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भावांतर भरपाई के तहत सोमवार को किसानों को मिलेगी सूरजमुखी फसल की राशि- सीएम

चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने भावांतर भरपाई योजना के तहत सूरजमुखी की फसल के एक हजार रुपये प्रति क्विटंल के हिसाब से 29 करोड़ 13 लाख 12 हजार रुपये जारी किए.

haryana chief minister manohar lal
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Published : Jun 10, 2023, 2:10 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है कि हम किसानों के बारे में नहीं सोचते. उन्होंने कहा कि जितना हरियाणा में बीजेपी सरकार और केंद्र सरकार ने किसानों के बारे में सोचा है, इतना आज तक किसी भी सरकार ने नहीं सोचा. सीएम ने कहा कि दस साल पहले हरियाणा के किसानों की स्थिति दयनीय थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को इस दशा से बाहर निकालने बारे सोचते हैं.

इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि भावांतर भरपाई योजना के तहत सूरजमुखी की फसल के एक हजार रुपये प्रति क्विटंल के हिसाब से जारी किए. ये राशि 29 करोड़ 13 लाख 12 हजार रुपये की बन रही है. जिसे 8528 किसानों के खाते में मुख्यमंत्री मनोहर लाला ने ऑनलाइन डाला है. सीएम ने बताया कि ये राशि किसानों को सोमवार तक मिल जाएगी. इस दौरान सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों की एमएसपी में सराहनीय वृद्धि की है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है.

हरियाणा के किसानों से अपील करते हुए सीएम ने कहा कि नेशनल हाईवे जाम करना सही बात नहीं है. पिछली सरकार के दस साल के कार्यकाल में किसानों को 1158 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था. हमारी 9 साल की सरकार के कार्यकाल में किसानों को अभी तक 9760 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है. सीएम ने कहा कि हमने पानी की स्टोरेज करने का काम किया, ताकि किसानों के खेतों में पर्याप्त सिंचाई का पानी मिल सके. उन्होंने कहा कि हमने 4 हजार वॉटर फॉल टैंक 1 साल में बनाए हैं, ताकि किसान अपने खेतों की सिंचाई अच्छे से कर सके. जितनी भी योजनाए हैं खास तौर पर सिंचाई योजनाएं. पिछले 5 सालों में उनपर हम 1500 करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें- जानिए सूरजमुखी के दाम पर हरियाणा में क्यों मचा है बवाल, ...और पड़ोसी राज्यों में क्या है रेट

खेती के लिए जो योजनाए चलाई का रही है. उसमें सोलर सब्सिडी के छोटे पंप हैं. उनमें 53 हजार पंप लगाए हैं. 8 सालों में साढ़े 23 हजार करोड़ रुपये केवल किसानों को सब्सिडी का गया है, जो सब्सिडी की योजनाए किसानों के लिए चलाई जा रही हैं. जो किसान संगठन राजनीति को बढ़ाने के लिए राजनीति करते हैं. वो सही नहीं है. सीएम ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि उन्होंने 12 जून को जो आंदोलन का अल्टीमेटम दिया है. उसे ना करें. हम किसानों के हितों को देख रहे हैं. थोड़ा रुक जाए. मार्किट का भाव बढ़ भी सकता है, लेकिन किसानों के दवाब पर हम कोई फैसला नहीं करेंगे.

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है कि हम किसानों के बारे में नहीं सोचते. उन्होंने कहा कि जितना हरियाणा में बीजेपी सरकार और केंद्र सरकार ने किसानों के बारे में सोचा है, इतना आज तक किसी भी सरकार ने नहीं सोचा. सीएम ने कहा कि दस साल पहले हरियाणा के किसानों की स्थिति दयनीय थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को इस दशा से बाहर निकालने बारे सोचते हैं.

इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि भावांतर भरपाई योजना के तहत सूरजमुखी की फसल के एक हजार रुपये प्रति क्विटंल के हिसाब से जारी किए. ये राशि 29 करोड़ 13 लाख 12 हजार रुपये की बन रही है. जिसे 8528 किसानों के खाते में मुख्यमंत्री मनोहर लाला ने ऑनलाइन डाला है. सीएम ने बताया कि ये राशि किसानों को सोमवार तक मिल जाएगी. इस दौरान सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों की एमएसपी में सराहनीय वृद्धि की है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है.

हरियाणा के किसानों से अपील करते हुए सीएम ने कहा कि नेशनल हाईवे जाम करना सही बात नहीं है. पिछली सरकार के दस साल के कार्यकाल में किसानों को 1158 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था. हमारी 9 साल की सरकार के कार्यकाल में किसानों को अभी तक 9760 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है. सीएम ने कहा कि हमने पानी की स्टोरेज करने का काम किया, ताकि किसानों के खेतों में पर्याप्त सिंचाई का पानी मिल सके. उन्होंने कहा कि हमने 4 हजार वॉटर फॉल टैंक 1 साल में बनाए हैं, ताकि किसान अपने खेतों की सिंचाई अच्छे से कर सके. जितनी भी योजनाए हैं खास तौर पर सिंचाई योजनाएं. पिछले 5 सालों में उनपर हम 1500 करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं.

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खेती के लिए जो योजनाए चलाई का रही है. उसमें सोलर सब्सिडी के छोटे पंप हैं. उनमें 53 हजार पंप लगाए हैं. 8 सालों में साढ़े 23 हजार करोड़ रुपये केवल किसानों को सब्सिडी का गया है, जो सब्सिडी की योजनाए किसानों के लिए चलाई जा रही हैं. जो किसान संगठन राजनीति को बढ़ाने के लिए राजनीति करते हैं. वो सही नहीं है. सीएम ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि उन्होंने 12 जून को जो आंदोलन का अल्टीमेटम दिया है. उसे ना करें. हम किसानों के हितों को देख रहे हैं. थोड़ा रुक जाए. मार्किट का भाव बढ़ भी सकता है, लेकिन किसानों के दवाब पर हम कोई फैसला नहीं करेंगे.

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