चंडीगढ़: बीते दिनों हुई भारी बारिश के कारण हरियाणा के कई जिलों को भारी नुकसान पहुंचा है. जिस पर प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है. जिसको लेकर अब विपक्ष लगातार हरियाणा सरकार पर हमलावर है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आपदा में राजनीति की कोई जरूरत नहीं होती. लेकिन, कमियों को दूर करने की जरूरत जरूर होती है. उन्होंने कहा कि आपदा आई इसमें हरियाणा सरकार का दोष नहीं है. लेकिन, समय रहते जो कदम सरकार को उठाने चाहिए थे, वो सरकार ने नहीं उठाए.
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नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि, उन्होंने खुद प्रभावित इलाकों का दौरा किया है. उन्होंने कहा कि वे खुद गांव, शहर और खेतों में गए हैं. जहां सरपंचों ने उन्हें बताया कि ड्रेन की सफाई नहीं की गई है. सीवरेज की सफाई नहीं करवाई गई है. यमुना के साथ जो ठोकर लगाई जाती है वो 9 साल से नहीं लगाई गई है. उन्होंने कहा कि दादूपुर नलवी नहर को डिनोटिफाई कर दिया. जिसके वजह से यमुनानगर. शाहबाद, रादौर और अंबाला तक ज्यादा पानी आया. हांसी बुटाना नहर को मजबूत किया जाता तो इतना नुकसान नहीं होता.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जो कह रही है कि, हथिनीकुंड का वह बैराज है डैम नहीं है. ज्यादा पानी आता है तो छोड़ना तो पड़ेगा. वेस्टर्न और ईस्टर्न नहीं छोड़ सकते हैं. ऐसे में हरियाणा भी हिमाचल को जिम्मेदार ठहरा देगा, कि पीछे से पानी ज्यादा आया है. लेकिन जो तैयारी दिल्ली सरकार की होनी चाहिए थी वह नहीं की गई थी.
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में लोगों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों के लिए सरकार को 40000 प्रति एकड़ के हिसाब से का मुआवजा देना चाहिए. जिनका सामान खराब हुआ उनको भी मुआवजा देना चाहिए. ताकि लोगों को कुछ हद तक राहत मिल सके.
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने जननायक जनता पार्टी के एनडीए की बैठक में शामिल होने पर भी निशाना साधा है. यह गठबंधन नीति के आधार पर नहीं है. यह स्वार्थ के आधार पर गठबंधन है. हरियाणा में भ्रष्टाचार फैला हुआ है. साथ ही विपक्षी दलों की बैठक को लेकर हुड्डा ने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक हो रही है. अच्छा कदम है, प्रजातंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों मजबूत होने चाहिए.
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