चंडीगढ़: देश के कई राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले बड़ीं संख्या में सामने आ रहे हैं. हरियाणा में भी ब्लैक फंगस के 420 मामले अभी तक सामने आ चुके हैं. अभी तक ब्लैक फंगस कोरोना के मरीजों के ठीक होने के बाद उन्हें चपेट में ले रहा है, ऐसे अध्ययन सामने आ रहे थे, लेकिन हरियाणा में कोरोना के मरीजों पर हुए अध्ययन से चौंका देने वाली बात पता चली है.
हरियाणा में कोरोना के मरीजों पर हुए अध्ययन में सामने आया है कि 23 ब्लैक फंगस के मरीज कोरोना पॉजिटिव नहीं थे. 155 मरीजों पर हुए अध्ययन से सामने आया है कि 23 में ऐसा कोई लक्षण नहीं था जो ब्लैक फंगस होने के कारण बताए जा रहे हैं.
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ब्लैक फंगस को लेकर मीडिया में चल रहे विभिन्न तरह के कारणों को खारिज कर दिया है. सोमवार को चंडीगढ़ में उन्होंने कहा कि अब तक ब्लैक फंगस होने के किसी भी वजह को लेकर कोई पुख्ता कारण नहीं मिला है.
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हरियाणा में अब तक ब्लैक फंगस के 421 मामले सामने आए हैं, 23 लोगों को बिना कोरोना हुए भी ब्लैक फंगस हुआ है. उन्होंने बताया कि हरियाणा में ब्लैक फंगस के 155 मरीजों पर सर्वे करवाया गया है, जिसमें से 129 को कोरोना हुआ था जबकि 23 लोगों कोरोना नहीं हुआ था या उन्हें कोई दिक्कत या बीमारी नहीं थी.
वहीं इनमें से 132 लोग शुगर के मरीज भी थे, 116 मरीजों को कोरोना के इलाज के दौरान डॉक्टर्स की देखरेख में स्टेरॉयड दिया गया था, जबकि 69 वेंटिलेटर पर भी रहे थे, लेकिन अभी तक निष्कर्ष नहीं निकला है कि इन्हें ब्लैक फंगस क्यों हुआ.
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