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परिवहन मंत्री और रोडवेज यूनियनों के बीच हुई बैठक, किलोमीटर स्कीम पर नहीं बनी बात

परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि सोमवार को आयोजित बैठक में किलोमीटर स्कीम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, क्योंकि यह कोई मुद्दा ही नहीं है. तालमेल कमेटी की ज्यादातर मांगों पर विचार किया जाएगा और कमेटियां भी बना दी गई हैं.

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Published : Jan 8, 2020, 12:07 AM IST

चंडीगढ़ः प्रदेश के परिवहन मंत्री, रोडवेज अधिकारियों और रोडवेज यूनियनों की चंडीगढ़ में बैठक हुई. इस दौरान यूनियनों की कई मांगों पर परिवहन मंत्रालय की ओर से काम करने का आश्वासन भी मिल गया है. लेकिन तकरार का सबसे बड़ा मुद्दा किलोमीटर स्कीम जस का तस ही रह गया, जहां परिवहन मंत्री ने इस विषय पर किसी तरह की चर्चा को नकारा तो यूनियन नेता ने इसे भविष्य में लागू न करने की चेतावनी सरकार को दे डाली और पुरानी हड़ताल का समय भी याद दिलाया.

बैठक में शामिल हुई 9 यूनियनें
परिवहन मंत्रालय में रोडवेज यूनियनों की मांगों को लेकर मंत्री और कर्मचारी यूनियनों के बीच बैठक हुई. जिसमें विभाग से संबंध रखने वाली 9 यूनियनों ने हिस्सा लिया. इन यूनियनों में से कई यूनियनों ने मंत्रालय के साथ कुछ देर की बैठक के बाद विरोध कर रही यूनियनों का साथ न देने और 7 और 8 जनवरी को हड़ताल पर जाने का अपना ऐलान वापस ले लिया था और बाकी बची यूनियनें शाम तक अपनी मांगों को मनवाने के लिए मंत्रालय पर दबाव बने में बनाने में लगी रही.

परिवहन मंत्री और रोडवेज यूनियनों के बीच हुई बैठक, किलोमीटर स्कीम पर नहीं बनी बात.

किलोमीटर स्कीम पर नहीं हुई चर्चा - परिवहन मंत्री
इस विषय पर परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि सोमवार को आयोजित बैठक में किलोमीटर स्कीम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, क्योंकि यह कोई मुद्दा है ही नहीं. तालमेल कमेटी की ज्यादातर मांगों पर विचार किया जाएगा और कमेटियां भी बना दी गई हैं.

ये भी पढ़ेंः- बीजेपी विधायक लीला राम ने जेएनयू छात्रों को कहा असमाजिक तत्व, बोले- ये देश तोड़ने का काम करते हैं

किलोमीटर स्कीम पर नया समझौता नहीं - रोडवेज यूनियन
बैठक के बाद परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने घोषणा की कि यूनियनों की सभी मांगे मान ली गई हैं और अब विभाग और यूनियन में किसी तरह का विरोध नहीं है, वहीं अपनी मांगों को लेकर तालमेल कमेटी के नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि हमारी मांगों को लेकर मंत्रालय की ओर से आश्वासन दिया गया है और किलोमीटर स्कीम को लेकर कोई नया समझौता नहीं होगा.

इस विषय पर बोलते हुए तालमेल कमेटी के नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार ने किलोमीटर स्कीम को वापस लेने की मांग खारिज कर दी है और अब हम यह फैसला जनता पर छोड़ते हैं. इस स्कीम के तहत 165 बसों के संचालन पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन अगर दोबारा से इस तरह की कोई नई स्कीम या 510 बसों को इस स्कीम के तहत शामिल किया जाता है तो उनका विरोध जारी रहेगा. वहीं उन्होंने पिछली 18 दिन चली हड़ताल को भी सरकार को याद दिलाया.

2018 में 18 दिन चली थी हड़ताल
अब सवाल यह खड़ा होता है कि लगभग 5 घंटे से ज्यादा चली इस बैठक में मुख्य मुद्दा किलोमीटर स्कीम का रहा, लेकिन उस पर कोई ठोस फैसला क्यों नहीं हो सका. इस स्कीम के विरोध को लेकर 2018 में रोडवेज ने 18 दिन तक चक्का जाम रखा था, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था.

ये भी पढ़ेंः- हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को जारी मुख्य सचिव के पत्र पर तालमेल कमेटी का बयान, कहा- 'नहीं डरेंगे'

चंडीगढ़ः प्रदेश के परिवहन मंत्री, रोडवेज अधिकारियों और रोडवेज यूनियनों की चंडीगढ़ में बैठक हुई. इस दौरान यूनियनों की कई मांगों पर परिवहन मंत्रालय की ओर से काम करने का आश्वासन भी मिल गया है. लेकिन तकरार का सबसे बड़ा मुद्दा किलोमीटर स्कीम जस का तस ही रह गया, जहां परिवहन मंत्री ने इस विषय पर किसी तरह की चर्चा को नकारा तो यूनियन नेता ने इसे भविष्य में लागू न करने की चेतावनी सरकार को दे डाली और पुरानी हड़ताल का समय भी याद दिलाया.

बैठक में शामिल हुई 9 यूनियनें
परिवहन मंत्रालय में रोडवेज यूनियनों की मांगों को लेकर मंत्री और कर्मचारी यूनियनों के बीच बैठक हुई. जिसमें विभाग से संबंध रखने वाली 9 यूनियनों ने हिस्सा लिया. इन यूनियनों में से कई यूनियनों ने मंत्रालय के साथ कुछ देर की बैठक के बाद विरोध कर रही यूनियनों का साथ न देने और 7 और 8 जनवरी को हड़ताल पर जाने का अपना ऐलान वापस ले लिया था और बाकी बची यूनियनें शाम तक अपनी मांगों को मनवाने के लिए मंत्रालय पर दबाव बने में बनाने में लगी रही.

परिवहन मंत्री और रोडवेज यूनियनों के बीच हुई बैठक, किलोमीटर स्कीम पर नहीं बनी बात.

किलोमीटर स्कीम पर नहीं हुई चर्चा - परिवहन मंत्री
इस विषय पर परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि सोमवार को आयोजित बैठक में किलोमीटर स्कीम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, क्योंकि यह कोई मुद्दा है ही नहीं. तालमेल कमेटी की ज्यादातर मांगों पर विचार किया जाएगा और कमेटियां भी बना दी गई हैं.

ये भी पढ़ेंः- बीजेपी विधायक लीला राम ने जेएनयू छात्रों को कहा असमाजिक तत्व, बोले- ये देश तोड़ने का काम करते हैं

किलोमीटर स्कीम पर नया समझौता नहीं - रोडवेज यूनियन
बैठक के बाद परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने घोषणा की कि यूनियनों की सभी मांगे मान ली गई हैं और अब विभाग और यूनियन में किसी तरह का विरोध नहीं है, वहीं अपनी मांगों को लेकर तालमेल कमेटी के नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि हमारी मांगों को लेकर मंत्रालय की ओर से आश्वासन दिया गया है और किलोमीटर स्कीम को लेकर कोई नया समझौता नहीं होगा.

इस विषय पर बोलते हुए तालमेल कमेटी के नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार ने किलोमीटर स्कीम को वापस लेने की मांग खारिज कर दी है और अब हम यह फैसला जनता पर छोड़ते हैं. इस स्कीम के तहत 165 बसों के संचालन पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन अगर दोबारा से इस तरह की कोई नई स्कीम या 510 बसों को इस स्कीम के तहत शामिल किया जाता है तो उनका विरोध जारी रहेगा. वहीं उन्होंने पिछली 18 दिन चली हड़ताल को भी सरकार को याद दिलाया.

2018 में 18 दिन चली थी हड़ताल
अब सवाल यह खड़ा होता है कि लगभग 5 घंटे से ज्यादा चली इस बैठक में मुख्य मुद्दा किलोमीटर स्कीम का रहा, लेकिन उस पर कोई ठोस फैसला क्यों नहीं हो सका. इस स्कीम के विरोध को लेकर 2018 में रोडवेज ने 18 दिन तक चक्का जाम रखा था, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था.

ये भी पढ़ेंः- हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को जारी मुख्य सचिव के पत्र पर तालमेल कमेटी का बयान, कहा- 'नहीं डरेंगे'

Intro:चंडीगढ, प्रदेश के रोडवेज विभाग व रोडवेज यूनियनों में इस बार तकरार खत्म हो गई है यूनियनों की कई मांगों पर परिवहन मंत्रालय की ओर से काम करने का आश्वासन भी मिल गया है लेकिन तकरार का सबसे बड़ा मुद्दा जस का तस ही रह गया जहां परिवहन मंत्री ने इस विषय पर किसी तरह की चर्चा को नकारा तो यूनियन नेता ने इसे भविष्य में लागू न करने की चेतावनी सरकार को दे डाली और पुरानी हड़ताल का समय भी याद दिलाया ।


Body:बता दे कभी बस परिवहन मंत्रालय पर रोडवेज विभाग की कई यूनियनों की अपनी मांगों को लेकर बैठक आयोजित की गई थी जिसमें विभाग से संबंध रखने वाली नो यूनियन हिस्सा लिया था इन यूनियन में से कई यूनियनों ने मंत्रालय के साथ कुछ देर की बैठक के बाद विरोध कर रही यूनियनों का साथ न देने और 7 व 8 जनवरी को हड़ताल पर जाने का अपना ऐलान वापस ले लिया था तथा बाकी बची यूनियन ने शाम तक अपनी मांगों को मनवाने के लिए मंत्रालय पर दबाव बने में बनाने में लगी रही बैठक के बाद परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा द्वारा घोषणा करी गई की यूनियनों की सभी मांगे मान ली गई हैं और अब विभाग व यूनियन में किसी तरह का विरोध नहीं है वही अपनी मांगों को लेकर तालमेल कमेटी के नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि हमारी मांगों को लेकर मंत्रालय की ओर से आश्वासन दिया गया है और किलोमीटर स्कीम को लेकर कोई नई नया समझौता नही होगा । इस विषय पर परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि सोमवार को आयोजित बैठक में किलोमीटर स्कीम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई क्योंकि यह कोई मुद्दा है ही नहीं तालमेल कमेटी की ज्यादातर मांगों पर विचार किया जाएगा और कमेटियां भी बना दी गई हैं । वह इस विषय पर बोलते हुए तालमेल कमेटी के नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार ने किलोमीटर स्कीम को वापस लेने की मांग खारिज कर दी है अब हम यह फैसला जनता पर छोड़ते हैं इस स्कीम के तहत 165 बसों के संचालन पर कोई एतराज नहीं है अगर दोबारा से इस तरह की कोई नई स्कीम या 510 बसों को इस स्कीम के तहत शामिल किया जाता है तो उनका विरोध जारी रहेगा वहीं उन्होंने पिछली 18 दिन चली हड़ताल को भी सरकार को याद दिलाया ।


Conclusion:अब सवाल यह खड़ा होता है कि लगभग 5 घंटे से ज्यादा चली इस बैठक में मुख्य मुद्दा किलोमीटर स्कीम का रहा लेकिन उस पर कोई ठोस फैसला क्यो नहीं हो सका, क्योंकि इस स्कीम के विरोध को लेकर रोडवेज ने 18 दिन तक चक्का जाम रखा था जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था ।
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