चंडीगढ़: महान धावक मिल्खा सिंह का 19 जून को निधन (Milkha Singh death) हो गया. वो करीब 1 महीने से कोरोना संक्रमित थे. उनकी मौत तब हुई जब वो कोरोना को मात दे चुके थे. 15 जून को उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी थी. डॉक्टर्स का कहना था कि वो तेजी से रिकवर हो रहे हैं. कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद मिल्खा सिंह (Coroan report Milkha Singh) को कोविड वार्ड से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था. अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके बाद 19 जून को चंडीगढ़ पीजीआई में उन्होंने आखिरी सांस ली.
ये भी पढ़ें- पंचतत्व में विलीन हुए मिल्खा सिंह, ये हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी 10 बड़ी कहानियां
ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया कि मिल्खा सिंह की मौत पोस्ट कोविड कॉम्पलिकेशन (Post Covid Complication) की वजह से हुई हो. क्योंकि जब मिल्खा सिंह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. तब कोरोना वायरस ने उनके फेफड़े और दिल पर बुरा प्रभाव डाला. इस वायसर की वजह से उनके दिल और फेफड़े पर बुरा असर पड़ा. जिससे की उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हुई.
कोरोना वायरस की वजह से 19 जून को उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया था. वो ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहे थे. जिसकी वजह से उनकी मौत हुई. डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया कि मिल्खा सिंह को लगातार ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था, लेकिन दिल और फेफड़ों की कार्यक्षमता इतनी कम हो चुकी थी कि ऑक्सीजन सपोर्ट के बावजूद भी उनके शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी. डॉक्टर सोनू ने बताया कि व्यक्ति जितने लंबे समय तक कोरोना पॉजिटिव रहेगा उसके अंदरूनी अंगों पर इतना ही बुरा प्रभाव पड़ेगा.
डॉक्टर ने कहा कि अगर कोरोना ज्यादा दिनों तक रहता है तो हालात ज्यादा खराब हो सकते हैं. मिल्खा सिंह लंबे समय तक कोरोना पॉजिटिव रहे. जिसका असर उनके दिल और फेफड़ों पर देखने को मिला, कोरोना वायसर की वजह से उनके दिल और फेफड़े तक ऑक्सीजन सही से नहीं पहुंच पा रही थी. ऐसे में अगर उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया भी जाता तो फायदा नहीं होता. इस हालत में ऑक्सीजन सपॉर्ट लगाने के बाद अगर ऑक्सीजन का स्तर सही आ भी जाए. तो सपोर्ट हटाते ही वो स्तर फिर से कम हो जाएगा.
ये भी पढ़ें- कोरोना से जीतकर जिंदगी से जंग हार गये मिल्खा सिंह, ऐसे बीता आखिरी एक महीना
चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना पीड़ित है. उसकी रिपोर्ट नेगेटिव भी आ जाए, तब भी कुछ समय तक उसके ऊपर खतरा बरकरार रहता है. उस वक्त हमें बेहद ध्यान रखने की जरूरत है. रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ये नहीं समझना चाहिए कि हम कोरोना वायरस से बच गए. इसके लिए साधवान रहने की जरूरत है. अगर कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी ज्यादा दिनों तक सांस लेने में परेशानी, कमजोरी महसूस हो तो डॉक्टस से संपर्क करें.