चंडीगढ़: कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लगया गया था. जिसका असर अब तक देखने को मिल रहा है. व्यापारी परेशान हैं, कर्मचारियों को समझ नहीं आ रहा है कि वो क्या करें तो वहीं उद्योग धंधे भी धीमी गति से आगे बढ़ रहे हैं. इसके अलावा कोरोना की वजह से टूरिज्म भी एकदम से रुक गया है. यही नहीं कोरोना की वजह से पासपोर्ट बनवाने वाले लोगों में भी भारी गिरावट देखने को मिली है. पिछले साल के मुकाबले इस साल पिछले 3 महीनों में एक चौथाई से भी कम नए पासपोर्ट बनवाने के लिए अप्लाई किए गए हैं.
हरियाणा और पंजाब जैसे प्रदेशों में जहां विदेश जाने का क्रेज ज्यादा होता है. हर महीने हजारों लोग पासपोर्ट के लिए अप्लाई करते थे, लेकिन अप्रैल, मई और जून के महीने में इन एप्लीकेशंस की संख्या घटकर बेहद कम हो गई.
बता दें कि, पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. जिसके बाद एप्लीकेंट को तय समय और तारीख दी जाती है. उसके बाद एप्लीकेंट समय और तारीख पर पासपोर्ट सेवा केंद्र जाकर अपना पासपोर्ट अप्लाई कर सकता है. हालांकि लॉकडाउन की वजह से लोग पासपोर्ट सेवा केंद्र नहीं जा सकते थे, लेकिन लोगों ने पासपोर्ट अप्लाई करना भी लगभग बंद कर दिया था. इस बीच रीजनल पासपोर्ट ऑफिस की तरफ से ऑनलाइन एप्लीकेशन को स्वीकार करना जारी था.
इस बारे में रीजनल पासपोर्ट ऑफिस चंडीगढ़ के डिप्टी पासपोर्ट ऑफिसर अमित कुमार रावत ने बताया कि इस साल मार्च में 33 हजार से ज्यादा पासपोर्ट अप्लाई किए गए थे, जबकि अप्रैल के महीने में एक भी पासपोर्ट अप्लाई नहीं किया गया. उसके बाद मई के महीने में 3001 एप्लीकेशन अप्लाई की गईं. 4 जून को 17,021 एप्लीकेशन आई जो पिछले कई सालों की तुलना में बहुत कम है, क्योंकि अगर पिछले सालों की बात करें तो इन महीनों में प्रति महीना करीब 60 हजार एप्लीकेशन आई थी.
लॉकडाउन के दौरान अप्रैल, 2020 ऐसा महीना था जब चंडीगढ़ के रीजनल पासपोर्ट ऑफिस में एक भी एप्लीकेशन नहीं आई. हालांकि इसके बाद मई में भी सिर्फ 3 हजार ही लोगों ने पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया. इसके बाद जब अनलॉक-1 की शुरुआत हुई तो जून में जाकर एप्लीकेंट की संख्या एक बार फिर बढ़कर 17 हजार पहुंची, लेकिन ये संख्या भी दूसरे सालों की तुलना में एक तिहाई भी नहीं है.
चंडीगढ़ के रीजनल पासपोर्ट ऑफिस के डिप्टी पासपोर्ट ऑफिसर अमित कुमार रावत ने बताया कि चंडीगढ़, पंजाब के 12 जिले और हरियाणा के 12 जिलों से पासपोर्ट के एप्लीकेशन आती हैं. पंजाब के जालंधर, अमृतसर और आसपास के जिले चंडीगढ़ पासपोर्ट ऑफिस के अंतर्गत नहीं आते. उन इलाकों के पासपोर्ट अमृतसर में बनाए जाते हैं. इसके अलावा दिल्ली के आसपास के दक्षिणी हरियाणा के जिले जैसे फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक और पलवल जिलों के पासपोर्ट एप्लीकेशन दिल्ली जाती है.
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चंडीगढ़ रीजनल ऑफिस में हर महीने बड़ी संख्या में पासपोर्ट बनाए जाते हैं, क्योंकि इस रीजन से लोगों में विदेश जाने का ज्यादा क्रेज है. खासकर पंजाब से हर महीने हजारों लोग विदेश यात्रा करते हैं, लेकिन कोरोना काल में जहां एक तरफ यात्राएं पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं. वहीं पासपोर्ट की एप्लीकेशन में भी कमी गिरावट देखी गई है. हालांकि अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. जिससे पासपोर्ट एप्लीकेशन की संख्या फिर से बढ़ने लगी है. 6 जुलाई तक 3 हजार से ज्यादा एप्लीकेशन आ चुकी हैं जो जुलाई खत्म होने तक काफी बढ़ने की उम्मीद है.