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प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की चेतावनी, '134-ए के तहत गरीब बच्चों को नहीं मिलेगा एडमिशन' - etv

चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं देने का कारण सरकार की तरफ से दी जाने वाली राशि का नहीं मिलना है.

कुलभूषण शर्मा, निजी स्कूल एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष.
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Published : Apr 9, 2019, 7:10 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के निजी स्कूल एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि इस साल शिक्षा के अधिकार कानून के तहत किसी भी गरीब बच्चे को फ्री में एडमिशन नहीं दिया जाएगा. चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं देने का कारण सरकार की तरफ से दी जाने वाली राशि का नहीं मिलना है.

उन्होंने कहा कि हरियाणा की मनोहर लाल सरकार पूरी तरह से गरीबों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी है. तब से गरीब बच्चों को एडमिशन देने की एवज में दी जाने वाली सरकारी राशि प्राइवेट स्कूलों को नहीं दी गई है. जबकि बीजेपी सरकार अपने आप को गरीब हितैषी होने का बड़ा दावा करती है.

दिल्ली सरकार की तारीफ करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि वहां पर सरकार की ओर से प्रति स्टूडेंट 1700 की रेबर्समेंट दी जाती है. साल 2003 से चल रहे बिना मान्यता के स्कूलों को भी बिना शर्त मान्यता देने की मांग की. कुलभूषण ने कहा कि यदि सरकार इन स्कूलों को मान्यता दे देती है तो यहां पढ़ने वाले बच्चों को किसी तरह की कोई दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो इन स्कूलों को एक रूम एक क्लास के आधार पर चलने की भी अनुमति दे सकती है.

कुलभूषण शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, निजी स्कूल एसोसिएशन.

प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पर आरोप लगाते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के लागू होने के समय बड़े बड़े अधिकारियों की पर्चियां आती थी. जिनके आधार पर वह उन्हें दाखिला दे देते थे. लेकिन आज सरकार बिना ड्रॉ के धारा 134 ए के तहत दिए गए दाखिलों का भुगतान करने को तैयार नहीं है. जिससे स्कूलों के ऊपर एक बार फिर दोहरी मार पड़ेगी.

गौरतलब है कि सरकार एक ओर तो शिक्षा के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन वहीं इस तरह की खामियों से एक बात तो साफ है कि चाहे प्रदेश की सरकार हो या चाहे केंद्र की सरकार कहीं न कहीं शिक्षा को लेकर इन प्राइवेट स्कूलों द्वारा गरीब बच्चों को एडमिशन न देने की बात से सरकार की शिक्षा को लेकर व्यावस्था पर सवाल उठाना लाजमी है. अब देखना होगा की ऐसे में सरकार क्या ठोस कदम उठाती है.

चंडीगढ़: हरियाणा के निजी स्कूल एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि इस साल शिक्षा के अधिकार कानून के तहत किसी भी गरीब बच्चे को फ्री में एडमिशन नहीं दिया जाएगा. चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं देने का कारण सरकार की तरफ से दी जाने वाली राशि का नहीं मिलना है.

उन्होंने कहा कि हरियाणा की मनोहर लाल सरकार पूरी तरह से गरीबों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी है. तब से गरीब बच्चों को एडमिशन देने की एवज में दी जाने वाली सरकारी राशि प्राइवेट स्कूलों को नहीं दी गई है. जबकि बीजेपी सरकार अपने आप को गरीब हितैषी होने का बड़ा दावा करती है.

दिल्ली सरकार की तारीफ करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि वहां पर सरकार की ओर से प्रति स्टूडेंट 1700 की रेबर्समेंट दी जाती है. साल 2003 से चल रहे बिना मान्यता के स्कूलों को भी बिना शर्त मान्यता देने की मांग की. कुलभूषण ने कहा कि यदि सरकार इन स्कूलों को मान्यता दे देती है तो यहां पढ़ने वाले बच्चों को किसी तरह की कोई दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो इन स्कूलों को एक रूम एक क्लास के आधार पर चलने की भी अनुमति दे सकती है.

कुलभूषण शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, निजी स्कूल एसोसिएशन.

प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पर आरोप लगाते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के लागू होने के समय बड़े बड़े अधिकारियों की पर्चियां आती थी. जिनके आधार पर वह उन्हें दाखिला दे देते थे. लेकिन आज सरकार बिना ड्रॉ के धारा 134 ए के तहत दिए गए दाखिलों का भुगतान करने को तैयार नहीं है. जिससे स्कूलों के ऊपर एक बार फिर दोहरी मार पड़ेगी.

गौरतलब है कि सरकार एक ओर तो शिक्षा के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन वहीं इस तरह की खामियों से एक बात तो साफ है कि चाहे प्रदेश की सरकार हो या चाहे केंद्र की सरकार कहीं न कहीं शिक्षा को लेकर इन प्राइवेट स्कूलों द्वारा गरीब बच्चों को एडमिशन न देने की बात से सरकार की शिक्षा को लेकर व्यावस्था पर सवाल उठाना लाजमी है. अब देखना होगा की ऐसे में सरकार क्या ठोस कदम उठाती है.

Intro:चंडीगढ़, हरियाणा के निजी स्कूल एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि इस साल शिक्षा के अधिकार कानून के तहत किसी भी गरीब बच्चे को फ्री में एडमिशन नहीं दिया जाएगा।


Body:चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं देने का कारण सरकार की तरफ से दी जाने वाली राशि का नहीं मिलना है ।उन्होंने कहा कि हरियाणा की मनोहर लाल सरकार पूरी तरह से गरीबों के खिलाफ है। जबसे हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनी है। तब से गरीब बच्चों को एडमिशन देने की एवज में दी जाने वाली सरकारी राशि प्राइवेट स्कूलों को नहीं दी गई है। जबकि बीजेपी सरकार अपने आप को गरीब हितैषी होने का बड़ा दावा करती है। दिल्ली सरकार की तारीफ करते हुए एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि वहां पर सरकार की ओर से प्रति स्टूडेंट ₹1700 की रेबर्समेंट दी जाती है।  साल 2003 से चल रहे बिना मान्यता के स्कूलों को भी बिना शर्त मान्यता देने की मांग की । कुलभूषण ने कहा कि यदि सरकार इन स्कूलों को मान्यता दे दी है दे देती है तो यहां पढ़ने वाले बच्चों को किसी तरह की कोई दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा ।उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो इन स्कूलों को एक रूम एक क्लास के आधार पर चलने की भी अनुमति दे सकती है।






Conclusion:प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पर आरोप लगाते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के लागू होने के समय बड़े बड़े अधिकारियों की पर्चियां आती थी ।जिनके आधार पर वह उन्हें दाखिला दे देते थे। लेकिन आज सरकार बिना ड्रॉ के धारा 134 ए के तहत दिए गए दाखिलों का भुगतान करने को तैयार नहीं है।  जिससे स्कूलों के ऊपर एक बार फिर दोहरी मार पड़ेगी।
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