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चंडीगढ़ की सेहत खराब ! एयर क्वालिटी इंडेक्स 214 के पार, 48 घंटों तक राहत की संभावना नहीं - चंडीगढ़ में सांस लेना मुश्किल

चंडीगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 214 दर्ज किया गया है, जबकि बुधवार शाम को एयर क्वालिटी इंडेक्स 240 के आसपास था. एयर क्वालिटी इंडेक्स कम तो हुआ है, लेकिन इतना कम नहीं हुआ कि खुली हवा में खुलकर सांस ली जा सके.

चंडीगढ़ की सेहत खराब!
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Published : Nov 14, 2019, 5:51 PM IST

चंडीगढ़: उत्तर भारत इस वक्त प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है. एक-दो दिन राहत मिलने के बाद प्रदूषण में दोबारा बढ़ोतरी हुई है. अगर बात चंडीगढ़ की करें तो चंडीगढ़ में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ गया है. गुरुवार को चंडीगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 214 दर्ज किया गया है.

चंडीगढ़ में सांस लेना हुआ मुश्किल

बुधवार शाम को एयर क्वालिटी इंडेक्स 240 दर्ज किया गया, जबिक मंगलवार को ये 268 था. एयर क्वालिटी इंडेक्स कम तो हुआ है, लेकिन इतना कम नहीं हुआ कि खुली हवा में खुलकर सांस ली जा सके. चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव टी.सी नौटियाल ने बताया कि सर्दी और फॉग बढ़ने की वजह से एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा हुआ है. बारिश होने पर ही प्रदूषण से राहत मिल सकेगी.

सांस लेने लायक नहीं शहर की हवा

मरीजों की संख्या में इजाफा

टी.सी नौटियाल ने बताया कि प्रदूषण की वजह से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो रही हैं. इसके अलावा प्रदूषण की वजह से स्ट्रोक के मरीजों में भी इजाफा हो रहा है. आमतौर पर धारणा है कि वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों की सेहत पर पड़ता है और अस्थमा के मरीजों को ज्यादा दिक्कत होती है, लेकिन नए शोध और अध्ययन कहते हैं कि वायु प्रदूषण के लगातार संपर्क में रहने से स्ट्रोक की आशंका भी बढ़ जाती है.

ये भी पढ़िए: हरियाणा कैबिनेट का हुआ विस्तार, 6 कैबिनेट और 4 स्टेट मिनिस्टर ने ली शपथ

मौसम विभाग की माने तो तीन दिन तक बादल छाए रहेंगे. जिससे ठंड में और इजाफा हो सकता है. इसके अलावा रविवार से हरियाणा के कई हिस्सों में धुंध छा सकती है, जिससे तापमान और गिर सकता है.

चंडीगढ़: उत्तर भारत इस वक्त प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है. एक-दो दिन राहत मिलने के बाद प्रदूषण में दोबारा बढ़ोतरी हुई है. अगर बात चंडीगढ़ की करें तो चंडीगढ़ में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ गया है. गुरुवार को चंडीगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 214 दर्ज किया गया है.

चंडीगढ़ में सांस लेना हुआ मुश्किल

बुधवार शाम को एयर क्वालिटी इंडेक्स 240 दर्ज किया गया, जबिक मंगलवार को ये 268 था. एयर क्वालिटी इंडेक्स कम तो हुआ है, लेकिन इतना कम नहीं हुआ कि खुली हवा में खुलकर सांस ली जा सके. चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव टी.सी नौटियाल ने बताया कि सर्दी और फॉग बढ़ने की वजह से एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा हुआ है. बारिश होने पर ही प्रदूषण से राहत मिल सकेगी.

सांस लेने लायक नहीं शहर की हवा

मरीजों की संख्या में इजाफा

टी.सी नौटियाल ने बताया कि प्रदूषण की वजह से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो रही हैं. इसके अलावा प्रदूषण की वजह से स्ट्रोक के मरीजों में भी इजाफा हो रहा है. आमतौर पर धारणा है कि वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों की सेहत पर पड़ता है और अस्थमा के मरीजों को ज्यादा दिक्कत होती है, लेकिन नए शोध और अध्ययन कहते हैं कि वायु प्रदूषण के लगातार संपर्क में रहने से स्ट्रोक की आशंका भी बढ़ जाती है.

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मौसम विभाग की माने तो तीन दिन तक बादल छाए रहेंगे. जिससे ठंड में और इजाफा हो सकता है. इसके अलावा रविवार से हरियाणा के कई हिस्सों में धुंध छा सकती है, जिससे तापमान और गिर सकता है.

Intro:देश के कई हिस्से वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, इस समस्या में और भी इजाफा होता जाएगा और धुएं के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ती जाएंगी। आमतौर पर धारणा है कि वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों की सेहत पर पड़ता है और अस्थमा के मरीजों को अधिक दिक्कत होती है। लेकिन नए शोध और अध्ययन कहते हैं कि वायु प्रदूषण के लगातार संपर्क में रहने से स्ट्रोक की आशंका भी बढ़ जाती है। Body:
चंडीगढ़ पोलियूशन कण्ट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव टी सी नौटियाल ने बताया कि दिवाली के बाद हुई बारिश ने एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ गया था जिसका कारण है सर्दी का मौसम है हवा नहीं चल रही है लकिन इसमें इस चीज को नजरअंदाज नहीं कर सकते की वाहनों का ,सड़को का डस्ट,निर्माण कार्यो के कारण हुआ है और पराली जलाना भी 40 प्रतिशत योगदान है। उन्होंने बताया कि इन दिनों जो प्रदुषण हो रहा है उससे स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं हो रही है। हालाँकि क्लाउड सीडिंग पर उन्होंने कहा कि यह महंगी और बड़े इलाके के लिए इस्तेमाल होने वाली तकनीक ही इसलिए बेहतर है कि लोगो की राय लेकर इसे इस्तेमाल करे।
बाइट टी सी नौटियाल (चंडीगढ़ पोलियूशन कण्ट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव)

वीओ

पीजीआई के डिपार्टमेंट ऑफ़ न्यूरोलॉजी डॉ धीरज बताते है कि एक अध्ययन के अनुसार वाहनों और औद्योगिक धुएं के कारण स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। खासकर उन क्षेत्रों में इसके मरीज ज्यादा पाए गए, जो लगातार धुएं के संपर्क में रहे। अध्ययन के अनुसार यह धुआं उसी तरह से प्रतिक्रिया करता है, जैसा कि सिगरेट का धुआं करता है। दोनों ही प्रकार का धुआं मस्तिष्क की अंदरूनी परतों को नुकसान पहुंचाकर स्ट्रोक के हालात पैदा करता है। अध्ययन में दुनिया के 188 देशों में स्ट्रोक के 17 रिस्क फैक्टर्स को शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों पटाखों से,पराली जलाने से वायु प्रदुषण हुआ जिस कारण प्रदुषण बढ़ा जिस वजह से स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे है इसलिए इस मौसम में अपने खानपान का ख्याल रखे,मास्क लगाकर चले ,बाहर एक्सरसाइज न करे वहीँ घरो में ऐसे पौधे रखे जो हवा को ताजा रखे। वहीँ स्ट्रोक के मामले युवाओ में ज्यादा आ रहे है जहाँ मरीजों की उम्र 45 वर्ष से कम है।

बाइट डॉ धीरज खुराना


इस बारे में बात करते हुए चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि अगले 3 दिनों तक हरियाणा और पंजाब में बादल छाए रहने की उम्मीद है वहीं हरियाणा के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश भी हो सकती है फिलहाल अगले 48 घंटों तक प्रदूषण के स्तर में कोई कमी नहीं आएगी 48 घंटों के बाद हालात में सुधार होने की उम्मीद है। जिन हिस्सों में बारिश होती है वहां पर प्रदूषण भी कम होगा लेकिन फिलहाल हरियाणा और पंजाब के साथ रईसों में बारिश की संभावना कम है अगले 48 घंटों में ज्यादातर इलाकों में बादल तो छाए रहेंगे लेकिन हल्की हवा चलने के बाद प्रदूषण के स्तर में कमी आ सकती है मगर फिलहाल अगले 48 घंटों तकप्रदूषण के स्तर ऐसा ही रहेगा।

बाइट - सुरेंद्र पाल, निदेशक, मौसम विभागConclusion:
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