चंडीगढ़: अयोध्या भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. फैसले को देखते हुए न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देश के कई हिस्सों में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं. उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. साथ ही एक दिन के लिए स्कूल बंद भी कर दिए गए हैं.
पीएम मोदी के किया ट्वीट
वहीं पीएम मोदी ने भी कई ट्वीट कर देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. "देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं. कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है"
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अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।
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— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019
सीएम मनोहर लाल ने की शांति की अपील
इस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. सीएम मनोहर लाल ने लिखा है कि "मेरी अपील है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के संभावित फैसले को जीत-हार से जोड़कर कतई न देखा जाए, हरियाणा प्रशासन सभी की सुरक्षा व प्रदेश में शांति बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है. कानून व्यवस्था के खिलाफ जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी"
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मेरी अपील है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के संभावित फैसले को जीत-हार से जोड़कर कतई न देखा जाए।
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हरियाणा प्रशासन सभी की सुरक्षा व प्रदेश में शांति बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
कानून व्यवस्था के खिलाफ जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आईपीएस नवदीव विर्क का ट्वीट
इसके साथ ही आईपीएस नवदीप विर्क ने भी लोगों से प्रदेश में शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होने कहा कि प्रशासन की ओर से शांति बनाए रखने के लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं. पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिए पुलिस पूरी तरह से चौकसी पर है.
सुप्रीम कोर्ट की बढ़ी सुरक्षा
इस समय सुरक्षा के मद्देनजर पूरी अयोध्या नगरी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. इसके साथ ही दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
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जस्टिस रंजन गोगोई की इस बेंच ने की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में 5 सदस्यीय बेंच ने लगातार 40 दिनों तक सुनवाई की थी. जस्टिस रंजन गोगोई की इस बेंच में जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर भी शामिल थे. बेंच ने मामले की सुनवाई 6 अगस्त से शुरू की और सुनवाई रोजाना चली, जिसके बाद कोर्ट ने 9 नवंबर को अपना फैसला सुना दिया.