा है इसके अलावा पेड़ों को नहीं काटा जाता. फैक्ट्रियों को लेकर भी कई कानून बनाए गए हैं. सड़कों पर ज्यादा पुराने वाहन नहीं चलते. जिस यहां पर प्रदूषण का स्तर कम रहता है. अब लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल भी खरीदने लगे हैं. जिससे भविष्य में प्रदूषण में और भी कमी आएगी. ज्यादातर शहरों में इन सब बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता. जिस वजह से वहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स ज्यादा होता है.
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'कई जिलों से क्षेत्रफल में बड़ी है राजधानी, फिर भी कम प्रदूषित'
चंडीगढ़ हरियाणा के कई जिलों के मुकाबले बड़ा शहर है, लेकिन फिर भी चंडीगढ़ में उन जिलों के मुकाबले प्रदूषण का स्तर काफी कम है. जिसके पीछे कई कारण है. अगर उन जिलों में भी चंडीगढ़ की तरह पर्यावरण को लेकर जागरूकता फैलाई जाए और हरियाली को बढ़ावा दिया जाए तो वह शहर भी चंडीगढ़ की तरह बनाए जा सकते हैं.