चंडीगढ़: हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान हुआ शराब घोटाला मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले को लेकर विपक्ष तो हमलावर है ही. अब सरकार के अंदर भी टकराव दिखने लगा है. गृहमंत्री अनिल विज मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर चुके हैं और एक्साइज विभाग को कार्रवाई ना करने के लिए कटघरे में खड़ा रहे हैं. एक्साइज विभाग उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास है.
दरअसल सोनीपत जिले के खरखौदा स्थित दो गोदामों से लॉकडाउन के दौरान भारी मात्रा में शराब गायब हुई. मामले ने तूल पकड़ा तो दो एसएचओ निलंबित कर दिए गए. अनिल विज ने एफआईआर के आदेश भी दे दिए. गृहमंत्री की सख्ती के बावजूद एक्साइज विभाग ने अपनी तरफ से इस पर कोई मामला दर्ज नहीं किया, ना तो कार्रवाई की. जिसके चलते अनिल विज ने सीधे-सीधे आबकारी विभाग के आला अधिकारियों को ही निशाने पर ले लिया.
'आबकारी विभाग और पुलिस में तालमेल नहीं'
इस मामले को लेकर गृह मंत्री अनिल विज खुल कर बोल रहे हैं. 'गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि शराब घोटाले को लेकर आबकारी विभाग ने अभी तक FIR तक दर्ज नहीं करवाई है. मामले में आबकारी विभाग से हमारा संपर्क नहीं हो पा रहा है. आबकारी विभाग के अधिकारियों ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को किसी तरह के मामले से जुड़े दस्तावेज नहीं सौंपे हैं'.
यही नहीं गृह मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जो कि विभागीय मंत्री भी हैं, उन्होंने अभी तक इस मुद्दे पर कोई बात नहीं की है. आबकारी विभाग और पुलिस विभाग में तालमेल नहीं बन पा रहा है.
इसका सीधा मतलब ये हुआ कि गृहविभाग और उपमुख्यमंत्री के बीच तालमेल नहीं हो रहा है. क्योंकि गृह विभाग अनिल विज के पास है. जिसके अधीन पुलिस जांच कर रही है. जबकि आबकारी विभाग दुष्यंत चौटाला के पास है. और आबकारी विभाग ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है.
इस पूरे घमासान के बीच आबकारी विभाग देख रहे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कोई बयान नहीं आया है. लेकिन अब अनिल विज आबकारी विभाग पर इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाने का सीधा आरोप लगा रहे हैं.
गृह मंत्री खुद उठा रहे डिप्टी सीएम पर सवाल: दीपेंद्र हुड्डा
शराब मामले पर विपक्ष भी हमलावर हो गया है. ईटीवी भारत हरियाणा के 'डिजिटल चैट' कार्यक्रम में कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान बहुत बड़ा शराब घोटाला हुआ है. पूरे प्रदेश में शराब की होम डिलिवरी हुई, वो किसकी शह पर हुई. इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. दीपेंद्र हुड्डा ये भी कहा कि जब हरियाणा का गृह मंत्री उस विभाग पर उंगली उठाए जो डिप्टी सीएम का हो तो समझ लीजिए स्थिति कितनी गंभीर है.
अभय चौटाला भी लगा चुके हैं दुष्यंत पर आरोप
लॉकडाउन के पहले चरण में जब शराब के ठेके खोलने पर विचार चल रहा था, तभी इनेलो विधायक अभय चौटाला ने दुष्यंत चौटाला पर संदेह जताते हुए सवाल उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि शराब माफिया सरकार पर हावी हैं. सरकार को प्रदेश की जनता की बजाए शराब के ठेकेदारों की ज्यादा चिंता है. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को हरियाणा में शराब के ठेके खोलने की ज्यादा जल्दी है, क्योंकि उनके नाना शराब के बड़े ठेकेदार रहे हैं.
- मामले में हरियाणा गृह विभाग ने क्या किया ?
दो एसएचओ हुए लाइन हाजिर
समालखा में तैनात एसएचओ अरुण कुमार और खरखौदा के एसएचओ जसबीर सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है. वहीं गृहमंत्री ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. विज ने कहा है कि एसआईटी की कमान किसी वरिष्ठ आईएएस और वरिष्ठ पुलिस अफसर के हाथों में होगी. यह बहुत बड़ा घोटाला है, जिसके तार अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि डीजीपी को यह आदेश जारी किए गए हैं कि वह मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज करें. इस मामले में अब तक दो पुलिस एसएचओ को लाइन हाजिर किया जा चुका है. विज ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री बंद थी.
अनिल विज ने जांच टीम के लिए सीनियर आईएएस अशोक खेमका का नाम मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सुझाया है. उन्होंने खेमका समेत तीन आईएएस अफसरों का नाम भेजा है. जिसमें अशोक खेमका, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल और टीसी गुप्ता का नाम शामिल है.
देखिए: कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा से खास बातचीत