चंडीगढ़: बुधवार को स्कूली बसों में मासूमों की सुरक्षा के लिए एक याचिका दायर की गई. जिसमे कहा गया कि सरकार नियमित रूप से बसों की जांच नहीं करवा रही है. जोकि बच्चों के लिए खतरा बन सकता है. इस मामले पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार सहित परिवहन सचिव, डीजीपी और अन्य सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है.
याचिका में हाई कोर्ट को बताया गया है कि हाई कोर्ट ने वर्ष 2014 में स्कूली बस की एक दुर्घटना जिसमें मासूमों की जान चली गई थी के मामले में संज्ञान लेकर पंजाब और हरियाणा दोनों राज्य सरकारों को इस मामले में एक ठोस नीति बनाए जाने के आदेश दिए थे. ताकि स्कूली बसों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
याची ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेशों पर ही हरियाणा और पंजाब दोनों ही राज्य सरकारों ने नीति बना दी थी. हरियाणा सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी तो पंजाब ने सेफ स्कूल पॉलिसी बना लागु कर दी थी. इस पॉलिसी के तहत राज्य और जिला स्तर पर कमेटियां गठित कर समय-समय पर स्कूली बसों की जांच की जानी तय की गई थी.
याचिकाकर्ता के बताया यह नीति बनाए जाने के बावजूद भी इसे लागु नहीं किया जा रहा है और अब भी स्कूली बसों की दुर्घटना में मासूमों की जाने जा रही हैं.
याचिकाकर्ता ने पिछले कुछ दिनों में इन स्कूली बसों की ऐसी ही दुर्घटनाओं का हवाला दिया है. जिसमें जांच के दौरान पता चला कि अगर बस की समय पर जांच की गई होती तो मासूमों की जान बचाई जा सकती थी, क्योंकि इन दुर्घटनाओं में यही सामने आया है कि खामी इन बसों में ही होती है.