चंडीगढ़: हरियाणा प्रदेश के इतिहास में पहली बार नायब तहसीलदार गांव-गांव खेत खेत में जाकर जमीन की पैमाइश करेंगे. इससे पहले एक केवल पटवारिया कानून को ही गांव में जाकर चकबंदी करा करते थे, लेकिन अब उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आदेश पर ये बदलाव हो रहा है.
उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस साल ट्रेनिंग पूरी करने वाले 57 नायब तहसीलदारों को सिर्फ एक-एक गांव अलॉट किया है. बल्कि 1 अक्टूबर से चकबंदी का काम हर हाल में शुरू करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. भिवानी दादरी जिले के गांव में 30 नायब तहसीलदारों की ड्यूटी लगाई गई है. वहीं रोहतक में आठ, झज्जर में चार, पानीपत में तीन, करनाल में आठ, हिसार में एक, अंबाला में दो, गुरुग्राम में दो नायब तहसीलदारों की चकबंदी के गांव-गांव में जाने की ड्यूटी लगाई गई है.
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा में 64 गांव में चकबंदी नहीं है. इन गांव से अमूमन हर रोज जमीनी मामलों को लेकर शिकायतें आती रहती थीं. ऐसे मामलों को सुलझाने के लिए चकबंदी जरूरी होती है. उन्होंने बताया कि इन गांव का जमीन रिकॉर्ड सदियों से भीगा एवं विश्वा में चला रहा है, जबकि पूरे हरियाणा में कनाल और मरला में जमीनी रिकॉर्ड है. इन गांवों के किसानों की जमीन भी टुकड़ों में बंटी हुई है और खेतों में आने जाने के लिए किसानों को रास्ते भी नहीं मिल पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि चकबंदी होने से जमीदार के पास उनकी जमीन का लीगल मालिकाना हक हो जाएगा.
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