चंडीगढ़: हरियाणा में बुधवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. हालांकि मंगलवार को ईधन के दाम में 0.18 पैसे का कमी आई थी. तेल विपणन कंपनियों द्वारा जारी की गई नई रेट लिस्ट के अनुसार हरियाणा में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 106.15 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. जबकि, डीजल की कीमत 97.37 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव न होने के बावजूद हरियाणा के सिरसा में लोगों को सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल खरीदना पड़ रहा है. बुधवार को सिरसा में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 106.80 रुपये पहुंच गई है. जबकि, लोगों को एक लीटर डीजल के लिए 98.00 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. बात अगर राजधानी चंडीगढ़ की करें, तो यहां 8 अप्रैल के बाद से तेल की कीमतों (Petrol Diesel price in Chandigarh) में कोई बदलाव नहीं हुआ है. बुधवार को पेट्रोल 104.74 रुपये जबकि डीजल 90.83 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है.
बता दें कि राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर बीते एक महीने से ब्रेक लगा हुआ है. प्रदेश में ईधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव के पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में स्थिरता को बताया जा रहा है. 22 मार्च को पांच राज्यों - पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद एक पखवाड़े के लिए लगातार बढ़ोतरी के बाद ईंधन की कीमतों में लगभग 10 रुपये का इजाफा हुआ है.
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वहीं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 27 अप्रैल को विपक्ष शासित राज्यों में पेट्रोलियम उत्पादों पर से वैट घटा कर आम आदमी को राहत देने तथा वैश्विक संकट के इस दौर में सहकारी संघवाद की भावना के साथ काम करने की अपील की थी. मोदी ने कहा कि पिछले साल नवंबर महीने में केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने के बावजूद कुछ राज्यों ने इस पर वैट नहीं घटाया और अपने लोगों को इसका लाभ ना देकर उनके साथ अन्याय किया है.
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमत प्रतिदिन अपडेट की जाती है. इस आधार पर देश की तेल कंपनियां रोजान पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव करती हैं. पेट्रोल की कीमत को कई कारक निर्धारित करते हैं. जैसे रुपये से अमेरिकी डॉलर विनिमय दर, कच्चे तेल की लागत, वैश्विक संकेत, ईंधन की मांग, आदि. जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत में ईंधन की कीमत बढ़ जाती है. पेट्रोल दर रिफाइनरियों, उत्पाद शुल्क, डीलर कमीशन और मूल्य वर्धित कर या वैट में भुगतान जोड़कर तय की जाती है. इन्हें जोड़ने के बाद पेट्रोल का खुदरा बिक्री मूल्य लगभग दोगुना हो जाता है.
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