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करनाल में इंजीनियर बना किसान, नौकरी के साथ कर रहा आधुनिक खेती, दूसरे किसानों के लिए बना मिसाल - KARNAL ENGINEER BECOMES FARMER

करनाल में एक इंजीनियर खेती कर रहा है. नौकरी के साथ समय निकाल कर वो नींबू और फूलों की खेती कर रहा है.

Karnal Engineer becomes farmer
इंजीनियर बना किसान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 27, 2025, 11:19 AM IST

Updated : Jan 27, 2025, 11:57 AM IST

करनाल: हरियाणा में इन दिनों युवा वर्ग खेती का रूख कर रहे हैं. आलम यह है कि लोग नौकरी छोड़ी खेती पर फोकस कर रहे हैं और अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. इस बीच करनाल का एक इंजीनियर अपनी नौकरी के साथ-साथ खेती किसानी भी कर रहा है. एचपी, ओरेकल, टाटा और विप्रो जैसी सॉफ्टवेयर कंपनियों में काम करने वाले विक्रम कपूर ने नौकरी के साथ आधुनिक खेती की तरफ कदम बढ़ाया है. साथ ही अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बनकर भी उभरे हैं.

दूसरे किसानों के लिए बने प्रेरणा: विक्रम कपूर करनाल के असन्ध क्षेत्र के एक छोटे से गांव पबाना हसनपुर के निवासी हैं. उन्होंने अपनी बीटेक की पढ़ाई पूरी कर कई मल्टीनेशनल कंपनियों के साथ काम किया. आज भी वो नौकरी कर रहे हैं. किसान परिवार में होने के कारण उन्होंने पारंपरिक धान और गेहूं की खेती की तुलना में गेंदे की खेती और बागवानी करके अधिक मुनाफे की ओर अग्रसर हैं. वो अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बनकर उभरे हैं. उनका इस प्रकार का दृष्टिकोण अधिक लाभदायक सिद्ध हुआ है.

इसलिए चुना फूलों की खेती: करनाल निवासी विक्रम कपूर से ईटीवी भारत ने बातचीत की. विक्रम ने बताया, "पिछले साल से पांच एकड़ में गेंदा और पांच एकड़ में नींबू की खेती कर रहा हूं. ज्यादा लागत, कम मुनाफा और पानी की कमी के साथ पारंपरिक खेती की अस्थिरता से कारण मैंने गेंदे की खेती और बागवानी की तरफ अपना रुख किया. इस खेती में कम पानी की खपत होती है. चावल और गेहूं की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक मुनाफा होता है."

करनाल में इंजीनियर बना किसान (ETV Bharat)

फूलों की डिमांड: विक्रम कपूर ने कहा कि मार्केट में “धार्मिक, सजावटी और कॉस्मेटिक उपयोग के लिए मैरीगोल्ड्स की अत्यधिक डिमांड है. हरियाणा के अलग-अलग जिलों के साथ ही दिल्ली तक फूलों की सप्लाई होती है.

अच्छी पैदावार के लिए गुणवत्ता पर ध्यान जरूरी: कपूर ने आगे कहा, "मैंने अगस्त में बुआई की थी.अक्टूबर और दिसंबर के बीच कटाई हुई. प्रति एकड़ लगभग 100 क्विंटल उपज हुई है.अच्छी फसलके लिए गुणवत्ता वाले संकर बीजों के उपयोग के साथ-साथ खेती की पूरी जानकारी और समझ जरूरी है."

अन्य लोगों को भी मिल रहा रोजगार: विक्रम कपूर बताते हैं कि फूलों की खेती के लिए ज्यादातर महिलाओं को चुना जाता है. आमतौर पर उनकी इस खेती में 7 से 8 लोग रहते हैं, लेकिन सीजन में करीब 25 लोग इस काम को करते हैं.

"मैं नौकरी भी करता हूं. समय निकालना थोड़ा मुश्किल होता है. हालांकि अभी ऑफिस का काम ऑनलाइन चल रहा है, लेकिन बाद में मैं पूरा फोकस खेती पर ही करूंगा." -विक्रम कपूर, किसान

सोशल मीडिया का उठाते है लाभ: नौकरी के साथ खेती करने वाले कपूर ने खेती में अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग किया है. वह कटाई, पैकेजिंग और मार्केटिंग का प्रबंधन करते हैं. ऑर्डर सुरक्षित करने और अपने उत्पादों की मांग बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाते है. अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए, उन्होंने बिजली की बाड़ और सीसीटीवी निगरानी जैसे आधुनिक समाधान का उपयोग किया है. गेंदे के अलावा कपूर ने एक नींबू का खेत विकसित किया है. वो एक अमरूद का बाग तैयार करने की योजना बना रहे हैं. फूलों की खेती और बागवानी से विक्रम को अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है.

अन्य किसानों के लिए संदेश: कपूर के परिवर्तन ने स्थानीय किसानों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. कई किसान अब फूलों की खेती पर उनका मार्गदर्शन चाहते हैं, लेकिन उनका कहना है कि पारंपरिक खेती से हटकर किसान जो भी खेती करें. उसकी पूरी समझ और जानकारी लेकर ही शुरू करें, ताकि खेती का पूरा लाभ मिल सके.

ये भी पढ़ें: करनाल के पधाना का टमाटर है खास, पाकिस्तान भी है दिवाना, रिलायंस जैसी कंपनी आती है खेत तक माल खरीदने

करनाल: हरियाणा में इन दिनों युवा वर्ग खेती का रूख कर रहे हैं. आलम यह है कि लोग नौकरी छोड़ी खेती पर फोकस कर रहे हैं और अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. इस बीच करनाल का एक इंजीनियर अपनी नौकरी के साथ-साथ खेती किसानी भी कर रहा है. एचपी, ओरेकल, टाटा और विप्रो जैसी सॉफ्टवेयर कंपनियों में काम करने वाले विक्रम कपूर ने नौकरी के साथ आधुनिक खेती की तरफ कदम बढ़ाया है. साथ ही अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बनकर भी उभरे हैं.

दूसरे किसानों के लिए बने प्रेरणा: विक्रम कपूर करनाल के असन्ध क्षेत्र के एक छोटे से गांव पबाना हसनपुर के निवासी हैं. उन्होंने अपनी बीटेक की पढ़ाई पूरी कर कई मल्टीनेशनल कंपनियों के साथ काम किया. आज भी वो नौकरी कर रहे हैं. किसान परिवार में होने के कारण उन्होंने पारंपरिक धान और गेहूं की खेती की तुलना में गेंदे की खेती और बागवानी करके अधिक मुनाफे की ओर अग्रसर हैं. वो अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बनकर उभरे हैं. उनका इस प्रकार का दृष्टिकोण अधिक लाभदायक सिद्ध हुआ है.

इसलिए चुना फूलों की खेती: करनाल निवासी विक्रम कपूर से ईटीवी भारत ने बातचीत की. विक्रम ने बताया, "पिछले साल से पांच एकड़ में गेंदा और पांच एकड़ में नींबू की खेती कर रहा हूं. ज्यादा लागत, कम मुनाफा और पानी की कमी के साथ पारंपरिक खेती की अस्थिरता से कारण मैंने गेंदे की खेती और बागवानी की तरफ अपना रुख किया. इस खेती में कम पानी की खपत होती है. चावल और गेहूं की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक मुनाफा होता है."

करनाल में इंजीनियर बना किसान (ETV Bharat)

फूलों की डिमांड: विक्रम कपूर ने कहा कि मार्केट में “धार्मिक, सजावटी और कॉस्मेटिक उपयोग के लिए मैरीगोल्ड्स की अत्यधिक डिमांड है. हरियाणा के अलग-अलग जिलों के साथ ही दिल्ली तक फूलों की सप्लाई होती है.

अच्छी पैदावार के लिए गुणवत्ता पर ध्यान जरूरी: कपूर ने आगे कहा, "मैंने अगस्त में बुआई की थी.अक्टूबर और दिसंबर के बीच कटाई हुई. प्रति एकड़ लगभग 100 क्विंटल उपज हुई है.अच्छी फसलके लिए गुणवत्ता वाले संकर बीजों के उपयोग के साथ-साथ खेती की पूरी जानकारी और समझ जरूरी है."

अन्य लोगों को भी मिल रहा रोजगार: विक्रम कपूर बताते हैं कि फूलों की खेती के लिए ज्यादातर महिलाओं को चुना जाता है. आमतौर पर उनकी इस खेती में 7 से 8 लोग रहते हैं, लेकिन सीजन में करीब 25 लोग इस काम को करते हैं.

"मैं नौकरी भी करता हूं. समय निकालना थोड़ा मुश्किल होता है. हालांकि अभी ऑफिस का काम ऑनलाइन चल रहा है, लेकिन बाद में मैं पूरा फोकस खेती पर ही करूंगा." -विक्रम कपूर, किसान

सोशल मीडिया का उठाते है लाभ: नौकरी के साथ खेती करने वाले कपूर ने खेती में अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग किया है. वह कटाई, पैकेजिंग और मार्केटिंग का प्रबंधन करते हैं. ऑर्डर सुरक्षित करने और अपने उत्पादों की मांग बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाते है. अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए, उन्होंने बिजली की बाड़ और सीसीटीवी निगरानी जैसे आधुनिक समाधान का उपयोग किया है. गेंदे के अलावा कपूर ने एक नींबू का खेत विकसित किया है. वो एक अमरूद का बाग तैयार करने की योजना बना रहे हैं. फूलों की खेती और बागवानी से विक्रम को अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है.

अन्य किसानों के लिए संदेश: कपूर के परिवर्तन ने स्थानीय किसानों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. कई किसान अब फूलों की खेती पर उनका मार्गदर्शन चाहते हैं, लेकिन उनका कहना है कि पारंपरिक खेती से हटकर किसान जो भी खेती करें. उसकी पूरी समझ और जानकारी लेकर ही शुरू करें, ताकि खेती का पूरा लाभ मिल सके.

ये भी पढ़ें: करनाल के पधाना का टमाटर है खास, पाकिस्तान भी है दिवाना, रिलायंस जैसी कंपनी आती है खेत तक माल खरीदने

Last Updated : Jan 27, 2025, 11:57 AM IST
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