चंडीगढ़: हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा की जाने वाली दुकानों/भूखंडों की नीलामी अब हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया की तर्ज पर की जाएगी. कृषि विपणन बोर्ड का नई प्रक्रिया से न केवल राजस्व बढ़ेगा बल्कि नीलामी प्रक्रिया में भी और अधिक पारदर्शिता आएगी.
ये निर्णय बुधवार को यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की समीक्षा बैठक में लिया गया. संसाधन जुटाने के लिए एचएसएएमबी द्वारा अपनाई गई रणनीतियों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि तेल मिल, कपास और चावल विक्रेता का नियमित निरीक्षण किया गया है. जिसमें इस वित्तीय वर्ष के दौरान बाजार शुल्क और एचआरडीएफ के रूप में 2.73 करोड़ रुपये की चोरी का पता चला है.
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उन्होंने कहा कि दुकान मालिकों और अन्य लोगों के लिए विशेष रूप से विवादों का समाधान की तर्ज पर एक नया कार्यक्रम चलाया जाए ताकि वर्षों से लंबित शिकायतों का प्राथमिकता से निदान किया जा सके. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संबंधित अधिकारियों को विपणन नीति तैयार करने के निर्देश दिए ताकि राज्य में बनने वाली नई मंडियों में दुकानों का आवंटन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया जा सके.
हरियाणा में कुछ मंडियों और खरीद केंद्रों में भीड़भाड़ की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सभी मंडियों और खरीद केन्द्रों की मैपिंग की जाए और जहां कहीं भीड़भाड़ की समस्या हो वहां नये यार्ड, सब-यार्ड या खरीद केंद्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएं.
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मुख्यमंत्री ने ये भी निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों के किसान जो हरियाणा में अपनी फसल बेचने के इच्छुक हैं, उनके लिए सीमावर्ती जिलों में भारतीय खाद्य निगम की अनुमति से विशेष खरीद केंद्र स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाया जाए. इन खरीद केंद्रों में सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी पर फसलों की खरीद की जाएगी. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है कि 1 अप्रैल, 2021 को एचएसएएमबी ने ‘विवादों से समाधान’ नाम से एक अनूठी योजना शुरू की थी, ताकि उन आवंटियों, जो अपनी किश्तों व एक्सटेंशन फीस का भुगतान करने में विफल रहे हों और निर्धारित अवधि में दुकान/बूथ का निर्माण नहीं करवा पाए हों, को अंतिम अवसर दिया जा सके.
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बैठक में बताया गया कि अतिरिक्त भूमि और भवनों की पहचान कर ली गई है और सलाहकार द्वारा इस संदर्भ में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है. इन संपत्तियों को खुली नीलामी के माध्यम से बेचने के प्रयास किए जाएंगे, मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि एचएसएएमबी गोदामों के निर्माण के लिए हरियाणा राज्य भंडारण निगम को पट्टे पर अतिरिक्त भूमि देगा और दोनों के मध्य राजस्व का बंटवारा होगा.