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पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स ने बनाया ऐसा दस्ताना...जो बतायेगा हाथ के जोड़ों की समस्या

पंजाब यूनिवर्सिटी के डिजाइन एंड इनोवेशन सेंटर (Design and Innovation Center of Panjab University) की टीम ने एक ऐसे दस्ताने का अविष्कार किया है जो हाथों के जोड़ों के दर्द का इलाज करने में डॉक्टर्स की काफी मदद करेगा. ये दस्ताना खिलाड़ियों की ग्रिप मजबूत करने में भी फायदेमंद साबित होगा.

Panjab University Design innovation Center glove innovation
इस अनोखे दस्ताने से होगा मरीजों का इलाज, खिलाड़ियों के लिए भी होगा फायदेमंद साबित
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Published : Aug 21, 2021, 2:55 PM IST

Updated : Aug 21, 2021, 5:34 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी के डिजाइन एंड इनोवेशन सेंटर (Design and Innovation Center of Panjab University) की टीम की तरफ से एक अनोखा दस्ताना बनाया गया है. जो डॉक्टरों और मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. दरअसल किसी व्यक्ति के हाथ की हड्डियों या जोड़ों में कोई समस्या हो तो डॉक्टर उसका साधारण तरीके से ही इलाज करते हैं. लेकिन ये दस्ताना डॉक्टरों के काम को बेहद आसान कर देगा.

इस खास दस्ताने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए ईटीवी भारत को डॉक्टर प्रशांत जिंदल ने बताया कि इस दस्ताने में कई तरह के सेंसर लगाए गए हैं. जिससे हमें ये पता लगाने में आसानी होती है कि मरीज का हाथ पहले के मुकाबले अब कितना काम कर रहा है. अगर किसी मरीज के जोड़ों में तकलीफ है या वो कोई इलाज करवा रहा है तो उसको अभी तक कितना फायदा हुआ है. डॉक्टर प्रशांत ने बताया कि ये दस्ताना सेंसर के माध्यम से हाथों की क्रियाओं को मापता है कि हाथ पहले के मुकाबले किसी चीज को पकड़ने में कितना जोर लगा पा रहा है.

इस अनोखे दस्ताने से होगा मरीजों का इलाज, खिलाड़ियों के लिए भी होगा फायदेमंद साबित

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वहीं पंजाब यूनिवर्सिटी ने इस दस्ताने के लिए एक मोबाइल ऐप भी बनवाई है. जिसके जरिए डॉक्टर मरीज के हाथ की स्थिति के बारे में आसानी से पता लगा सकते हैं. फिर उसी हिसाब से मरीज का इलाज किया जाएगा. डॉक्टर प्रशांत जिंदल ने बताया कि इस दस्ताने के अविष्कार से पहले सब कुछ तरीके से किया जाता था जिसमें काफी वक्त लगता था और मरीज को बार-बार एक्स-रे भी करवाना पड़ता था. लेकिन अब इस दस्ताने के आने से समय की काफी बचत होगी.

वहीं इस दस्ताने के लिए मोबाइल ऐप को बनाने वाली डॉक्टर ममता जुनेजा ने बताया कि हमने इसके लिए एक ऐसी मोबाइल ऐप बनाई है जो चलाने में बेहद आसान है. जिसे डॉक्टर के अलावा मरीज भी आसानी से इस्तेमाल कर सकता है. इतना ही नहीं इस मोबाइल में जो रीडिंग आती है वो मोबाइल में ही सेव हो जाती है. जिससे डॉक्टर पिछले कई महीनों के ग्राफ को देखकर ये पता लगा सकता है कि पहले से अब तक मरीज को इलाज का कितना फायदा मिला है. उन्होंने ये भी बताया कि इस दस्ताने को मरीज अपने पास भी रख सकता है. जिससे वो घर में ही अपना टेस्ट कर उसकी रिपोर्ट डॉक्टर को भेज सकता है. इससे मरीज को बार-बार अस्पताल भी नहीं आना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: मिलिए बटरफ्लाई मैन से, तितलियों को बचाने का ऐसा जुनून कि बनवा दिया 'बटरफ्लाई पार्क'

डॉक्टर ममता जुनेजा ने बताया कि ये दस्ताने क्रिकेट, बैडमिंटन, हॉकी और अन्य खिलाड़ियों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं. क्योंकि खिलाड़ियों को बैट या हॉकी पकड़ने में मजबूत ग्रिप चाहिए होती है और अगर उन्हें अपनी कलाई में कोई परेशानी हो तो वो इन दस्तानों की मदद से उसका इलाज कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ में लगाया जा रहा है देश का सबसे ऊंचा एयर प्यूरीफायर, जानिए कैसे करता है काम

आपको बता दें कि इस दस्ताने को 20 साल के लिए पेटेंट भी मिल चुका है जो अपने आप में एक बड़ी बात है. क्योंकि आमतौर पर बेहद कम आविष्कारों को इतने लंबे समय के लिए पेटेंट दिया जाता है. डॉक्टर्स का कहना है कि अगले 6 महीनों में इस दस्ताने की प्रोडक्शन शुरू हो जाएगी. हमारी कोशिश है कि इसे कम से कम दामों में मरीजों को मुहैया कराया जाए. फिलहाल इस दस्ताने को बनाने में 20 हजार रूपयों का खर्च आ रहा है. लेकिन जब इसे बड़े स्तर पर बनाया जाएगा तो इसका दाम 10 हजार रुपये से भी कम किया जाएगा.

चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी के डिजाइन एंड इनोवेशन सेंटर (Design and Innovation Center of Panjab University) की टीम की तरफ से एक अनोखा दस्ताना बनाया गया है. जो डॉक्टरों और मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. दरअसल किसी व्यक्ति के हाथ की हड्डियों या जोड़ों में कोई समस्या हो तो डॉक्टर उसका साधारण तरीके से ही इलाज करते हैं. लेकिन ये दस्ताना डॉक्टरों के काम को बेहद आसान कर देगा.

इस खास दस्ताने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए ईटीवी भारत को डॉक्टर प्रशांत जिंदल ने बताया कि इस दस्ताने में कई तरह के सेंसर लगाए गए हैं. जिससे हमें ये पता लगाने में आसानी होती है कि मरीज का हाथ पहले के मुकाबले अब कितना काम कर रहा है. अगर किसी मरीज के जोड़ों में तकलीफ है या वो कोई इलाज करवा रहा है तो उसको अभी तक कितना फायदा हुआ है. डॉक्टर प्रशांत ने बताया कि ये दस्ताना सेंसर के माध्यम से हाथों की क्रियाओं को मापता है कि हाथ पहले के मुकाबले किसी चीज को पकड़ने में कितना जोर लगा पा रहा है.

इस अनोखे दस्ताने से होगा मरीजों का इलाज, खिलाड़ियों के लिए भी होगा फायदेमंद साबित

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वहीं पंजाब यूनिवर्सिटी ने इस दस्ताने के लिए एक मोबाइल ऐप भी बनवाई है. जिसके जरिए डॉक्टर मरीज के हाथ की स्थिति के बारे में आसानी से पता लगा सकते हैं. फिर उसी हिसाब से मरीज का इलाज किया जाएगा. डॉक्टर प्रशांत जिंदल ने बताया कि इस दस्ताने के अविष्कार से पहले सब कुछ तरीके से किया जाता था जिसमें काफी वक्त लगता था और मरीज को बार-बार एक्स-रे भी करवाना पड़ता था. लेकिन अब इस दस्ताने के आने से समय की काफी बचत होगी.

वहीं इस दस्ताने के लिए मोबाइल ऐप को बनाने वाली डॉक्टर ममता जुनेजा ने बताया कि हमने इसके लिए एक ऐसी मोबाइल ऐप बनाई है जो चलाने में बेहद आसान है. जिसे डॉक्टर के अलावा मरीज भी आसानी से इस्तेमाल कर सकता है. इतना ही नहीं इस मोबाइल में जो रीडिंग आती है वो मोबाइल में ही सेव हो जाती है. जिससे डॉक्टर पिछले कई महीनों के ग्राफ को देखकर ये पता लगा सकता है कि पहले से अब तक मरीज को इलाज का कितना फायदा मिला है. उन्होंने ये भी बताया कि इस दस्ताने को मरीज अपने पास भी रख सकता है. जिससे वो घर में ही अपना टेस्ट कर उसकी रिपोर्ट डॉक्टर को भेज सकता है. इससे मरीज को बार-बार अस्पताल भी नहीं आना पड़ेगा.

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डॉक्टर ममता जुनेजा ने बताया कि ये दस्ताने क्रिकेट, बैडमिंटन, हॉकी और अन्य खिलाड़ियों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं. क्योंकि खिलाड़ियों को बैट या हॉकी पकड़ने में मजबूत ग्रिप चाहिए होती है और अगर उन्हें अपनी कलाई में कोई परेशानी हो तो वो इन दस्तानों की मदद से उसका इलाज कर सकते हैं.

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आपको बता दें कि इस दस्ताने को 20 साल के लिए पेटेंट भी मिल चुका है जो अपने आप में एक बड़ी बात है. क्योंकि आमतौर पर बेहद कम आविष्कारों को इतने लंबे समय के लिए पेटेंट दिया जाता है. डॉक्टर्स का कहना है कि अगले 6 महीनों में इस दस्ताने की प्रोडक्शन शुरू हो जाएगी. हमारी कोशिश है कि इसे कम से कम दामों में मरीजों को मुहैया कराया जाए. फिलहाल इस दस्ताने को बनाने में 20 हजार रूपयों का खर्च आ रहा है. लेकिन जब इसे बड़े स्तर पर बनाया जाएगा तो इसका दाम 10 हजार रुपये से भी कम किया जाएगा.

Last Updated : Aug 21, 2021, 5:34 PM IST

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