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ओपी चौटाला को मिली एक सप्ताह की पैरोल, पोते अर्जुन की सगाई में होंगे शामिल - ओपी चौटाला पोते अर्जुन की सगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला को एक सप्ताह की पैरोल दे दी है. ओपी चौटाला ने पोते अर्जुन चौटाला की सगाई में शामिल होने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से पैरोल गुहार लगाई थी.

पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला
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Published : Jul 16, 2019, 4:19 PM IST

चंडीगढ़/दिल्ली: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने अपने पोते अर्जुन चौटाला की सगाई में शामिल होने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट से 4 सप्ताह की पैरोल मांगी थी. जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई और कोर्ट ने ओपी चौटाला को एक सप्‍ताह की पैरोल दे दी है. 18 जुलाई 2019 को ओपी चौटाला पोते अर्जुन की सगाई में शामिल होंगे.

शिक्षक भर्ती घोटाले में तिहाड़ जेल में सजा काट रहे ओपी चौटाला को इसी साल मई महीने में 14 दिन की पैरोल मिली थी. पैरोल खत्म होने के बाद वह फिर से जेल में चले गए थे. अब उन्होंने एक बार फिर पैरोल के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

10 साल की जेल की सजा काट रहे हैं चौटाला
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी करार दिये गए थे. ओपी चौटाला तिहाड़ में सजा काट रहे हैं. ओम प्रकाश चौटाला और उनके बड़े पुत्र अजय सिंह चौटाला को 16 जनवरी 2013 को दस वर्ष की कारावास की सजा सुनाई गई थी.

जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाला
जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले को उजागर करने में अहम भूमिका तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने निभाई थी. संजीव कुमार ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर की थी. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने प्रारंभिक जांच वर्ष 2003 में शुरू की.

जांच में शिक्षकों की नियुक्ति में बरती गई अनियमितताओं का मामला सामने आने के बाद सीबीआई ने जनवरी 2004 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला, मुख्यमंत्री के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी आइएएस विद्याधर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार रहे शेर सिंह बड़शामी, राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार सहित कुल 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

सबसे हैरानी की बात यह रही कि मामले को उजागर करने में अहम भूमिका निभाने वाले संजीव कुमार को भी सीबीआई ने इस मामले में आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया. सीबीआई के अनुसार संजीव कुमार इस घोटाले में बराबर शामिल रहे. सीबीआई के अनुसार उनका अन्य लोगों से विवाद होने पर ही उन्होंने घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई.

चंडीगढ़/दिल्ली: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने अपने पोते अर्जुन चौटाला की सगाई में शामिल होने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट से 4 सप्ताह की पैरोल मांगी थी. जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई और कोर्ट ने ओपी चौटाला को एक सप्‍ताह की पैरोल दे दी है. 18 जुलाई 2019 को ओपी चौटाला पोते अर्जुन की सगाई में शामिल होंगे.

शिक्षक भर्ती घोटाले में तिहाड़ जेल में सजा काट रहे ओपी चौटाला को इसी साल मई महीने में 14 दिन की पैरोल मिली थी. पैरोल खत्म होने के बाद वह फिर से जेल में चले गए थे. अब उन्होंने एक बार फिर पैरोल के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

10 साल की जेल की सजा काट रहे हैं चौटाला
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी करार दिये गए थे. ओपी चौटाला तिहाड़ में सजा काट रहे हैं. ओम प्रकाश चौटाला और उनके बड़े पुत्र अजय सिंह चौटाला को 16 जनवरी 2013 को दस वर्ष की कारावास की सजा सुनाई गई थी.

जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाला
जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले को उजागर करने में अहम भूमिका तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने निभाई थी. संजीव कुमार ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर की थी. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने प्रारंभिक जांच वर्ष 2003 में शुरू की.

जांच में शिक्षकों की नियुक्ति में बरती गई अनियमितताओं का मामला सामने आने के बाद सीबीआई ने जनवरी 2004 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला, मुख्यमंत्री के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी आइएएस विद्याधर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार रहे शेर सिंह बड़शामी, राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार सहित कुल 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

सबसे हैरानी की बात यह रही कि मामले को उजागर करने में अहम भूमिका निभाने वाले संजीव कुमार को भी सीबीआई ने इस मामले में आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया. सीबीआई के अनुसार संजीव कुमार इस घोटाले में बराबर शामिल रहे. सीबीआई के अनुसार उनका अन्य लोगों से विवाद होने पर ही उन्होंने घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई.

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला अपने पोते अर्जुन चौटाला की सगाई में शामिल होंगे। इसके लिए उन्‍होंने दिल्ली हाई कोर्ट से पैरोल मांगी जिसपर मंगलवार को सुनवाई हुई। इसके बाद कोर्ट ने उन्‍हें एक सप्‍ताह तक के पैरोल की इजाजत दे दी है। दायर याचिका के अनुसार, पोते अर्जुन चौटाला की सगाई 18 जुलाई 2019 को होगी, इसमें शामिल होने के लिए उन्होंने पैरोल की मांग की थी। 



शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा काट रहे ओपी चौटाला को इसी साल मई महीने में 14 दिन की पैरोल मिली थी। पैरोल खत्म होने के बाद वह फिर से जेल में चले गए थे। अब उन्होंने एक बार फिर पैरोल के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।



बता दें कि ओम प्रकाश चौटाला ने लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी बढ़ती उम्र और दिव्यांगता के चलते समय से पूर्व सजा माफ करने की अर्जी लगाई थी। हाई कोर्ट ने इस याचिका के निपटारे के लिए दिल्ली सरकार को आदेश दिए थे, मगर यह याचिका दिल्ली सरकार के विचाराधीन है।





10 साल की जेल की सजा काट रहे हैं चौटाला



हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी करार दिये गये थे और वह तिहाड़ में सजा काट रहे हैं। ओम प्रकाश चौटाला और उनके बड़े पुत्र अजय सिंह चौटाला को 16 जनवरी 2013 को दस वर्ष की सजा सुनाई गई थी।





क्या है जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाला?



जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले को उजागर करने में अहम भूमिका तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने निभाई थी। संजीव कुमार ने ही इस मामले में उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दायर की थी। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच वर्ष 2003 में शुरू की। जांच में शिक्षकों की नियुक्ति में बरती गई अनियमितताओं का मामला सामने आने के बाद सीबीआइ ने जनवरी 2004 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला, मुख्यमंत्री के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी आइएएस विद्याधर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार रहे शेर सिंह बड़शामी, राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार सहित कुल 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।





सबसे ताज्जुब की बात यह रही कि मामले को उजागर करने में अहम भूमिका निभाने वाले संजीव कुमार को भी सीबीआइ ने इस मामले में आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया। सीबीआइ के अनुसार संजीव कुमार भी इस घोटाले में बराबर शामिल रहे थे। सीबीआइ के अनुसार उनका अन्य लोगों से विवाद होने पर ही उन्होंने घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई।


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