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मंत्रियों ने की अफसरों की शिकायत, 23 मई के बाद हो सकता है बड़ा फेरबदल

लोकसभा चुनाव के खत्म होते ही प्रदेश के अधिकारियों में समस्या बढ़ गई है. मनोहर कैबिनेट के कुछ नेताओं ने लोकसभा चुनाव के बाद अधिकारियों के काम का फीडबैक भेजा है. जिसके बाद कुछ अधिकारियों को तबादले की गाज सहन करनी पड़ सकती है.

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Published : May 17, 2019, 9:41 AM IST

चंडीगढ़ः लोकसभा चुनाव के लिए हरियाणा में मतदान संपन्न हो जाने का बाद प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों ने चुनाव के दौरान कई अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. मंत्रियों ने फीडबैक दिया कि कई जिलों में अफसरों ने पार्टी विशेष और कुछ नेताओं के लिए काम किया है. प्रदेश सरकार ने मंत्रियों के इस फीडबैक को गंभीरता से लेते हुए बड़े प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी कर ली है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव के बाद फीडबैक जुटाया है.

प्रदेश में हाल ही में 38 एचसीएस अधिकारियों को प्रमोट कर आईएएस बनाया गया है. इन अधिकारियों को भी उनके पद के हिसाब से विभिन्न विभागों और जिलों में एडजस्ट करना है. हालांकि इन अधिकारियों को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद प्रशासनिक मशीनरी में बदलाव तय था, लेकिन मंत्रियों और विधायकों के फीडबैक के आधार पर अब सरकार कई जिलों के डीसी और एसपी भी बदलने जा रही है.

हालांकि प्रदेश में जाट आरक्षण आंदोलन और डेरा हिंसा के बाद पहली बार ऐसा मौका आया है, जब डीजीपी मनोज यादव और एडीजीपी नवदीप विर्क की टीम ने काम किया. मगर निचले स्तर पर कुछ एसपी और डीएसपी की शिकायत भी सरकार के पास पहुंची है. राज्य में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हैं. लिहाजा राज्य सरकार चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखते हुए नए अधिकारियों की नियुक्तियां कर सकती है.

चंडीगढ़ः लोकसभा चुनाव के लिए हरियाणा में मतदान संपन्न हो जाने का बाद प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों ने चुनाव के दौरान कई अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. मंत्रियों ने फीडबैक दिया कि कई जिलों में अफसरों ने पार्टी विशेष और कुछ नेताओं के लिए काम किया है. प्रदेश सरकार ने मंत्रियों के इस फीडबैक को गंभीरता से लेते हुए बड़े प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी कर ली है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव के बाद फीडबैक जुटाया है.

प्रदेश में हाल ही में 38 एचसीएस अधिकारियों को प्रमोट कर आईएएस बनाया गया है. इन अधिकारियों को भी उनके पद के हिसाब से विभिन्न विभागों और जिलों में एडजस्ट करना है. हालांकि इन अधिकारियों को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद प्रशासनिक मशीनरी में बदलाव तय था, लेकिन मंत्रियों और विधायकों के फीडबैक के आधार पर अब सरकार कई जिलों के डीसी और एसपी भी बदलने जा रही है.

हालांकि प्रदेश में जाट आरक्षण आंदोलन और डेरा हिंसा के बाद पहली बार ऐसा मौका आया है, जब डीजीपी मनोज यादव और एडीजीपी नवदीप विर्क की टीम ने काम किया. मगर निचले स्तर पर कुछ एसपी और डीएसपी की शिकायत भी सरकार के पास पहुंची है. राज्य में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हैं. लिहाजा राज्य सरकार चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखते हुए नए अधिकारियों की नियुक्तियां कर सकती है.

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