चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम (एमसी) ने सोमवार को कुत्तों की नसबंदी अभियान फिर से शुरू किया गया है. आवारा कुत्तों के खतरे से निपटने और एनिमल बर्थ कंट्रोल के लिए प्रशासन ने ये अभियान शुरू किया है. नगर निगम की योजना के अनुसार एक समय में सेक्टर में अभियान चलाया जाएगा. यह प्रजनन दर को सीमित करने के लिए मादा कुत्तों की नसबंदी पर ध्यान केंद्रित करेगा.
इस अभियान की शुरुआत सेक्टर 28, 27 और 29 पार्षदों और स्थानीय लोगों के द्वारा की गई शिकायतों के चलते शुरू किया गया है. वहीं, इस नसबंदी अभियान की शुरुआत करते हुए नगर निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने कहा कि शहर के हर सेक्टर में इस ड्राइव को चलाने का लक्ष्य रखा गया है. ताकि सभी कुत्तों, विशेष रूप से मादाओं की नसबंदी की जा सके. चूंकि कुत्ते अपना इलाका नहीं छोड़ते हैं. इससे उनकी आबादी को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि नसबंदी के लिए आवारा कुत्तों को पकड़ने से पहले, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और स्थानीय निवासियों को सार्वजनिक नोटिस, घोषणाओं और बैनरों के माध्यम से सूचित किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि कुत्तों को उठाने और छोड़ने के समय पर छोड़ना ओर समय पर पकड़ना कि तस्वीरें ली जाएंगी. यह सुनिश्चित करेगा कि कुत्ते अव्यवस्थित न हों और नसबंदी की गिनती रखने में मदद मिलेगी.
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कमिश्नर ने बताया कि आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे उपायों के लिए दो नई डॉग वैन खरीदी गई हैं. एक का उपयोग एनजीओ द्वारा एबीसी कार्यक्रम के लिए किया जाएगा और दूसरे का उपयोग डॉग कंट्रोल टीम द्वारा काटने या पागल कुत्तों की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाएगा. यूटी पशुपालन विभाग द्वारा 2018 में कुत्तों की गणना की गई थी. जिसमें शहर में 12,920 जंगली कुत्तों की पहचान की गई थी. हालांकि, नगर निगम का दावा है कि उसने 2015 से 2021 के बीच 20,799 कुत्तों की नसबंदी की है.