ETV Bharat / state

सोनीपत शराब घोटाला: 'हरियाणा सरकार सिर्फ लीपापोती कर दोषियों को बचा रही है' - sonipat liquor scam

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शराब घोटाले पर सरकार को घेरते हुए कई सवालों का जवाब सरकार से मांगा है. सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस घोटाले से पर्दा उठाना चाहती है या फिर लीपापोती कर गुनाहगारों को बचाना चाहती है.

randeep surjewala
randeep surjewala
author img

By

Published : Jun 27, 2020, 7:14 PM IST

Updated : Jun 27, 2020, 7:28 PM IST

चंडीगढ़: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोनीपत शराब घोटाले को लेकर प्रदेश की गठबंधन सरकार पर निशाना साधा है. सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार से सवाल करते हुए कहा कि खट्टर सरकार शराब घोटाले की जांच कर रही है या कवरपअ कर रही है ? उन्होंने सवाल किया कि क्या विभागीय जांच में एक करोड़ बोतलों की शॉर्टेज यानी तस्करी साबित हुई? उन्होंने पूछा कि क्या विभागीय जांच में 12 लाख बोतलें एक्सेस यानी दो नंबर की मिली?

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 11 मई से 27 जून तक भी स्पेशल इंक्वायरी टीम को शराब घोटाले का रिकॉर्ड ना देना मामले पर पर्दा डालने की साजिश को दर्शाता है. कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में खुलेआम शराब घोटाला हुआ और चोर दरवाजे से औने पौने दामों पर शराब की बिक्री और तस्करी हुई.

'खट्टर सरकार ने आनन-फानन में SIT को खारिज किया'

सुरजेवाला ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच को लेकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया. जब 10 मई को सोनिपत में सरकार के गोदाम से ही शराब चोरी कर तस्करी का मामला सामने आया और अन्य जिलों में भी शराब तस्करी के मामले खुलने लगे, तो खट्टर सरकार ने आनन-फानन में एसआईटी को खारिज कर दिया.

सोनीपत शराब घोटाले को लेकर रणदीप सुरजेवाला हुए हमलावर, देखें वीडियो

सुरजेवाला ने कहा कि अगले ही दिन यानि 11 मई को एसईटी का गठन कर मामले को सरकारी जांच के पचड़े में पूरी तरह से उलझा दिया गया. यही नहीं, एसईटी में एडीजीपी सुभाष यादव को ये जानते हुए भी लगाया गया कि वो 31 मई को रिटायर हो जाएंगे और वो रिटायर भी हो गए.

'सरकार ने SET को नहीं दिए अधिकार'

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि एसईटी का गठन न तो क्रिमिनल प्रोसीजर कोड 1973 की धारा 2 (एच) और 2(ओ) के तहत किया गया और न ही इसे कागजात जब्त करने, रेड करने, पुलिस विभाग के रिकॉर्ड को खंगालने, दोषियों की गिरफ्तारी करने का कोई अधिकार दिया गया.

सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़े-बड़े दावे किए कि 15 दिन में जांच पूरी हो जाएगी, लेकिन 11 मई से 27 जून के बीच जांच तो दूर स्पेशल इंक्वायरी टीम को आबकारी विभाग का रिकॉर्ड तक भी उपलब्ध नहीं कराया गया. एसईटी ने अब इस बारे में पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को भी सूचना दी है.

'सरकार सिर्फ लीपापोती कर रही है'

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पूरी सरकार शराब घोटाले की लीपापोती और शराब माफिया व सरकार में बैठे लोगों के गठजोड़ पर पर्दा डालने में लगी है. उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग के तथ्य ही अपने आप में सनसनीखेज और चैंकानेवाले हैं. सुरजेवाला ने कहा कि ये सीधे-सीधे शराब तस्करी और नाजायज तौर से शराब बिक्री का मामला है.

ये भी पढे़ं- सोनीपत: 'तत्कालीन एसएचओ अरुण कुमार ने की शराब घोटाले की शुरुआत'

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

चंडीगढ़: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोनीपत शराब घोटाले को लेकर प्रदेश की गठबंधन सरकार पर निशाना साधा है. सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार से सवाल करते हुए कहा कि खट्टर सरकार शराब घोटाले की जांच कर रही है या कवरपअ कर रही है ? उन्होंने सवाल किया कि क्या विभागीय जांच में एक करोड़ बोतलों की शॉर्टेज यानी तस्करी साबित हुई? उन्होंने पूछा कि क्या विभागीय जांच में 12 लाख बोतलें एक्सेस यानी दो नंबर की मिली?

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 11 मई से 27 जून तक भी स्पेशल इंक्वायरी टीम को शराब घोटाले का रिकॉर्ड ना देना मामले पर पर्दा डालने की साजिश को दर्शाता है. कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में खुलेआम शराब घोटाला हुआ और चोर दरवाजे से औने पौने दामों पर शराब की बिक्री और तस्करी हुई.

'खट्टर सरकार ने आनन-फानन में SIT को खारिज किया'

सुरजेवाला ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच को लेकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया. जब 10 मई को सोनिपत में सरकार के गोदाम से ही शराब चोरी कर तस्करी का मामला सामने आया और अन्य जिलों में भी शराब तस्करी के मामले खुलने लगे, तो खट्टर सरकार ने आनन-फानन में एसआईटी को खारिज कर दिया.

सोनीपत शराब घोटाले को लेकर रणदीप सुरजेवाला हुए हमलावर, देखें वीडियो

सुरजेवाला ने कहा कि अगले ही दिन यानि 11 मई को एसईटी का गठन कर मामले को सरकारी जांच के पचड़े में पूरी तरह से उलझा दिया गया. यही नहीं, एसईटी में एडीजीपी सुभाष यादव को ये जानते हुए भी लगाया गया कि वो 31 मई को रिटायर हो जाएंगे और वो रिटायर भी हो गए.

'सरकार ने SET को नहीं दिए अधिकार'

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि एसईटी का गठन न तो क्रिमिनल प्रोसीजर कोड 1973 की धारा 2 (एच) और 2(ओ) के तहत किया गया और न ही इसे कागजात जब्त करने, रेड करने, पुलिस विभाग के रिकॉर्ड को खंगालने, दोषियों की गिरफ्तारी करने का कोई अधिकार दिया गया.

सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़े-बड़े दावे किए कि 15 दिन में जांच पूरी हो जाएगी, लेकिन 11 मई से 27 जून के बीच जांच तो दूर स्पेशल इंक्वायरी टीम को आबकारी विभाग का रिकॉर्ड तक भी उपलब्ध नहीं कराया गया. एसईटी ने अब इस बारे में पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को भी सूचना दी है.

'सरकार सिर्फ लीपापोती कर रही है'

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पूरी सरकार शराब घोटाले की लीपापोती और शराब माफिया व सरकार में बैठे लोगों के गठजोड़ पर पर्दा डालने में लगी है. उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग के तथ्य ही अपने आप में सनसनीखेज और चैंकानेवाले हैं. सुरजेवाला ने कहा कि ये सीधे-सीधे शराब तस्करी और नाजायज तौर से शराब बिक्री का मामला है.

ये भी पढे़ं- सोनीपत: 'तत्कालीन एसएचओ अरुण कुमार ने की शराब घोटाले की शुरुआत'

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

Last Updated : Jun 27, 2020, 7:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.