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किसानों की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर HC में सुनवाई, सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट के लिए मांगा एक दिन का समय

मंगलवार को हरियाणा सरकार द्वारा कई जिलों में किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया. जिसके बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दर्ज की गई. इस मामले में सुनवाई हुई. जहां हरियाणा सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने के लिए समय लिया है.

punjab haryana High Court
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Published : Nov 26, 2020, 4:06 PM IST

Updated : Nov 26, 2020, 4:49 PM IST

चंडीगढ़: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए खेती कानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा के लाखों किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं. ऐसे में मंगलवार को हरियाणा सरकार द्वारा कई जिलों में किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया. जिसको लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दर्ज की गई थी.

ये याचिका हरियाणा प्रोग्रेसिव फार्मर यूनियन सबका मंगल हो हिसार द्वारा पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल की गई. हाईकोर्ट ने इस विषय में हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था.

ये भी पढ़ें- 'सरकार दमनकारी नीतियों से बाज आए और किसानों की बात सुने'

आज इस मामले में सुनवाई हुई. जहां हरियाणा सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने के लिए समय ले लिया है. मामले की अगली सुनवाई कल यानी कि शुक्रवार को होगी. बता दें, याचिका में कहा गया है कि वो सभी थानों में जांच के लिए सरकारी खर्चे पर वॉरंट ऑफिसर तैनात करे, जो थानों में जांच कर निर्दोष किसानों को रिहा करवाए और सरकार ऐसे किसानों को उचित मुआवजा जारी करे.

चंडीगढ़: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए खेती कानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा के लाखों किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं. ऐसे में मंगलवार को हरियाणा सरकार द्वारा कई जिलों में किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया. जिसको लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दर्ज की गई थी.

ये याचिका हरियाणा प्रोग्रेसिव फार्मर यूनियन सबका मंगल हो हिसार द्वारा पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल की गई. हाईकोर्ट ने इस विषय में हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था.

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आज इस मामले में सुनवाई हुई. जहां हरियाणा सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने के लिए समय ले लिया है. मामले की अगली सुनवाई कल यानी कि शुक्रवार को होगी. बता दें, याचिका में कहा गया है कि वो सभी थानों में जांच के लिए सरकारी खर्चे पर वॉरंट ऑफिसर तैनात करे, जो थानों में जांच कर निर्दोष किसानों को रिहा करवाए और सरकार ऐसे किसानों को उचित मुआवजा जारी करे.

Last Updated : Nov 26, 2020, 4:49 PM IST
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