चंडीगढ़: हरियाणा में होम मिनिस्टर फ्लाइंग स्क्वायड के बाद अब माइनिंग मिनिस्टर फ्लाइंग स्क्वायड भी बनाया जाएगा, जो कि स्थानीय पुलिस के सहयोग से समय-समय पर निरीक्षण करके प्रदेश में अवैध माइनिंग पर शिकंजा कसने का काम करेगा.
प्रदेश के खान एवं भूविज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा ने गुरुवार को विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों को इस फ्लाइंग स्क्वायड के गठन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए. माइनिंग मिनिस्टर फ्लाइंग स्क्वायड में खान एवं भूविज्ञान परिवहन विभाग के रेगुलेटरी विंग और पुलिस विभाग से एक-एक अधिकारी को शामिल किया जाएगा.
मूलचंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कई जगह खनन क्षेत्र से बाहर बिना अनुमति के सरकारी जमीन पर 10-10 साल से खनिज और खनिज मलबा पड़ा है. इसका स्टॉक पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है. इस तरह के अवैध स्टॉक की पहचान करके उसे सीज किया जाए और उसकी नीलामी करवाई जाए. इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिल्ली से हरियाणा में आने वाले पत्थर को किस तरह से कानूनी तौर से लाया जा सके इसकी संभावना भी तलाशी जानी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि यमुना के साथ-साथ खनन की अनुमति ना होने के बावजूद कुछ लोगों ने उस क्षेत्र में स्टॉक किया हुआ है. इसकी जांच की जानी चाहिए कि वहां रेत कहां से लाकर बेचे जा रही है. इसके अलावा बहुत सी गाड़ियां का ई-रवाना तो यमुनानगर व करनाल जैसे जिलों का कटा होता है, लेकिन वे सप्लाई पलवल और फरीदाबाद जैसे जिलों में करते हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ई-रवाना जारी करते समय इस तरह की बातों को ध्यान में रखना चाहिए कि ये व्यवहारिक है या नहीं.
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर जैसे जिलों में मिट्टी खोदने की अनुमति देने की प्रक्रिया को भी सुचारु किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि चूंकि सभी माइनिंग ब्लॉक की पर्यावरण संबंधी स्वीकृति लेने में समय लगेगा इसलिए फरीदाबाद के रेत के खदानों और चरखी दादरी के पहाड़ों के ब्लॉक की नीलामी करवाई जा सकती है.
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