चंडीगढ़ः हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2014 में जब मुख्यमंत्री की कमान संभाली तो सुशासन का नारा जोर-शोर से दिया. सरकार ने ई-शासन से सुशासन की बात की. जिसके तहत ई-गवर्नेंस पर भी काम शुरू किया गया. प्रदेश में लगातार कई तरह के सुधार भी देखने को मिले. यही वजह है कि भारत सरकार की तरफ से हरियाणा को डिजिटल सेवा के लिए ‘गोल्ड अवार्ड’ से भी सम्मानित किया जा चुका है.
क्या है ई-गवर्नेंस या ई-शासन
सरकार द्धारा आम नागरिकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं को इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध कराना ही ई-गवर्नेंस या ई-शासन कहलाता है. इसके अंतर्गत शासकीय सेवाएँ और सूचनाएँ ऑनलाइन उपलब्ध होती हैं. ईटीवी भारत ने इसकी पड़ताल की..कि आखिर कोरोना काल में प्रदेश सरकार ने ई-सेवा को लेकर अभी तक क्या कारगर कदम उठाए हैं.
ये विभाग जुड़े ई-ऑफिस के साथ
ई-ऑफिस से अब तक मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय एवं वित्त विभाग कार्यालय सहित करीब 42 विभागों को ई-ऑफिस से जोड़ा जा चुका है. इनमें मुख्य रुप से मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्यसचिव कार्यलय एवं वित्त विभाग, नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, शहर और अभियोजना विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, श्रम विभाग, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी,कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण, परिवहन (वाणिज्यिक विंग) परिवहन (नियामक विंग), अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (निगम), उच्च और माध्यमिक व तकनीकी शिक्षा, विकास एवं पंचायत व ग्रामीण विकास, विज्ञान एवं तकनीक और एचएसआईआईडीसी विभाग शामिल है. इस ऑनलाइन माध्यम से 7200 उपयोगकर्ताओं द्वारा 18000 ई-फाइलों और 71 हजार से अधिक ई- रसीदों को विभिन्न विभागों से अटेस्ट होते हुए 3,80,000 बार स्थानांतरित की गई हैं.
क्या हुए काम और कैसे काम करता है ई-ऑफिस
हर वर्ष हरियाणा में ई-विभाग के माध्यम से लगभग 1 करोड़ आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हो रहे हैं और अंत्योदय सरल हेल्पलाइन के माध्यम से हर महीने योजनाओं और सेवाओं के बारे में 1 लाख से अधिक प्रश्नों और शिकायतों का समाधान किया जाता है. आवेदनों की स्थिति या जानकारी देने के लिए हर महीने 15 लाख से अधिक एसएमएस भेजे जाते हैं. फीडबैक कॉल के माध्यम से औसतन विभागों को नागरिक संतुष्टि के लिए 5 में से 4.3 की रेटिंग मिली है.
इसके अलावा सुशासन सहयोगी भर्ती पर भी बला दिया गया है, इच्छुक लोग आवेदन करते हैं और उनमे से योग्य अभ्यर्थियों को चुना जाता है, जिन्हें विभिन्न जिलों में समस्याओं का निपटारा करने के लिए भेजा जाता है.
ई-ऑफिस के फायदे
ई-ऑफिस की पहल से न केवल कागज की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण भी सुधरेगा. ई-ऑफिस से सभी आधिकारिक रिकॉर्ड एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो सकेंगे. बहुत से ऐसे कार्य हैं जिनके लिए दलालों की तरफ से पैसे लिए जाते थे , लेकिन अब सीधी सुविधा के माध्यम से दलालों की दलाली समाप्त हो गई है.
ऑनलाईन के इस दौर में आम जनता भी सरकार के इन कमों की तारीफ कर रही है, अब सरकार को चाहिए कि इन सुविधाओं का दायरा बढ़ाया जाए ताकि गांव-गांव तक लोगों को सहूलियत मिल सके.
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