सोनीपत: हरियाणा सरकार की ओर से गठित की गई स्टेट लेवल हाई पावर कमेटी (Haryana High Power Committee invited farmers) किसानों से बातचीत करने के लिए सोनीपत स्तिथ दीन बंधु छोटूराम विश्वविद्यालय पहुंची. कमेटी में हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, हरियाणा डीजीपी पीके अग्रवाल मौजूद रहे, लेकिन किसान संगठनों की ओर से बाचतीच के लिए कोई नहीं पहुंचा. जिसके बाद कमेटी स्थानीय उद्योगपतियों के साथ बैठक की.
उद्योगपतियों के साथ बैठक में हरियाणा सरकार के आला अधिकारियों के साथ रोहतक रेंज आईजी एडीजीपी संदीप खिरवार, सोनीपत डीसी ललित सिवाच, सोनीपत एसपी जश्नदीप सिंह रंधावा, झज्जर डीसी श्याम लाल पुनिया, झज्जर एसपी राजेश दुग्गल और अन्य रोहतक रेंज के अधिकारी मौजूद रहे. जानकारी है कि इस बैठक में कमेटी किसान धरने की वजह से उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली. वहीं इस समस्या का निकालने के सबसे बेहत तरीके पर विचार किया गया.
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बता दें कि शनिवार को ही हाई पावर कमेटी के न्योते को किसानों ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया था. इस न्योते को लेकर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों (sonipat farmers meeting) की शनिवार को सोनीपत में कई घंटों तक बैठक हुई, जिसमें ये फैसला लिया गया कि सरकार की कोर कमेटी के साथ होने वाली मीटिंग में किसान नेता नहीं जाएंगे. बैठक के बाद किसान नेता मनजीत सिंह राय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार की कोर कमेटी के साथ हम बैठक नहीं करेंगे. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है वह हरियाणा सरकार को दिया है और हम उसमें पार्टी नहीं है.
बता दें कि, हरियाणा सरकार की ओर से गठित की गई स्टेट लेवल कमेटी ने 19 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) समेत 43 किसान नेताओं को न्योता भेजा था. सोनीपत जिले के मुरथल में इस बैठक का आयोजन होना है. एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को सिंघु बार्डर का एक तरफ का रास्ता खुलवाने को लेकर (Open one Way Singhu Border) आदेश दिया है.
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इसी को लेकर हरियाणा सरकार ने हाई लेवल बैठक की थी. बैठक के बाद सरकार ने मामले के समाधान के लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना के लिए गृह सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है. अब इस कमेटी ने किसानों को बातचीत का न्योता दिया था. स्टेट लेवल कमेटी ने 19 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा समेत 43 किसान नेताओं को न्योता भेजा था. हैरानी की बात ये थी कि इस लिस्ट में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait Farmer Leader) का नाम नहीं था.
बता दें कि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को रास्ता खुलवाने के लिए किसानों से बातचीत कर समाधान निकालने के आदेश दिए थे. 9 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर किसान सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. किसानों ने बॉर्डर पर दोनों तरफ का रास्ता बंद किया हुआ है. मोनिका अग्रवाल की जनहित याचिका (सिविल) नंबर-249/2021 पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि कुंडली-सिंघू बॉर्डर पर धरनारत किसानों से एक तरफ मार्ग छुड़वाया जाए. जिसके बाद प्रशासन से किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि वो इस बात पर सकारात्मक विचार करेंगे.
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