चंडीगढ़: हरियाणा में पराली जलाने की समस्या जस की तस बनी हुई है. धान की फसल कटने के बाद किसानों ने फिर से पराली जलानी शुरू कर दी है. चंडीगढ़ प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित है कि हरियाणा में पराली जलाए जाने से चंडीगढ़ की हवा दूषित ना हो जाए. इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने हरियाणा सरकार से बात करने के लिए तैयारी कर ली है.
तापमान गिरने से बढ़ा प्रदूषण का स्तर
चंडीगढ़ के चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट देवेंद्र दलाई ने कहा कि इन दिनों धीरे-धीरे तापमान कम हो रहा है. तापमान कम होने के साथ ही प्रदूषण की समस्या भी बढ़ने लगती है. तापमान कम होने की वजह से हवा ठंडी हो जाती है, जिससे धूआं हवा से बाहर नहीं निकल पाता और हवा में ही रह जाता है, इससे प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है.
पराली प्रदूषण से परेशान प्रशासन
पराली को जलाने के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में पराली जलाई जा रही है. अगर हवा की दिशा चंडीगढ़ की ओर होती है तो हरियाणा से बड़ी मात्रा में दूषित हवा चंडीगढ़ की हवा में मिल जाएगी, जिससे चंडीगढ़ में प्रदूषण बढ़ जाएगा. तापमान कम होने की वजह से यह दूषित हवा ऊपर नहीं जा पाएगी.
हरियाणा सरकार से बात करेगा चंडीगढ़ प्रशासन
उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन जल्द ही हरियाणा सरकार से बात कर सकता है, ताकि हरियाणा सरकार किसानों को पराली जलाने से रोक सके.
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पंजाब और हरियाणा में प्रदूषण
आपको बता दें कि पराली जलाने की वजह से हरियाणा के कई शहर देशभर में सबसे ज्यादा प्रदूषित पाए गए हैं. नासा ने भी एक तस्वीर जारी कर यह बताया है कि भारत में हरियाणा और पंजाब में पराली की वजह से सबसे ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है.