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17 अगस्त से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री होगी शुरू, पहले लेनी होगी ऑनलाइन अपॉइंटमेंट

हरियाणा में 17 अगस्त से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी. साथ ही 11 अगस्त से ई-अपॉइंटमेंट लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. जिसके लिए विभाग की ओर से सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

registry of agricultural land will start in rural areas from august 17
मुख्यमंत्री मनोहर लाल बैठक
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Published : Aug 10, 2020, 6:52 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने 11 अगस्त, 2020 से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री के लिए ई-अपॉइंटमेंट लेने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है. हालांकि, कृषि भूमि के विलेखों (डीड) का पंजीकरण 17 अगस्त, 2020 से शुरू होगा. इसी प्रकार, शहरी क्षेत्रों में भूमि के पंजीकरण के लिए ई-अपॉइंटमेंट लेने की प्रक्रिया 17 अगस्त, 2020 से शुरू होगी और जल्द ही नए सिरे से पंजीकरण का कार्य भी शुरू जाएगा. ये निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई विभिन्न विभागों को राजस्व विभाग की ई-पंजीकरण प्रणाली के साथ जोड़ने की समीक्षा बैठक में लिया गया.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सोमवार को चंडीगढ़ में हुई विभिन्न विभागों को राजस्व विभाग की ई-पंजीकरण प्रणाली के साथ जोड़ने की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि के ई-पंजीकरण के लिए मॉड्यूल राजस्व विभाग द्वारा तैयार किया गया है. इसका परीक्षण पूरा हो चुका है और 11 अगस्त, 2020 से राज्य के लोग ई-अपॉइंटमेंट ले सकेंगे.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शहरी क्षेत्रों में स्थित भूमि, जोकि हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन अधिनियम, 1975 (समय-समय पर संशोधित) की धारा 7ए के तहत घोषित/अधिसूचित है और वे गांव जहां जमाबंदी वर्तमान में ऑफलाइन हैं और वेब-हैलरिस पर उपलब्ध नहीं हैं, से संबंधित भूमि के विलेख का पंजीकरण नहीं किया जाएगा. इसके अलावा कुछ समय के लिए नियंत्रित क्षेत्र में भी भूमि विलेखों का पंजीकरण नहीं होगा.

ये भी पढे़ं:-इसी हफ्ते रजिस्ट्रियों पर से हट सकता है बैन: उप मुख्यमंत्री

बैठक में ये भी बताया गया कि राज्य में शहरी क्षेत्रों में कुल 32 लाख संपत्तियां हैं. जिनमें से 18 लाख संपत्तियों के डाटा को विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है. हालांकि शेष संपत्तियों को भी 31 अक्टूबर 2020 तक एकल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा. बैठक में जानकारी दी गई है कि हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम (HSIIDC) की लगभग 3.48 लाख संपत्तियां हैं और 2009 से इन सभी संपत्तियों का डाटा डिजिटल किया जा चुका है. 58,000 अधिग्रहित भूमि में से लगभग 26,000 भूमि का डाटा राजस्व विभाग की ई-पंजीकरण प्रणाली के साथ जोड़ दिया गया है.

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने 11 अगस्त, 2020 से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री के लिए ई-अपॉइंटमेंट लेने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है. हालांकि, कृषि भूमि के विलेखों (डीड) का पंजीकरण 17 अगस्त, 2020 से शुरू होगा. इसी प्रकार, शहरी क्षेत्रों में भूमि के पंजीकरण के लिए ई-अपॉइंटमेंट लेने की प्रक्रिया 17 अगस्त, 2020 से शुरू होगी और जल्द ही नए सिरे से पंजीकरण का कार्य भी शुरू जाएगा. ये निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई विभिन्न विभागों को राजस्व विभाग की ई-पंजीकरण प्रणाली के साथ जोड़ने की समीक्षा बैठक में लिया गया.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सोमवार को चंडीगढ़ में हुई विभिन्न विभागों को राजस्व विभाग की ई-पंजीकरण प्रणाली के साथ जोड़ने की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि के ई-पंजीकरण के लिए मॉड्यूल राजस्व विभाग द्वारा तैयार किया गया है. इसका परीक्षण पूरा हो चुका है और 11 अगस्त, 2020 से राज्य के लोग ई-अपॉइंटमेंट ले सकेंगे.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शहरी क्षेत्रों में स्थित भूमि, जोकि हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन अधिनियम, 1975 (समय-समय पर संशोधित) की धारा 7ए के तहत घोषित/अधिसूचित है और वे गांव जहां जमाबंदी वर्तमान में ऑफलाइन हैं और वेब-हैलरिस पर उपलब्ध नहीं हैं, से संबंधित भूमि के विलेख का पंजीकरण नहीं किया जाएगा. इसके अलावा कुछ समय के लिए नियंत्रित क्षेत्र में भी भूमि विलेखों का पंजीकरण नहीं होगा.

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बैठक में ये भी बताया गया कि राज्य में शहरी क्षेत्रों में कुल 32 लाख संपत्तियां हैं. जिनमें से 18 लाख संपत्तियों के डाटा को विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है. हालांकि शेष संपत्तियों को भी 31 अक्टूबर 2020 तक एकल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा. बैठक में जानकारी दी गई है कि हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम (HSIIDC) की लगभग 3.48 लाख संपत्तियां हैं और 2009 से इन सभी संपत्तियों का डाटा डिजिटल किया जा चुका है. 58,000 अधिग्रहित भूमि में से लगभग 26,000 भूमि का डाटा राजस्व विभाग की ई-पंजीकरण प्रणाली के साथ जोड़ दिया गया है.

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