चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा को ई-विधानसभा करने को लेकर अहम एमओयू साइन किया गया. केंद्रीय संसदीय मंत्रालय, हरियाणा सरकार और विधानसभा के बीच हुए इस एमओयू के माध्यम से हरियाणा विधानसभा का पूरी तरह से डिजिटल होने की तरफ अहम कदम होगा. इसपर 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें से केंद्रीय संसदीय मंत्रालय 60 फीसदी जबकि 40 फीसदी राज्य सरकार खर्च करेगी.
जल्द पेपरलेस होगी हरियाणा विधानसभा!
विधानसभा स्पीकर के अनुसार हर साल 10 करोड़ से ज्यादा का खर्च रहता है, जो डिजिटल होने से बेचेगा. वहीं विधानसभा के बजट सत्र को लेकर भी विधानसभा स्पीकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि विभागों से बिलों के संबंध में जवाब पांच दिन पहले ही स्वीकार्य होंगे और आवश्यक कार्यवाही के बाद दो दिन पहले सदस्यों के पास भेजा जाएगा.
ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आज हरियाणा विधानसभा के लिए ऐतिहासिक दिन है. एक साल पहले हरियाणा विधानसभा को ई-विधानसभा करने का फैसला किया गया था. हरियाणा विधानसभा को पेपरलेस किया जाएगा, कोविड के चलते इस फैसले में देरी हुई है लेकिन आज केंद्रीय संसदीय मंत्रालय के अधिकारी हरियाणा विधानसभा आएं हैं. इस मौके पर ई-विधानसभा को लेकर एक एमओयू साइन किया गया है.
'ऐसा करने में 16वें नंबर पर हरियाणा'
उन्होंने कहा कि ई-विधानसभा एप्लिकेबल पूरी तरह हिमाचल विधानसभा में हुआ है. हालांकि 15 विधानसभा ऐसी हैं, जिसमें ई-विधानसभा के लिए काम हो रहा है और हम 16वें नंबर पर है. केंद्रीय संसदीय मंत्रालय से इस कार्य के लिए 60 फीसदी जबकि 40 फीसदी राज्य सरकार को खर्च करना होगा.
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स्पीकर ने कहा कि इस बार भी टेब पर सीएम मनोहर लाल बजट पेश करेंगे. सभी विधायकों को अपना टेब लेकर आना है. इसके लिए एक पत्र जारी किया जाएगा. वहीं उन्होंने बताया कि 1 और 2 मार्च को हिमाचल विधानसभा में ई-विधानसभा के लिए स्टडी करने के लिए हरियाणा विधानसभा की कमेटी जाएगी.
वहीं आगामी बजट सत्र को लेकर विधानसभा स्पीकर ने कहा कि अभी तक 450 तारांकित और गैर तारांकित सवाल पहुंचे हैं, जबकि 4 स्थगन प्रस्ताव और 2 प्राइवेट मेंबर बिल भी अभी तक भेजे गए हैं.