चंडीगढ़: 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों की सक्रियता काफी तेज हो गई है. कुछ ऐसा ही अब हरियाणा में भी देखने को मिल रहा है जहां पहले बीजेपी, जेजेपी, कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल और आम आदमी पार्टी मैदान में थी अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी मैदान में उतर चुकी है. हरियाणा एनसीपी के अध्यक्ष वीरेंद्र वर्मा ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष बने हुए करीब 4 महीने हो गए हैं. एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी है, उस दिशा में प्रदेश इकाई आगे बढ़ रही है.
वीरेंद्र वर्मा ने कहा कि, महाराष्ट्र एक ऐसा प्रदेश है जहां पर रोजगार गारंटी का कानून लागू है. महाराष्ट्र में कृषि क्षेत्र में भी बदलाव लाकर किसानों के हित में शरद पवार ने कई कार्य किये हैं. यही वजह है कि महाराष्ट्र का कोई आदमी रोजगार की तलाश में बाहर घूमता नहीं दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि, हरियाणा में भी रोजगार गारंटी कानून एनसीपी लाएगी, जिसके पास रोजगार नहीं है उसे 10 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे.
एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, महराष्ट्र की तर्ज पर हरियाणा के किसानों के हित में कार्य किये जाएंगे. स्वास्थ्य के संदर्भ में भी हरियाणा के लोगो को जागरूक किया जाएगा. स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी की जाएगी. साथ ही सभी स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त मुहैय्या करवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि, हरियाणा में शिक्षा का स्तर भी बढ़ाया जाएगा, शिक्षा भी मुफ्त मुहैया करवाई जाएगी. बागवानी और पशुधन को विकसित करने के लिए हर जिले में विश्वविद्यालय बनाये जाएंगे. खेती की पैदावार के आधार पर ही उद्योग भी स्थापित किये जाएंगे.
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, वृद्धावस्था पेंशन सहायता के लिए नहीं, बल्कि सम्मान के लिए होती है. 60 से ऊपर वाले को हर महीने 5 हजार रुपए दिया जाएगा. वहीं, उन्होंने कहा कि, 19 मार्च को करनाल की नई अनाज मंडी में राष्ट्रवादी महासम्मेलन किया जाएगा. इस महासम्मेलन में शरद पवार मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे. यह एक रिकॉर्ड जनसभा होगी.
वहीं, हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, सरकार के ऑनलाइन कार्यक्रमों से आमजन को सिर्फ और सिर्फ परेशानी ही मिल रही है. उन्होंने कहा कि 2024 में निश्चित रूप से समाज के अंदर परिवर्तन होने जा रहा है. राष्ट्रीय स्तर पर ही हरियाणा के अंदर गठबंधन की बातें चल रही है. उसी आधार पर लोकसभा के चुनावों में कैंपेनिंग होगी.