चंडीगढ़: रेगुलेटरी पैनल ने चंडीगढ़ बिजली विभाग को गर्मी के मौसम में बिजली की बढ़ती जरूरत को देखते हुए, बिजली विभाग में उचित स्टाफ के मुहैया करने के निर्देश दिए हैं. जिसे लेकर जॉइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (जेईआरसी) ने यूटी बिजली विभाग को निर्देश दिया है, कि गर्मी के मौसम में विभाग के समुचित कार्य के लिए पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाया जाए.
बता दें कि बीते साल शहर में 24 घंटे बिजली सप्लाई को देखते हुए, कमीशन के समक्ष स्टाफ की कमी का मुद्दा उठाया गया था. ऐसे में उपभोक्ताओं के अधिकार नियम 2020 अधिसूचना के मद्देनजर, उपभोक्ताओं को संतोषजनक सेवाएं प्रदान करने के लिए सभी स्तरों पर कर्मचारी की भारी कमी दर्ज की गई है. ऐसे में जेईआरसी ने इससे पहले 2014 में कर्मचारी भर्ती को मंजूरी दी थी. जब एक अध्ययन में 1,720 के स्वीकृत पदों के मुकाबले 1,419 कर्मियों को दिखाया गया था. 31 मार्च 2015 तक केवल 1,014 पद भरे गए थे. हितधारकों ने कहा कि 30 वर्ग ए, 194 वर्ग बी और 105 वर्ग सी कर्मियों की कमी थी. यह कहते हुए कि कमी को ठीक करने की आवश्यकता है.
29 दिसंबर, 2014 की जेईआरसी की सिफारिश करते हुए, 14 जुलाई, 2015 को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को प्रस्तुत की गई थी. मंत्रालय ने 5 मई, 2017 ने एक पत्र के माध्यम से कुछ आपत्तियां उठाई थी. ऐसे में जो सक्षम प्राधिकारी के विचाराधीन रहा. जिसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
वहीं, विभाग के निजीकरण के कारण विभिन्न चरणों में लिए गए निर्णयों के मद्देनजर, विभिन्न श्रेणियों के तहत पदों की संख्या समाप्त कर दी गई. वहीं, ग्रुप-सी के 612 पदों फिर से विचार करने के लिए यह मामला उच्च अधिकारियों को भेजा गया है. ताकि इन्हें नियमित आधार पर भरा जा सके. इसके अलावा, विभाग ने कहा कि विभिन्न श्रेणियों के जीवित पदों को भरने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है.
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वहीं, दूसरी आयोग ने गर्मी की शुरुआत होने से पहले कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही सुनिश्चित किया है कि विभाग के समुचित कार्य के लिए पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध किए जाएं. इस बीच, हितधारकों ने शहर में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए स्मार्ट ग्रिड परियोजना को बीच में ही समाप्त करने के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई का अनुरोध किया. हालांकि, विभाग ने कहा कि पैन सिटी के लिए स्मार्ट ग्रिड परियोजना केंद्र द्वारा बंद कर दिया गया है. वहीं, इस योजना में बड़े बदलाव करते हुए स्मार्ट मीटर को बचे हुए इलाकों में जल्द लगाया जाएगा.