चंडीगढ़: दिवाली के बाद कई जगह वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. आतिशबाजी ने चंडीगढ़ की हवा को जहरीला कर दिया है. चंडीगढ़ के हवा में प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया. कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 से ज्यादा अंको तक पहुंच गया, जो कि बेहद खराब है. ऐसी हवा में सांस लेना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है.
चंडीगढ़ में खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
चंडीगढ़ में जहां एक तरफ वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी तो वहीं, ध्वनि प्रदूषण में कमी दर्ज की गई है. चंडीगढ़ के चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट देवेंद्र दलेई ने बताया की पिछले साल के मुकाबले इस साल दीवाली की रात चंडीगढ़ में प्रदूषण काफी बढ़ा है. लेकिन ध्वनि प्रदूषण में कमी आई है. सेक्टर 22 और सेक्टर 50 में तो एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 से ज्यादा दर्ज किया गया, जो कि बेहद खतरनाक स्तर है.
धूप निकलने पर प्रदूषण कम होने की उम्मीद
देवेंद्र दलेई ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने के लिए पटाखों के अलावा मौसम मौसम के हालात भी निर्भर करते हैं. उन्होंने कहा कि दिवाली से पहले आद्रता की मात्रा काफी बनी हुई थी. यह आद्रता शाम के समय 80% तक पहुंच गई थी. इस वजह से दिवाली की रात पटाखों से निकला प्रदूषण या धुआं ऊपर नहीं जा पाया और वह निचली हवा में ही रह गया. इस कारण आद्रता की वजह से भी वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की गई. अगले दिन धूप निकलने के बाद प्रदूषण की मात्रा में कमी आने के आसार है.
ऐसे मापा जाता है प्रदूषण का स्तर
आपको बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक यूआई हवा में प्रदूषण मापने एक पैमाना होता है. 0 से 50 के बीच यूआई होने पर हवा की क्वालिटी को अच्छा माना जाता है जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक माना जाता है. 101 से 200 के बीच मध्यम 201 से 300 के बीच खराब 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच उसे गंभीर स्तर का समझा जाता है. जो कि ऐसी हवा में सांस लेना बहुत खतरनाक होता है. जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक है.
ये भी जाने- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट जारी, देश के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 11 हरियाणा के