चंडीगढ़: सोनीपत, पानीपत और फरीदाबाद समेत कई जिलों में जहरीली शराब से 50 से ज्यादा मौत और अवैध शराब की तस्करी के मामले में गठित एसआईटी ने जांच रिपोर्ट गृह सचिव राजीव अरोड़ा को सौंप दी है.
जहरीली शराब मामले में एसआईटी ने सौंपी रिपोर्ट
एसआईटी ने 270 पेज की रिपोर्ट गृह सचिव को सौंपी है. गृह सचिव आज गृह मंत्री अनिल विज को रिपोर्ट सौंप सकते हैं. एसीआईटी ने रिपोर्ट में शराब तस्करी होने से बड़े राजस्व हानि पर भी सवाल खड़े किए हैं. जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में एसआईटी की रिपोर्ट के बाद पुलिस और आबकारी विभाग के कई अफसरों पर गाज गिर सकती है.
रिपोर्ट में उठाए गए हैं कई सवाल
रिपोर्ट में कहा हरियाणा से दूसरे राज्यों में अवैध तरीके से शराब की तस्करी हो रही है, इससे राज्य सरकार को अरबों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. सूत्रों के अनुसार एसआईटी ने अवैध शराब तस्करी को रोकने के लिए भी सख्ती से काम नहीं हो रहा है ये भी सवाल उठाए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है स्थानीय स्तर पर ही कुछ लोगों ने लालच में घटिया शराब बनाई गई, जो जहरीली साबित हुई और कई लोगों की जान गई.
जहरीली शराब से लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि सोनीपत, पानीपत व फरीदाबाद जिलाें में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों के मरने के मामले में गृह मंत्री अनिल विज के आदेश पर ये एसआईटी गठित की गई थी. आईपीएस श्रीकांत जाधव की अध्यक्षता में 8 नवंबर, 2020 को एसआईटी बनाई गई थी.
इसमें जहरीली शराब से मरने वाले लोगों की भी रिपोर्ट दी गई है. वहीं अवैध शराब तस्करी का मामला भी रिपोर्ट में उठाया गया है. इससे पहले लॉकडाउन के दौरान हुई अवैध शराब की तस्करी का मामला सुर्खियों में रह चुका है, जिसमे उपमुख्यमंत्री जिनके पास एक्ससाइज एन्ड टैक्सेशन विभाग भी है. गृह मंत्री दोनों आमने सामने आ चुके हैं.
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इस मामले में वरिष्ठ अधिकारी टीसी गुप्ता की अध्यक्षता में एसईटी का गठन किया था, एसईटी ने अपनी रिपोर्ट में एक्साइज कमिश्नर शेखर विद्यार्थी और तत्कालीन सोनीपत की एसपी प्रतीक्षा गोदारा की भूमिका पर सवाल उठाए थे. विज ने इन दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश भी मुख्यमंत्री से की थी. शराब घोटाले में टीसी गुप्ता की रिपोर्ट के बाद गृह मंत्री अनिल विज की सिफारिश पर सरकार ने इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को सौंपी है.