चंडीगढ़/नई दिल्ली: कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए आंदोलनकारी किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. आगामी 22 जुलाई को किसानों ने संसद को घेरने का ऐलान कर भी दिया है. मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार से होने जा रही है. 22 जुलाई से किसानों का एक जत्था रोज संसद मार्च करेगा. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि मानसून सत्र के दौरान रोजाना किसानों का एक जत्था संसद मार्च करेगा.
उन्होंने बताया कि हर जत्थे में 200 किसान शामिल होंगे. संयुक्त मोर्चा में शामिल सभी 40 किसान संगठनों की संसद में मार्च में बराबर की हिस्सेदारी होगी. हर संगठन से रोजाना पांच सदस्य संसद मार्च में शामिल होंगे. इन पांच सदस्यों में एक टीम लीडर होगा जो अपनी टीम के प्रति पूरी तरह जवाबदेह और उत्तरदायी होगा. संसद मार्च के लिए जाने वाले सत्याग्रहियों का चुनाव पूरी तरह जांच-परख के बाद किया जा रहा है.
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उन्होंने बताया कि आधार कार्ड के आधार पर विशेष पहचान पत्र जारी किए जा रहे हैं. इस संबंध में पूरी जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ बैठक में उपलब्ध करा दी गई है. मानसून सत्र के दौरान रोजाना 200 किसानों का जत्था संसद पर पहुंचेगा और शाम को वापस लौट जाएगा. अगले दिन दूसरा जत्था संसद पहुंचेगा. एक तरफ जहां किसान संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे वहीं इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने संसद के दोनों सदनों के नेताओं को भी किसानों के लिए आवाज उठाने का आह्वान किया है.
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