चंडीगढ़/बाड़मेर: हरियाणा के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई को जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी को हरियाणा पुलिस ने राजस्थान के बाड़मेर से गिरफ्तार किया है. गौरतलब है कि मंगलवार को कुलदीप बिश्नोई को वॉटसऐप पर जान से मारने की धमकी दी गई थी. आरोपी की पहचान कंवरा राम के रूप में हुई है, जिसे बाड़मेर के गुड़ामालानी इलाके से हुई है.
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) ने ट्वीट करके हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज का आभार जताया है. इसके अलावा कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा पुलिस और राजस्थान पुलिस का भी आभार व्यक्त किया है. हरियाणा पुलिस ने बिश्नोई को धमकी देने वाले आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया है.
क्या है मामला- बता दें कि मंगलवार को विधायक कुलदीप बिश्नोई के मोबाइल पर करीब दो बजे अज्ञात व्यक्ति की ओर से मैसेज (Kuldeep Bishnoi gets threat message) भेजा गया. जिसमें लिखा है कि 'अरे कुलदीप तेरी वजह से पूरा समाज बदनाम हो रहा है. समय रहते सुधर जा वरना मूसेवाला के साथ जो हुआ, वही तेरे साथ होगा. इस मामले में कुलदीप बिश्नोई की तरफ से आदमपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दी थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए हरियाणा पुलिस ने बुधवार को आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया है. इसकी पुष्टि रागेश्वरी थाना अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई ने की है. उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस ने थाना क्षेत्र के कंवरा राम को इस मामले में गिरफ्तार किया है.
कौन हैं कुलदीप बिश्नोई?- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई हरियाणा की राजनीति में बड़ा चेहरा हैं. कुलदीप बिश्नोई आदमपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक (congress mla kuldeep bishnoi) हैं. कांग्रेस के साथ उनका रिश्ता कभी हां-कभी ना का रहा है. कुलदीप बिश्नोई ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी लेकिन साल 2007 में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर हरियाणा जनहित कांग्रेस नाम की पार्टी बना ली, लेकिन इसका सियासी फायदा उन्हें मिल नहीं सका. साल 2014 में कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया और हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा. लेकिन चुनाव में वो दुष्यंत चौटाला से हार गए. इस हार के बाद उनकी राजनीतिक पार्टी के वजूद पर सवाल उठे. साल 2016 में कांग्रेस के तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया. तब से कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस में ही हैं.
फिलहाल प्रदेश में कांग्रेस संगठन में बड़ी जिम्मेदारी ना मिलने से भी वो नाराज बताए जा रहे हैं. जानकार मानते हैं कि इस नाराजगी का असर आगामी राज्यसभा चुनाव की वोटिंग पर पड़ सकता है. बिश्नोई खुद भी कह चुके हैं कि वो किसी के कहने पर वोट नहीं देंगे बल्कि अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनकर वोट देंगे.
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