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परिवहन मंत्री के साथ बैठक के बाद रोडवेज कर्मचारियों ने 7 जनवरी से होने वाली हड़ताल वापस ली

8 जनवरी को होने वाली देशव्यापी हड़ताल में रोडवेज की अधिकतर यूनियन हिस्सा लेंगी. फिलहाल 7 जनवरी को होने वाली हड़ताल रद्द हो गई है.

Roadways employees strike
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Published : Jan 6, 2020, 7:32 PM IST

Updated : Jan 7, 2020, 7:16 AM IST

चंडीगढ़: 7 जनवरी को होने वाली हरियाणा रोडवेज की हड़ताल रद्द हो गई है. चंडीगढ़ में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ रोडवेज कर्मचारियों ने बैठक की. बैठक में दोनों पक्षों के बीच सहमति हुई. जिसके बाद रोडवेज कर्मचारियों ने हड़लात को रद्द करने का फैसला किया.

8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल में रोडवेज की अधिकतर यूनियन हिस्सा लेंगी
हालांकि 8 जनवरी को होने वाली देशव्यापी हड़ताल में रोडवेज की अधिकतर यूनियन हिस्सा लेंगी. फिलहाल 7 जनवरी को होने वाली हड़ताल रद्द हो गई है. हड़ताल से ठीक 1 दिन पहले सरकार ने हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की 9 यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी मांगों को सुना.

7 जनवरी को होने वाली रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल रद्द

चंडीगढ़ में परिवहन मंत्री और रोडवेज के आला अधिकारियों की हुई बैठक
चंडीगढ़ के पंचायत भवन में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, रोडवेज के आला अधिकारी और रोडवेज कर्मचारियों के बीच कई घंटे लंबी बैठक चली. आखिर में फैसला हुआ कि फिलहाल कोई हड़ताल नहीं होगी. सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों को उनकी मांगें पूरा करने के लिए 3 महीने का समय दिया गया है.

ज्यादातर मांगों को लेकर दोनों पक्षों में बनी सहमति
रोडवेज यूनियन के कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार ने तमाम मांगों को पूरा करने पर अपनी ओर से सहमति जताई है. किलोमीटर स्कीम को लेकर दलबीर किरमारा ने कहा कि करीब 190 बसों का सरकार और ट्रांसपोर्टरों में एग्रीमेंट हुआ है और उन बसों को लेकर रोडवेज यूनियन अब कोई विरोध नहीं करेंगी, लेकिन नए एग्रीमेंट हुए तो पुरजोर विरोध किया जाएगा.

सरकार ने मांगे पूरी करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया
दलबीर किरमारा ने बताया कि सरकार ने 3 महीने यानी 31 मार्च तक तमाम मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है. पिछली हड़ताल पर जिक्र करते हुए किरमारा ने कहा कि रोडवेज जिन्होंने सिर्फ अपने हित के लिए हड़ताल नहीं करती बल्कि आम जनता के लिए हड़ताल करती है. रोडवेज कर्मचारियों को एस्मा जैसे कानून का सामना करना पड़ता है जेल जाना पड़ता है नौकरी से हाथ धोना पड़ता है और वो सिर्फ खुद के लिए नहीं बल्कि आम जनता के हित के लिए किया जाता है.

कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने पर भी बनी सहमति
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि रोडवेज यूनियन के साथ बातचीत सफल रही है और कई मुद्दों को लेकर दोनों में सहमति बन गई है. मूलचंद शर्मा ने बताया कि साल 1992 से लेकर साल 2002 तक भर्ती किए गए कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की रोडवेज कर्मचारियों की मांग को एक बार फिर पूरा करने की कोशिश की जाएगी. इस मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने एक कमेटी बनाई है. जो 31 मार्च तक कोई ना कोई हल निकालेगी.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ः मेयर पद के लिए नॉमिनेशन का आखिरी दिन, बीजेपी ने अभी तक नहीं घोषित किया उम्मीदवार

वर्कशॉप में काम करने वाले रोडवेज कर्मचारियों की छुट्टियों को लेकर भी एक कमेटी का गठन किया गया है और ये कमेटी 15 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. ओवरटाइम के मुद्दे पर परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि रूट की जरूरत के हिसाब से ओवरटाइम भी दिया जाएगा और फिलहाल ओवरटाइम बंद है लेकिन पुराने आदेश को भी रिव्यू करने का काम किया जा सकता है.

चंडीगढ़: 7 जनवरी को होने वाली हरियाणा रोडवेज की हड़ताल रद्द हो गई है. चंडीगढ़ में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ रोडवेज कर्मचारियों ने बैठक की. बैठक में दोनों पक्षों के बीच सहमति हुई. जिसके बाद रोडवेज कर्मचारियों ने हड़लात को रद्द करने का फैसला किया.

8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल में रोडवेज की अधिकतर यूनियन हिस्सा लेंगी
हालांकि 8 जनवरी को होने वाली देशव्यापी हड़ताल में रोडवेज की अधिकतर यूनियन हिस्सा लेंगी. फिलहाल 7 जनवरी को होने वाली हड़ताल रद्द हो गई है. हड़ताल से ठीक 1 दिन पहले सरकार ने हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की 9 यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी मांगों को सुना.

7 जनवरी को होने वाली रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल रद्द

चंडीगढ़ में परिवहन मंत्री और रोडवेज के आला अधिकारियों की हुई बैठक
चंडीगढ़ के पंचायत भवन में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, रोडवेज के आला अधिकारी और रोडवेज कर्मचारियों के बीच कई घंटे लंबी बैठक चली. आखिर में फैसला हुआ कि फिलहाल कोई हड़ताल नहीं होगी. सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों को उनकी मांगें पूरा करने के लिए 3 महीने का समय दिया गया है.

ज्यादातर मांगों को लेकर दोनों पक्षों में बनी सहमति
रोडवेज यूनियन के कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार ने तमाम मांगों को पूरा करने पर अपनी ओर से सहमति जताई है. किलोमीटर स्कीम को लेकर दलबीर किरमारा ने कहा कि करीब 190 बसों का सरकार और ट्रांसपोर्टरों में एग्रीमेंट हुआ है और उन बसों को लेकर रोडवेज यूनियन अब कोई विरोध नहीं करेंगी, लेकिन नए एग्रीमेंट हुए तो पुरजोर विरोध किया जाएगा.

सरकार ने मांगे पूरी करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया
दलबीर किरमारा ने बताया कि सरकार ने 3 महीने यानी 31 मार्च तक तमाम मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है. पिछली हड़ताल पर जिक्र करते हुए किरमारा ने कहा कि रोडवेज जिन्होंने सिर्फ अपने हित के लिए हड़ताल नहीं करती बल्कि आम जनता के लिए हड़ताल करती है. रोडवेज कर्मचारियों को एस्मा जैसे कानून का सामना करना पड़ता है जेल जाना पड़ता है नौकरी से हाथ धोना पड़ता है और वो सिर्फ खुद के लिए नहीं बल्कि आम जनता के हित के लिए किया जाता है.

कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने पर भी बनी सहमति
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि रोडवेज यूनियन के साथ बातचीत सफल रही है और कई मुद्दों को लेकर दोनों में सहमति बन गई है. मूलचंद शर्मा ने बताया कि साल 1992 से लेकर साल 2002 तक भर्ती किए गए कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की रोडवेज कर्मचारियों की मांग को एक बार फिर पूरा करने की कोशिश की जाएगी. इस मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने एक कमेटी बनाई है. जो 31 मार्च तक कोई ना कोई हल निकालेगी.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ः मेयर पद के लिए नॉमिनेशन का आखिरी दिन, बीजेपी ने अभी तक नहीं घोषित किया उम्मीदवार

वर्कशॉप में काम करने वाले रोडवेज कर्मचारियों की छुट्टियों को लेकर भी एक कमेटी का गठन किया गया है और ये कमेटी 15 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. ओवरटाइम के मुद्दे पर परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि रूट की जरूरत के हिसाब से ओवरटाइम भी दिया जाएगा और फिलहाल ओवरटाइम बंद है लेकिन पुराने आदेश को भी रिव्यू करने का काम किया जा सकता है.

Intro:चंडीगढ, हरियाणा रोडवेज की प्रस्तावित हड़ताल अब रद्द हो गई है अपनी मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल की चेतावनी दी थी जो 7 जनवरी से शुरू होनी थी लेकिन हड़ताल की डेट से 1 दिन पहले ही परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ रोडवेज यूनियनों की बैठक में दोनों पक्षों में सहमति बन गई है और हड़ताल को कैंसिल कर दिया गया है हालांकि 8 जनवरी को होनेवाली देशव्यापी हड़ताल में रोडवेज की अधिकतर यूनिनॉर भाग लेंगी ।

रोडवेज कर्मचारियों को हड़ताल न करने पर सरकार ने राजी कर लिया है नए साल के शुरुआत में ही रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार को हड़ताल की चेतावनी दी थी रोडवेज कर्मचारी सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते हुए 7 जनवरी को यह हड़ताल करने वाले थे लेकिन हड़ताल से ठीक 1 दिन पहले सरकार ने हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की 9 यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी हर मांग को सुना चंडीगढ़ के पंचायत भवन में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा और रोडवेज के आला अधिकारियों व रोडवेज कर्मचारियों के बीच कई घंटों तक बैठक का दौर चला और बैठक में आखिर में फैसला हुआ कि फिलहाल कोई हड़ताल नहीं होगी और वादे पूरे करने के लिए भी सरकार को पूरा 3 महीने का समय रोडवेज कर्मचारियों की ओर से दे दिया गया है । रोडवेज यूनियन के कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा रोडवेज कर्मचारियों का पक्ष रखते हुए बैठक के बाद कहा कि सरकार ने तमाम मांगों को पूरा करने पर अपनी ओर से सहमति जताई है वहीं किलोमीटर स्कीम को लेकर दलबीर किरमारा ने साफ किया कि करीब 190 बसों का सरकार और ट्रांसपोर्टरों में एग्रीमेंट हुआ है और उन बसों को लेकर रोडवेज यूनियन अब कोई विरोध नहीं करेंगे लेकिन नए एग्रीमेंट हुए तो पुरजोर विरोध किया जाएगा दलवीर किरमारा ने बताया कि सरकार ने 3 महीने यानी 31 मार्च तक तमाम मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है वहीं पिछली हड़ताल पर जिक्र करते हुए किरमारा ने कहा कि रोडवेज जिन्होंने सिर्फ अपने हित के लिए हड़ताल नहीं करती बल्कि आम जनता के लिए हड़ताल करती है रोडवेज कर्मचारियों को एस्मा जैसे कानून का सामना करना पड़ता है जेल जाना पड़ता है नौकरी से हाथ धोना पड़ता है और वह सिर्फ खुद के लिए नहीं बल्कि आम जनता के हित के लिए किया जाता है। किरमारा ने बताया कि 7 जनवरी को होने वाली हड़ताल न करने पर तमाम कर्मचारियों में सहमति बन गई है लेकिन 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में रोडवेज यूनियन जरूर हिस्सा लेंगे और उसका समर्थन करेंगे ।


Body:वही परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि रोडवेज यूनियन के साथ बातचीत सफल रही है और कई मुद्दों को लेकर दोनों में सहमति बन गई है मूलचंद शर्मा ने बताया कि 1992 से लेकर साल 2002 तक भर्ती किए गए कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की रोडवेज कर्मचारियों की मांग को एक बार फिर पूरा करने की कोशिश की जाएगी इस मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने एक कमेटी बनाई है जो 31 मार्च तक कोई ना कोई हल निकालेगी ।

वर्कशॉप में काम करने वाले रोडवेज कर्मचारियों की छुट्टियों को लेकर भी एक कमेटी का गठन किया गया है और यह कमेटी 15 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट सौंपी की टेक्निकल स्केल के मुद्दे को कैबिनेट मिलाकर कोई ना कोई फैसला जरूर लिया जाएगा ओवरटाइम के मुद्दे पर बोलते हुए परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि रूट की जरूरत के हिसाब से ओवरटाइम भी दिया जाएगा और फिलहाल ओवरटाइम बंद है लेकिन पुराने आदेश को भी रिव्यू करने का काम किया जा सकता है ।


Conclusion:नए साल में एक नई मुसीबत को सरकार ने पुराने तरीके से टाल दिया है पुराना तरीका है आश्वासन देने का और एक बार फिर से रोडवेज कर्मचारियों को सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है अब देखना होगा कि क्या रोडवेज कर्मचारियों की मांगे 31 मार्च तक पूरी हो पाएंगी या नहीं ।
Last Updated : Jan 7, 2020, 7:16 AM IST

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