चंडीगढ़: कोरोना संकट में प्रदेश को साफ करने वाले सफाई कर्मचारियों ने तीन दिन की हड़ताल का ऐलान किया है. इसमें स्थानीय निकाय के कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया है. ये हड़ताल सोमवार 6 जुलाई से 8 जुलाई तक जारी रहेगी.
बता दें कि, इससे पहले सफाई कर्मचारियों की मांगों को लेकर नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की, जो किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई. नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश शास्त्री ने कहा कि कोरोना की ड्यूटी में लगे सफाई कर्मचारियों की मौत होने पर सरकार ने 50 लाख रुपये का मुआवजा राशि देने का वादा किया था, लेकिन इसको पूरा नहीं किया.
कर्मचारियों ने बताया कि सरकार मांगों को पूरा करने के बजाय गोलमाल करके वादाखिलाफी कर रही है. उन्होंने बताया कि रोहतक में कर्मचारी संघ की 5 जुलाई को एक कन्वेंशन बुलाई गई है, जिसमें आगामी रणनीति की रूपरेखा तैयार की जाएगी.
बैठक के बाद नरेश शास्त्री ने बताया कि पिछली मुलाकात के दौरान शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने कोरोना की ड्यूटी में लगे सफाई कर्मचारियों की मौत होने पर 50 लाख मुआवजा देने पर हामी भरी थी, मगर इसको लागू नहीं किया है. इसके अलावा सफाई कर्मचारी को हर महीने 4000 रु जोखिम भत्ता देने का भी वादा किया था. इस पर भी सरकार ने कुछ नहीं किया है. सरकार के इस रवैये के चलते सफाई कर्मचारी नाराज हैं, जिसके बाद तीन दिवसीय प्रदर्शन करने का फैसला लिया है.
ये भी पढ़ें- पंचकूला में सर्व कर्मचारी संघ ने किया उपायुक्त कार्यालय का घेराव