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भिवानी डाडम हादसे पर बोले खनन मंत्री, 'कंपनी ने पीड़ितों को दिया दस से पंद्रह लाख का मुआवजा, जल्द आएगी जांच रिपोर्ट'

डाडम खनन क्षेत्र भिवानी में नये साल पर हुए हादसे को लेकर बुधवार को खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने समीक्षा बैठक (Moolchand Sharma review meeting) की. खनन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी इस बैठक में शामिल रहे. डाडम हादसे सहित इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई.

Moolchand Sharma meeting on dadam mining accident
Moolchand Sharma review meeting
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Published : Jan 5, 2022, 4:09 PM IST

Updated : Jan 5, 2022, 5:18 PM IST

चंडीगढ़: भिवानी डाडम हादसा को लेकर (dadam mining accident in bhiwani) हरियाणा सरकार गंभीर दिखाई दे रही है. जिसके चलते बुधवार को खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने हरियाणा सचिवालय में हाई लेवल मीटिंग की. इस हाईलेवल मीटिंग में तमाम खनन अधिकारियों मौजूद रहे. साथ ही खनन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने भी बैठक में हिस्सा लिया.

बैठक के बाद खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि 1 जनवरी को डाडम में हादसा हुआ था. जिसमें कितने लोग मारे गए, कितने घायल हुए इस को लेकर बैठक में चर्चा की गई. इसके साथ ही वर्तमान हालातों पर भी जानकारी ली गई. उन्होंने कहा कि हादसे में 5 लोगों की मौत हुई है और 3 लोग घायल हुए हैं. जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. इसके साथ ही खनन मंत्री ने जानकारी दी कि इस मामले में जो एक एफआईआर पीड़ितों की गई थी वह उन्होंने वापस ले ली क्योंकि कंपनी ने पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा दे दिया है. पीड़ितों को कंपनी की ओर से 10 से 15 लाख का मुआवजा दिया गया है. खनन मंत्री ने जानकारी दी कि इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है.

भिवानी डाडम हादसे पर बोले खनन मंत्री, 'कंपनी ने पीड़ितों को दिया दस से पंद्रह लाख का मुआवजा, जल्द आएगी जांच रिपोर्ट'

ये भी पढ़ें- भिवानी डाडम हादसे में पहली FIR दर्ज, मृतक के भाई की शिकायत पर दर्ज हुआ केस

उन्होंने कहा कि अगले 10 से 15 दिनों में एसआईटी की रिपोर्ट आ जाएगी. जिससे हादसे के कारणों का पता चल जाएगा. उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, और दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा. खनन मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदूषण के कारण कभी भी खनन पर रोक नहीं थी. ना ही सुप्रीम कोर्ट ने कभी डाडम खान में खनन पर रोक लगाई थी. खनन का काम दिन में सूर्यास्त तक होता है. सूर्यास्त के बाद खनन का काम नहीं होता है. इसके साथ ही जो लोग अवैध खनन कर रहे हैं उनके खिलाफ भी सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है.

विपक्ष द्वारा इस मामले में की जा रही राजनीति को लेकर खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि विपक्ष इसमें जानबूझकर राजनीति कर रहा है. खनन में कुछ भी अवैध नहीं था. जहां तक हादसे की बात है तो उसकी जांच एसआईटी कर रही है. जांच के बाद सरकार द्वारा इस मामले में हर हाल में कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी भी मौके पर मलबा हटाने का काम चल रहा है. क्योंकि बहुत बड़ा पहाड़ टूटा है और यह बहुत बड़ा हादसा है. इसमें अभी थोड़ा वक्त लगेगा. खनन मंत्री ने कहा कि आज हुई बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि जहां खनन की अनुमति है वहां पिल्लर लगाकर सीमा का निर्धारण किया जाएगा. बता दें कि हादसे के पांचवे दिन भी खनन क्षेत्र में राहत और बचाव का कार्य जारी (bhiwani dadam accident update) है. अब तक कुल 7 लोगों को निकाला जा चुका है. इसमें से 5 लोग मृत पाए गए हैं. इसी बीच इस मामले में पुलिस ने पहली एफआईआर दर्ज की.

ये भी पढ़ें- फतेहाबाद में फर्नीचर शोरूम में लगी आग, देरी से पहुंचे दमकल कर्मी बोले- सरकार ने नहीं दिया वेतन और पेट्रोल के पैसे

गौरतलब है कि 2022 की 1 जनवरी को सुबह खनन कार्य के दौरान पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक से दरक गया, जिसके चलते वहां खड़ी आधा दर्जन के करीब पोकलैंड मशीनें और डंफर दब गए. इसके साथ ही लगभग पांच से दस से लोगों के दबे होने की खबर थी. जिसके बाद प्रशासन राहत बचाव के कार्य में जुट गया. अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है, और तीन लोगों को निकालकर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. वहीं हादसे के तीन दिन बाद पुलिस ने लापरवाही का केस दर्ज किया था. दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अभी तक हादसे की मुख्य एफआईआर दर्ज होना बकाया है. यह जांच कमेटी की रिपोर्ट के के आधार पर दर्ज की जाएगी. हादसे के बारे में DGMS गाजियाबाद की टीम पूरे तथ्यों पर जांच कर बताएगी कि किसकी कितनी बड़ी लापरवाही इस पूरे मामले में है.

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चंडीगढ़: भिवानी डाडम हादसा को लेकर (dadam mining accident in bhiwani) हरियाणा सरकार गंभीर दिखाई दे रही है. जिसके चलते बुधवार को खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने हरियाणा सचिवालय में हाई लेवल मीटिंग की. इस हाईलेवल मीटिंग में तमाम खनन अधिकारियों मौजूद रहे. साथ ही खनन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने भी बैठक में हिस्सा लिया.

बैठक के बाद खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि 1 जनवरी को डाडम में हादसा हुआ था. जिसमें कितने लोग मारे गए, कितने घायल हुए इस को लेकर बैठक में चर्चा की गई. इसके साथ ही वर्तमान हालातों पर भी जानकारी ली गई. उन्होंने कहा कि हादसे में 5 लोगों की मौत हुई है और 3 लोग घायल हुए हैं. जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. इसके साथ ही खनन मंत्री ने जानकारी दी कि इस मामले में जो एक एफआईआर पीड़ितों की गई थी वह उन्होंने वापस ले ली क्योंकि कंपनी ने पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा दे दिया है. पीड़ितों को कंपनी की ओर से 10 से 15 लाख का मुआवजा दिया गया है. खनन मंत्री ने जानकारी दी कि इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है.

भिवानी डाडम हादसे पर बोले खनन मंत्री, 'कंपनी ने पीड़ितों को दिया दस से पंद्रह लाख का मुआवजा, जल्द आएगी जांच रिपोर्ट'

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उन्होंने कहा कि अगले 10 से 15 दिनों में एसआईटी की रिपोर्ट आ जाएगी. जिससे हादसे के कारणों का पता चल जाएगा. उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, और दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा. खनन मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदूषण के कारण कभी भी खनन पर रोक नहीं थी. ना ही सुप्रीम कोर्ट ने कभी डाडम खान में खनन पर रोक लगाई थी. खनन का काम दिन में सूर्यास्त तक होता है. सूर्यास्त के बाद खनन का काम नहीं होता है. इसके साथ ही जो लोग अवैध खनन कर रहे हैं उनके खिलाफ भी सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है.

विपक्ष द्वारा इस मामले में की जा रही राजनीति को लेकर खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि विपक्ष इसमें जानबूझकर राजनीति कर रहा है. खनन में कुछ भी अवैध नहीं था. जहां तक हादसे की बात है तो उसकी जांच एसआईटी कर रही है. जांच के बाद सरकार द्वारा इस मामले में हर हाल में कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी भी मौके पर मलबा हटाने का काम चल रहा है. क्योंकि बहुत बड़ा पहाड़ टूटा है और यह बहुत बड़ा हादसा है. इसमें अभी थोड़ा वक्त लगेगा. खनन मंत्री ने कहा कि आज हुई बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि जहां खनन की अनुमति है वहां पिल्लर लगाकर सीमा का निर्धारण किया जाएगा. बता दें कि हादसे के पांचवे दिन भी खनन क्षेत्र में राहत और बचाव का कार्य जारी (bhiwani dadam accident update) है. अब तक कुल 7 लोगों को निकाला जा चुका है. इसमें से 5 लोग मृत पाए गए हैं. इसी बीच इस मामले में पुलिस ने पहली एफआईआर दर्ज की.

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गौरतलब है कि 2022 की 1 जनवरी को सुबह खनन कार्य के दौरान पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक से दरक गया, जिसके चलते वहां खड़ी आधा दर्जन के करीब पोकलैंड मशीनें और डंफर दब गए. इसके साथ ही लगभग पांच से दस से लोगों के दबे होने की खबर थी. जिसके बाद प्रशासन राहत बचाव के कार्य में जुट गया. अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है, और तीन लोगों को निकालकर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. वहीं हादसे के तीन दिन बाद पुलिस ने लापरवाही का केस दर्ज किया था. दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अभी तक हादसे की मुख्य एफआईआर दर्ज होना बकाया है. यह जांच कमेटी की रिपोर्ट के के आधार पर दर्ज की जाएगी. हादसे के बारे में DGMS गाजियाबाद की टीम पूरे तथ्यों पर जांच कर बताएगी कि किसकी कितनी बड़ी लापरवाही इस पूरे मामले में है.

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Last Updated : Jan 5, 2022, 5:18 PM IST
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