चंडीगढ़: कोविड-19 महामारी के चलते हरियाणा सरकार की ओर से सभी मंडलायुक्त को सभी मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों की मासिक ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फंड लिए जाने से संबंधित शिकायतों का निवारण करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को कोविड-19 के चलते निजी स्कूलों की ओर से ली जाने वाली फीस से संबंधित दिशानिर्देश पहले जारी कर दिए थे.
सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे स्कूल
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के 17 मई तक बढ़ाए जाने के कारण सामान्य जन की आजीविका के स्रोत पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है. कई अभिभावक अभी फीस देने में सक्षम नहीं है. जिसके चलते निजी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वर्तमान परिस्थितियों में निजी स्कूल विद्यार्थियों से मासिक आधार पर केवल ट्यूशन फीस ही ले. अन्य सभी प्रकार के फंड जैसे बिल्डिंग फंड, रखरखाव फंड, एडमिशन फीस, कंप्यूटर फीस आदि स्थगित कर दिए जाए.
सरकार ने ये भी निर्देश दिए हैं कि ना तो मासिक आधार पर ली जाने वाली ट्यूशन फीस में वृद्धि की जाए और ना ही लॉकडाउन के दौरान का यातायात शुल्क वसूला जाए. स्कूल यूनिफार्म, पाठ्य पुस्तकों, कार्य पुस्तकों, अभ्यास पुस्तकों, प्रैक्टिकल फाइल में भी परिवर्तन ना किया. जाए यही नहीं कोई भी निजी स्कूल मासिक फीस में कोई हिडन चार्ज भी नहीं जोड़ेगा.
वसूली करने पर होगी कार्रवाई
उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से जिले के शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इन सभी है दायित्वों का सख्ती से पालन करवाया जाए. यदि कोई निजी स्कूल इन्हें दायित्वों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके विरुद्ध हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 के नियम 158 के अनुसार कार्रवाई की जाए तथा इस संबंध में निदेशालय को भी अवगत कराया जाए.
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अभिभावकों की ओर से मासिक ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फंड लिए जाने से संबंधित शिकायतों के निवारण करने के लिए राज्य के मंडल आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजे जाने के लिए भी कहा गया है.