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कृषि कानून को लेकर राज्यसभा में दीपेन्द्र हुड्डा और नरेन्द्र तोमर में तीखी बहस

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Published : Feb 5, 2021, 3:22 PM IST

Updated : Feb 5, 2021, 4:26 PM IST

राज्यसभा में नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और विपक्षी में तीखी बहस हुई. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा को अगली बार बहस करने से पहले कृषि कानूनों को पढ़कर आने की नसीहत दे दी.

narendra tomar deependra hooda
narendra tomar deependra hooda

चंडीगढ़/नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा हुई. इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को नए कृषि कानून के बारे में अगली बार पढ़कर आने की नसीहत दी. इसके साथ ही नरेंद्र तोमर ने कहा कि 'खून से खेती' सिर्फ कांग्रेस कर सकती है, बीजेपी नहीं.

दीपेंद्र हुड्डा से बोले केंद्रीय कृषि मंत्री, 'अगली बार कृषि कानून पढ़कर बहस करना'

पंजाब और हरियाणा के कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग का उदाहरण देने को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा से कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि ये कानून हुड्डा कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर है. कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने दीपेंद्र हुडा से कहा कि कृषि कानून के बारे में अगली बार पढ़कर आना.

ये भी पढ़ें- राज्यसभा में दीपेंद्र हुड्डा ने उठाया किसान आंदोलन का मुद्दा, बोले- प्रजातंत्र पर प्रचार तंत्र हावी हो गया है

राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष सरकार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर घेर रहा है और तीनों नए कानूनों को काला कानून बता रहा है, लेकिन इन कानूनों में 'काला' क्या है, कोई ये भी बताए. नए एक्ट के तहत किसान अपने सामान को कहीं भी बेच सकेगा. अगर एपीएमसी के बाहर कोई ट्रेड होता है तो किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा.

ये भी पढ़ें- बीजेपी छोड़ चुके बलवान दौलतपुरिया ने किसान आंदोलन के लिए टिकरी कूच किया

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि किसान कृषि कानूनों को लेकर नाराज हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री खुद अपने गृहक्षेत्र में ही सभा नहीं कर पाए. जो किसान दिल्ली की सीमा पर बैठे हैं वो रामलीला मैदान में आंदोलन करने के लिए आ रहे थे, लेकिन जब इनको नहीं आने दिया गया तो इन्हें जहां रोका गया, ये वहीं बैठ गए.

ये भी पढे़ं- अविश्वास प्रस्ताव से साफ हो जाएगा कि कौन जनता के हित में हैं और कौन नहीं- किरण चौधरी

राज्यसभा में कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि अपनी प्रजा की बात मानने से कोई शासक है या सरकार छोटी नहीं होती. सरकार को बड़ा दिल दिखाते हुए किसानों की बात माननी चाहिए. सरकार आत्मनिर्भर बनाने की बात करती है तो हमारे देश को आत्मनिर्भर किसानों ने भी बनाया है.

चंडीगढ़/नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा हुई. इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को नए कृषि कानून के बारे में अगली बार पढ़कर आने की नसीहत दी. इसके साथ ही नरेंद्र तोमर ने कहा कि 'खून से खेती' सिर्फ कांग्रेस कर सकती है, बीजेपी नहीं.

दीपेंद्र हुड्डा से बोले केंद्रीय कृषि मंत्री, 'अगली बार कृषि कानून पढ़कर बहस करना'

पंजाब और हरियाणा के कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग का उदाहरण देने को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा से कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि ये कानून हुड्डा कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर है. कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने दीपेंद्र हुडा से कहा कि कृषि कानून के बारे में अगली बार पढ़कर आना.

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राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष सरकार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर घेर रहा है और तीनों नए कानूनों को काला कानून बता रहा है, लेकिन इन कानूनों में 'काला' क्या है, कोई ये भी बताए. नए एक्ट के तहत किसान अपने सामान को कहीं भी बेच सकेगा. अगर एपीएमसी के बाहर कोई ट्रेड होता है तो किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा.

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उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि किसान कृषि कानूनों को लेकर नाराज हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री खुद अपने गृहक्षेत्र में ही सभा नहीं कर पाए. जो किसान दिल्ली की सीमा पर बैठे हैं वो रामलीला मैदान में आंदोलन करने के लिए आ रहे थे, लेकिन जब इनको नहीं आने दिया गया तो इन्हें जहां रोका गया, ये वहीं बैठ गए.

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राज्यसभा में कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि अपनी प्रजा की बात मानने से कोई शासक है या सरकार छोटी नहीं होती. सरकार को बड़ा दिल दिखाते हुए किसानों की बात माननी चाहिए. सरकार आत्मनिर्भर बनाने की बात करती है तो हमारे देश को आत्मनिर्भर किसानों ने भी बनाया है.

Last Updated : Feb 5, 2021, 4:26 PM IST
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