चंडीगढ़: दुष्कर्म का शिकार हुई 11 साल की बच्ची के गर्भपात की अनुमति से जुड़ी याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टर को गर्भपात से जुड़ी पूरी प्रक्रिया निपटाने के आदेश दिए हैं.
पीड़ित बच्ची और उसके परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि बच्ची के पेट में कुछ दिन पूर्व अचानक दर्द होने लगा था, जब बच्ची की जांच हुई तो डॉक्टर ने बताया कि बच्ची गर्भवती है. तब जाकर पता लगा कि चार-पांच महीने पहले बच्ची से दुष्कर्म हुआ था.
10 अगस्त को इस संदर्भ में पीड़ित पक्ष की ओर से एफआईआर भी दर्ज करवाई गई थी. दुष्कर्म के परिणाम स्वरूप बच्ची गर्भवती हो गई थी और वर्तमान में उसका गर्भ 23 सप्ताह का है. नियम के अनुरूप भी सप्ताह से अधिक का गर्भ होने की स्थिति में गर्भपात के लिए हाईकोर्ट से अनुमति आवश्यक होती है.
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हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कल्पना चावला अस्पताल की वरिष्ठ डॉक्टर से इस बारे में राय मांगी थी. डॉक्टर की ओर से कहा गया था कि अगर इस अवस्था में पीड़िता बच्चे को जन्म देती है, तो उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होगा.
हाईकोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों की राय के अनुरूप पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देना आवश्यक हो गया है. ऐसे में विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर अपनी देखरेख में बच्चे का गर्भपात सुनिश्चित करें. इसके साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए कि बच्चे की पहचान किसी भी स्थिति में जाहिर ना हो पाए.