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नाबालिग लड़कियों के अपहरण का मामला: चंडीगढ़ कोर्ट ने दोषी शिक्षक को सुनाई सजा, जुर्माना भी लगाया - छात्राओं के अपहरण के दोषी को सजा

दो नाबालिग लड़कियों के अपहरण मामले में चंडीगढ़ कोर्ट ने दोषी शिक्षक को 4 साल की सजा सुनाई है. इसी के साथ अदालत ने दोषी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

chandigarh court
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Published : Jun 4, 2023, 5:32 PM IST

चंडीगढ़: साल 2007 में दो नाबालिग लड़कियों का अपहरण करने के मामले में चंडीगढ़ कोर्ट ने शिक्षक को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोषी शिक्षक को चार साल की सजा सुनाई है. दोषी सरकारी स्कूल में हिंदी का शिक्षक था. चंडीगढ़ कोर्ट ने दोषी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मार्च 2007 में चंडीगढ़ में रहने वाले शख्स ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उसकी दो नाबालिग बेटियां लापता हो गई है.

शख्स ने पुलिस को बताया था कि उसकी बेटियां मंदिर में पूजा के लिए शाम करीब 7 बजे घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. नाबालिग के पिता ने पहले तो अपने स्तर पर उन्हें ढूंढने की कोशिश की. जब लड़कियां नहीं मिली तो शख्स ने इसकी शिकायत पुलिस को दी. जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लड़कियों की तलाश शुरू कर दी. शख्स ने शक जताया कि उसकी बेटी को उसके हिंदी शिक्षक ने बहकाया होगा.

ये भी पढ़ें- सोनीपत में चार साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को उम्रकैद की सजा, 60 हजार रुपये का जुर्माना

जिसने हाल ही में उसे जन्मदिन पर वॉकमैन दिया था. इस शिकायत पर पुलिस ने पांच दिन बाद लड़की को उत्तराखंड के बागेश्वर से ढूंढ निकाला. उसके साथ पीड़िता का नाबालिग दोस्त भी मिला. इस मामले में सितंबर 2007 में एक शिक्षक समेत तीन लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे. 2009 में शिक्षक को अपराधी घोषित किया गया था और अन्य दो को आईपीसी की धारा 342 (गलत कारावास) के तहत दोषी ठहराया गया था. वहीं शिक्षक को 2 जून को दोषी ठहराया गया. कोर्ट ने अब दोषी शिक्षक को चार साल की सजा सुनाई है. इसी के साथ उसपर 25 हजार का जुर्माना लगाया है.

चंडीगढ़: साल 2007 में दो नाबालिग लड़कियों का अपहरण करने के मामले में चंडीगढ़ कोर्ट ने शिक्षक को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोषी शिक्षक को चार साल की सजा सुनाई है. दोषी सरकारी स्कूल में हिंदी का शिक्षक था. चंडीगढ़ कोर्ट ने दोषी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मार्च 2007 में चंडीगढ़ में रहने वाले शख्स ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उसकी दो नाबालिग बेटियां लापता हो गई है.

शख्स ने पुलिस को बताया था कि उसकी बेटियां मंदिर में पूजा के लिए शाम करीब 7 बजे घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. नाबालिग के पिता ने पहले तो अपने स्तर पर उन्हें ढूंढने की कोशिश की. जब लड़कियां नहीं मिली तो शख्स ने इसकी शिकायत पुलिस को दी. जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लड़कियों की तलाश शुरू कर दी. शख्स ने शक जताया कि उसकी बेटी को उसके हिंदी शिक्षक ने बहकाया होगा.

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जिसने हाल ही में उसे जन्मदिन पर वॉकमैन दिया था. इस शिकायत पर पुलिस ने पांच दिन बाद लड़की को उत्तराखंड के बागेश्वर से ढूंढ निकाला. उसके साथ पीड़िता का नाबालिग दोस्त भी मिला. इस मामले में सितंबर 2007 में एक शिक्षक समेत तीन लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे. 2009 में शिक्षक को अपराधी घोषित किया गया था और अन्य दो को आईपीसी की धारा 342 (गलत कारावास) के तहत दोषी ठहराया गया था. वहीं शिक्षक को 2 जून को दोषी ठहराया गया. कोर्ट ने अब दोषी शिक्षक को चार साल की सजा सुनाई है. इसी के साथ उसपर 25 हजार का जुर्माना लगाया है.

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