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मिसाल: लॉकडाउन में खुद सरकारी स्कूल की सफाई करते हैं ये प्रिंसिपल

चंडीगढ़ के सेक्टर-22 में बने सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल राजीव कुमार लॉकडाउन में हर रोज स्कूल आते हैं और खुद ही स्कूल की साफ-सफाई करते हैं. राजीव कुमार स्कूल के पेड़-पौधों का भी ध्यान रख रहे हैं. साथ ही गरीबों में होम मेड मास्क बांट रहे हैं.

Principals take care of the school in lockdown
Principals take care of the school in lockdown
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Published : Apr 20, 2020, 8:50 PM IST

Updated : Apr 20, 2020, 9:06 PM IST

चंडीगढ़ः कोरोना वायरस के मद्देनजर देश में लॉकडाउन जारी है. स्कूल भी बंद है. लेकिन चंडीगढ़ के सेक्टर 22 के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल राजीव कुमार आज भी हर रोज स्कूल जाते हैं और अकेले ही स्कूल की देखभाल करते हैं. वे स्कूल में आकर साफ-सफाई करते हैं, पौधों की देखभाल करते हैं. यहां तक कि शौचालय भी खुद ही साफ करते हैं. इतना ही नहीं स्कूल के डी क्लास कर्मचारियों के लिए खुद मास्क बनाकर उन्हें दे रहे हैं.

लॉकडाउन में भी स्कूल का ध्यान रख रहा प्रिंसिपल

गरीबों को बांट रहे मास्क

ईटीवी भारत ने उनसे जब इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सबको हर समय मास्क पहनने की हिदायत दी है. लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं, जो महंगे मास्क नहीं खरीद सकते. इसलिए मैंने उनके लिए घर पर मास्क बनाने शुरू किए. फिलहाल हमारे स्कूल में 20 से 25 ऐसे कर्मचारी हैं. जिन्हें मैं मास्क बांट चुका हूं और अब भी हर रोज मास्क बनाता हूं और लोगों में बांटता हूं. इतना ही नहीं जो रेहड़ी फड़ी वाले गलियों में सब्जियां आदि बेचने का काम करते हैं, उनको भी मास्क बांट रहा हूं.

स्कूल की साफ-सफाई का ख्याल

स्कूल की साफ - सफाई के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि स्कूल मेरी कर्म भूमि है. इसलिए इसकी हर तरह से देखभाल करना मेरी जिम्मेदारी है. क्योंकि एक दिन जब सब कुछ ठीक हो जाएगा तो फिर से यहां बच्चे पढ़ने के लिए आएंगे तो उन्हें स्कूल उतनी ही अच्छी हालत में मिलना चाहिए जैसे लॉकडाउन से पहले था. इसके अलावा प्रशासन की ओर से भी यह कहा गया है कि आपात स्थिति में स्कूलों को भी मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसलिए मैं अपने स्कूल को हमेशा तैयार रखना चाहता हूं कि अगर प्रशासन को हमारे स्कूल की जरूरत पड़े तब हम उन्हें स्कूल मुहैया करवा सकें.

छात्रों का भी रखा जा रहा ध्यान

इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि जो बच्चे घर पर रह रहे हैं. उनका भी पूरी तरह से ध्यान रखा जा रहा है. स्कूल के काउंसलर नियमित तौर पर बच्चों से बात करते हैं और यह जांच करते हैं कि कहीं कोई बच्चा तनाव का शिकार तो नहीं हो रहा. इसके अलावा उनकी पढ़ाई पर भी ध्यान रखा जाता है. बच्चों को स्वस्थ रहने, योग करने और तनाव से दूर रहने को लेकर बात की जाती है. ताकि घर पर रहते हुए बच्चे शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रहें.

ये भी पढ़ेंः- फसल कटाई से पहले किसानों की नई मुसीबत, न मजदूर मिल रहे और न फसल रखने की जगह

चंडीगढ़ः कोरोना वायरस के मद्देनजर देश में लॉकडाउन जारी है. स्कूल भी बंद है. लेकिन चंडीगढ़ के सेक्टर 22 के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल राजीव कुमार आज भी हर रोज स्कूल जाते हैं और अकेले ही स्कूल की देखभाल करते हैं. वे स्कूल में आकर साफ-सफाई करते हैं, पौधों की देखभाल करते हैं. यहां तक कि शौचालय भी खुद ही साफ करते हैं. इतना ही नहीं स्कूल के डी क्लास कर्मचारियों के लिए खुद मास्क बनाकर उन्हें दे रहे हैं.

लॉकडाउन में भी स्कूल का ध्यान रख रहा प्रिंसिपल

गरीबों को बांट रहे मास्क

ईटीवी भारत ने उनसे जब इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सबको हर समय मास्क पहनने की हिदायत दी है. लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं, जो महंगे मास्क नहीं खरीद सकते. इसलिए मैंने उनके लिए घर पर मास्क बनाने शुरू किए. फिलहाल हमारे स्कूल में 20 से 25 ऐसे कर्मचारी हैं. जिन्हें मैं मास्क बांट चुका हूं और अब भी हर रोज मास्क बनाता हूं और लोगों में बांटता हूं. इतना ही नहीं जो रेहड़ी फड़ी वाले गलियों में सब्जियां आदि बेचने का काम करते हैं, उनको भी मास्क बांट रहा हूं.

स्कूल की साफ-सफाई का ख्याल

स्कूल की साफ - सफाई के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि स्कूल मेरी कर्म भूमि है. इसलिए इसकी हर तरह से देखभाल करना मेरी जिम्मेदारी है. क्योंकि एक दिन जब सब कुछ ठीक हो जाएगा तो फिर से यहां बच्चे पढ़ने के लिए आएंगे तो उन्हें स्कूल उतनी ही अच्छी हालत में मिलना चाहिए जैसे लॉकडाउन से पहले था. इसके अलावा प्रशासन की ओर से भी यह कहा गया है कि आपात स्थिति में स्कूलों को भी मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसलिए मैं अपने स्कूल को हमेशा तैयार रखना चाहता हूं कि अगर प्रशासन को हमारे स्कूल की जरूरत पड़े तब हम उन्हें स्कूल मुहैया करवा सकें.

छात्रों का भी रखा जा रहा ध्यान

इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि जो बच्चे घर पर रह रहे हैं. उनका भी पूरी तरह से ध्यान रखा जा रहा है. स्कूल के काउंसलर नियमित तौर पर बच्चों से बात करते हैं और यह जांच करते हैं कि कहीं कोई बच्चा तनाव का शिकार तो नहीं हो रहा. इसके अलावा उनकी पढ़ाई पर भी ध्यान रखा जाता है. बच्चों को स्वस्थ रहने, योग करने और तनाव से दूर रहने को लेकर बात की जाती है. ताकि घर पर रहते हुए बच्चे शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रहें.

ये भी पढ़ेंः- फसल कटाई से पहले किसानों की नई मुसीबत, न मजदूर मिल रहे और न फसल रखने की जगह

Last Updated : Apr 20, 2020, 9:06 PM IST
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