चंडीगढ़: आज हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा की पुण्यतिथि है. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत समेत हरियाणा कैबिनेट मंत्रियों और राजनीतिक दल के तमाम नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी.
हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने दी श्रद्धांजलि: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंडित भगवत दयाल शर्मा को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा "महान स्वतंत्रता सेनानी, हरियाणा के प्रथम मुख्यमंत्री श्री भगवत दयाल शर्मा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।"
महान स्वतंत्रता सेनानी, हरियाणा के प्रथम मुख्यमंत्री श्री भगवत दयाल शर्मा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/Qf4sKLNWCm
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) February 22, 2025
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने दी श्रद्धांजलि: केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा "स्वतंत्रता सेनानी, हरियाणा के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।"
स्वतंत्रता सेनानी, हरियाणा के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/GZHT4TRWEC
— Rao Inderjit Singh (@Rao_InderjitS) February 22, 2025
कौन थे पंडित भगवत दयाल शर्मा? पंडित भगवत दयाल शर्मा (Pandit Bhagwat Dayal Sharma) हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री थे, जिनकी जीवनगाथा संघर्ष, सेवा और समर्पण का प्रतीक है. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई और आजादी के बाद हरियाणा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके नेतृत्व में हरियाणा ने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को छुआ.
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: पंडित भगवत दयाल शर्मा का जन्म 26 जनवरी 1918 को पंजाब के बराड़ा गांव (अब हरियाणा के अंबाला जिले में) में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालयों में प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए लाहौर गए. बचपन से ही समाज सेवा और न्याय के प्रति उनके मन में गहरी रुचि थी.
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान: महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर पंडित शर्मा स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय हुए. उन्होंने अंग्रेजी शासन के खिलाफ आंदोलनों में भाग लिया और कई बार जेल भी गए. उनके साहस और संघर्ष ने उन्हें समाज में एक सम्मानित स्थान दिलाया.
राजनीतिक जीवन और हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में योगदान: आजादी के बाद पंडित शर्मा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) में शामिल हुए और पार्टी के विभिन्न पदों पर कार्य किया. 1 नवंबर 1966 को हरियाणा के गठन के साथ ही वो राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने. हालांकि उनका कार्यकाल केवल 23 मार्च 1967 तक चला, लेकिन इस अल्पकालिक अवधि में उन्होंने राज्य के विकास की मजबूत नींव रखी. उनके नेतृत्व में हरियाणा ने कृषि, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की.
समाज सुधार और सेवा कार्य: पंडित भगवत दयाल शर्मा समाज सुधारक के रूप में भी जाने जाते हैं. उन्होंने जातिवाद और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई. गरीब और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए उन्होंने कई योजनाएं शुरू की.
विरासत और सम्मान: उनके योगदान के सम्मान में हरियाणा सरकार ने कई संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों का नाम उनके नाम पर रखा है. रोहतक स्थित "पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय" (Pt. B.D. Sharma University of Health Sciences) उनकी स्मृति को जीवित रखता है. पंडित भगवत दयाल शर्मा का निधन 22 फरवरी 1993 को हुआ. उनका जीवन आज भी लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है.
हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा के बारे में मुख्य बातें:
- जन्म: 26 जनवरी 1918, बराड़ा गांव, अंबाला (हरियाणा)
- स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका: महात्मा गांधी के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई में सक्रिय भागीदारी
- मुख्यमंत्री कार्यकाल: 1 नवंबर 1966 से 23 मार्च 1967 (हरियाणा के प्रथम मुख्यमंत्री)
- राजनीतिक दल: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
- समाज सुधार: जातिवाद और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष
- सम्मान: पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक
- निधन: 22 फरवरी 1993
पंडित भगवत दयाल शर्मा का जीवन संघर्ष, सेवा और समर्पण की मिसाल है. स्वतंत्रता संग्राम से लेकर हरियाणा के विकास तक, उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. उनका जीवन दर्शन आज भी नई पीढ़ियों को प्रेरित करता है.