चंडीगढ़: हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के 25 पदाधिकारियों की चंडीगढ़ हरियाणा निवास में मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई. दो दौर की यह बैठक पांच घंटे से ज्यादा समय तक चली लेकिन कोई अंतिम सहमति नहीं बन पाई है. हलांकि बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल सकारात्मक दिखाई दिए. सीएम ने कहा कि ज्यादातर मांगों पर सहमति बन गई है लेकिन सरपंच एसोसिएशन ने इस दावे को साफ खारिज कर दिया.
मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए मु्ख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई है. सरपंचों की जो 15-16 मांगें थी, उनमें से ज्यादातर पर सहमति बन गई है. कुछ एक बातें ऐसी है जिन पर ये रात को बैठकर आपस में बातचीत करेंगे. एक बार सुबह हम फिर बैठेंगे, जिसके बाद फैसला हो जाएगा. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया की किन मांगों पर सहमति बनी है और किन पर पेंच फंसा है.
इधर दो दौर की बैठक के बाद हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर समैण ने सीएम से उल्ट बयान में कहा कि हमारी सभी प्रमुख मांगों पर कोई सहमति नहीं बनी है. हम शुक्रवार 12 बजे तक का समय दे रहे हैं. चर्चा जारी है. शुक्रवार को दुबारा हमारी बैठक होगी. हमारा आंदोलन जारी है और अगर मांगों पर सहमति नहीं बन पाती है तो आगे विरोध की रणनीति तैयार करेंगे.
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आपको बता दें कि हरियाणा के सरपंचों का सबसे मुख्य मुद्दा ई टेंडरिंग को लेकर है. इसी मांग पर कोई सहमति न बन पाने के चलते हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारी नाखुश नजर आए. हरियाणा सरपंच एसोसिएशन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बैठक में अपनी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर आए थे. सरपंचों की 16 मांगे इस प्रकार हैं.
- 73वें संशोधन की 11 वीं सूची के 29 अधिकारों को पूर्ण रूप से लागू किया जाए.
- ई टेंडरिंग प्रणाली का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन इसकी लिमिट 20 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया जाए.
- ग्राम पंचायतों में कार्यरत सभी विभागों के कर्मचारियों की एसीआर लिखने का अधिकार सरपंच को दिया जाए या वो कर्मचारी सरपंच के अधीन किया जाए.
- गांव में कराए जाने वाले विकास कार्यो में कमी पाए जाने पर कार्यवाही संबंधित अधिकारी के खिलाफ की जाए ना कि सरपंच के खिलाफ क्योंकि सरपंच टेक्निकल नहीं होता.
- टोल टैक्स सरपंच के लिए माफ होना चाहिए.
- ग्राम पंचायत की जमीन की रजिस्ट्री का 1 प्रतिशत पैसा पंचायत खाते में दिया जाए.
- ग्राम पंचायतों में घरेलू बिजली के बिलों का 2 फीसदी पैसा पंचायत खाते में दिया जाए.
- ग्राम पंचायतों में सरकार द्वारा करवाए जाने वाले सभी कार्यों में गुणवत्ता कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र सरपंच से लेना अनिवार्य किया जाए. सभी कार्यों में सरपंच की भूमिका होनी चाहिए.
- सरपंचों का वेतन 3 हजार है, इसे बढ़ाकर 30 हजार रुपये किया जाए और पंचों का वेतन एक हजार रुपए से 5000 किया जाए.
- राइट टू रिकॉल कानून पहले विधायकों व सांसदों पर लागू किया जाए उसके बाद स्थानीय निकाय संस्था पर लागू किया जाए.
- पंचायत सचिवालय में कॉमन सर्विस सेंटर में ऑपरेटर अलग से स्थापित किए जाए ताकि आमजन को सुविधा का लाभ मिल सके.
- पूर्व सरपंच की पेंशन अभी 1000 रुपये है, उसे बढ़ाया जाए.
- मनरेगा की पेमेंट 3 महीने के अंदर होनी चाहिए तथा इसको ब्लॉक लेवल पर किया जाए. दैनिक मजदूरी अब 321 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये की जाए और मनरेगा की ऑनलाइन हाजरी बंद की जाए क्योंकि अनेकों गांव में इंटरनेट काम नहीं कर रहा होता और वह गैर हाजिर हो जाते हैं.
- आंदोलन के दौरान जो भी केस किए गए हैं वो सभी वापस लिया जाएं.
- गांव के अंदर पंचायत जमीन पर जो नाजायज कब्जा किया गया है उसको तुरंत प्रभाव से हटाया जाए.
- पीआरआई की बाकी बकाया राशि पंचायतों में जारी हो.