ETV Bharat / state

मानसिक तनाव कम कर रहा मनोदर्पण कार्यक्रम, एक फोन कॉल से दूर हो रही टेंशन - लॉकडाउन फोन मनोवैज्ञानिक मदद

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से मानसिक तनाव को कम करने के लिए मनोदर्पण नाम की योजना शुरू की गई. जिसके जरिए लोग फोन पर मनोवैज्ञानिक से मदद ले रहे हैं.

manodarpan scheme helping people in reducing stress through phone calls
मानसिक तनाव कम कर रहा मनोदर्पण कार्यक्रम, एक फोन कॉल से दूर हो रही टेंशन
author img

By

Published : Sep 22, 2020, 1:08 PM IST

चंडीगढ़: लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में कैद थे, जिसका नतीजा ये हुआ कि बड़े तो बड़े बच्चे भी तनाव का शिकार होने लगे. युवाओं को नौकरी जाने का डर सताने लगा तो बच्चे एडमिशन, एग्जाम और ऑनलाइन क्लास के जाल में खुद को फंसा हुआ महसूस करने लगे. ऐसे में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से मानसिक तनाव को कम करने के लिए मनोदर्पण नाम की योजना शुरू की गई.

मानसिक तनाव कम कर रहा ‘मनोदर्पण’!

इस योजना के तहत मंत्रालय की ओर से देश भर में 100 से ज्यादा साइक्लोजेस्ट चुने गए हैं. जो फोन पर लोगों से बात कर उनकी मदद कर रह हैं. मंत्रालय की ओर से इस योजना के तहत चंडीगढ़ की साइकोलॉजिस्ट नीरू अत्री को चुना गया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान नीरू अत्री ने बताया कि आखिर किस तरह से साइकोलॉजिस्ट लोगों की मदद कर रहे हैं?

मानसिक तनाव कम कर रहा मनोदर्पण कार्यक्रम, एक फोन कॉल से दूर हो रही टेंशन

100 मनोवैज्ञानिक रख रहे आपकी मानसिक सेहत का ख्याल

नीरू अत्री ने बताया कि मंत्रालय ने टोल फ्री नंबर जारी किए हैं, जिन पर कॉल करके लोग मनोवैज्ञानिकों से संपर्क कर सकते हैं. हालांकि लॉकडाउन खत्म हो गया है, लेकिन अब भी अलग-अलग वर्ग के लोग कई समस्याओं की वजह से मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं.

फोन पर मिल रहा हर सवाल का जवाब

उन्होंने बताया कि उनके पास हर तरह के फोन कॉल आ रहे हैं. बहुत से टीचर्स उन्हें फोन करते हैं, जो महसूस कर रहे हैं कि वो ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को ठीक तरीके से नहीं पढ़ा पा रहे हैं. बच्चों के माता-पिता के फोन भी आते हैं. जो कहते हैं कि उनके बच्चों में गुस्सा और डिप्रेशन बढ़ रहा है. बच्चों में घबराहट का स्तर बढ़ रहा है. जिससे उन्हें बच्चों की चिंता सता रही है.

ये भी पढ़िए: कोरोना इफेक्ट: अनाथालयों में दान देने वालों की संख्या घटी, सरकार ने भी घटाया बजट

चंडीगढ़ के ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने ना सिर्फ मनोदर्पण योजना के तहत फोन पर मनोवैज्ञानिक से बात की. बल्कि वो आज खुद को तनाव मुक्त और पहले से ज्यादा मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस कर रहे हैं. प्रभलीन ने बताया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिली, जिस वजह से वो तनाव का शिकार हो गई. बाद में उसे मनोदर्पण योजना के बारे में पता चला और उन्होंने टोल फ्री नंबर पर फोन करके मनोवैज्ञानिक से बात की.

चंडीगढ़: लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में कैद थे, जिसका नतीजा ये हुआ कि बड़े तो बड़े बच्चे भी तनाव का शिकार होने लगे. युवाओं को नौकरी जाने का डर सताने लगा तो बच्चे एडमिशन, एग्जाम और ऑनलाइन क्लास के जाल में खुद को फंसा हुआ महसूस करने लगे. ऐसे में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से मानसिक तनाव को कम करने के लिए मनोदर्पण नाम की योजना शुरू की गई.

मानसिक तनाव कम कर रहा ‘मनोदर्पण’!

इस योजना के तहत मंत्रालय की ओर से देश भर में 100 से ज्यादा साइक्लोजेस्ट चुने गए हैं. जो फोन पर लोगों से बात कर उनकी मदद कर रह हैं. मंत्रालय की ओर से इस योजना के तहत चंडीगढ़ की साइकोलॉजिस्ट नीरू अत्री को चुना गया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान नीरू अत्री ने बताया कि आखिर किस तरह से साइकोलॉजिस्ट लोगों की मदद कर रहे हैं?

मानसिक तनाव कम कर रहा मनोदर्पण कार्यक्रम, एक फोन कॉल से दूर हो रही टेंशन

100 मनोवैज्ञानिक रख रहे आपकी मानसिक सेहत का ख्याल

नीरू अत्री ने बताया कि मंत्रालय ने टोल फ्री नंबर जारी किए हैं, जिन पर कॉल करके लोग मनोवैज्ञानिकों से संपर्क कर सकते हैं. हालांकि लॉकडाउन खत्म हो गया है, लेकिन अब भी अलग-अलग वर्ग के लोग कई समस्याओं की वजह से मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं.

फोन पर मिल रहा हर सवाल का जवाब

उन्होंने बताया कि उनके पास हर तरह के फोन कॉल आ रहे हैं. बहुत से टीचर्स उन्हें फोन करते हैं, जो महसूस कर रहे हैं कि वो ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को ठीक तरीके से नहीं पढ़ा पा रहे हैं. बच्चों के माता-पिता के फोन भी आते हैं. जो कहते हैं कि उनके बच्चों में गुस्सा और डिप्रेशन बढ़ रहा है. बच्चों में घबराहट का स्तर बढ़ रहा है. जिससे उन्हें बच्चों की चिंता सता रही है.

ये भी पढ़िए: कोरोना इफेक्ट: अनाथालयों में दान देने वालों की संख्या घटी, सरकार ने भी घटाया बजट

चंडीगढ़ के ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने ना सिर्फ मनोदर्पण योजना के तहत फोन पर मनोवैज्ञानिक से बात की. बल्कि वो आज खुद को तनाव मुक्त और पहले से ज्यादा मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस कर रहे हैं. प्रभलीन ने बताया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिली, जिस वजह से वो तनाव का शिकार हो गई. बाद में उसे मनोदर्पण योजना के बारे में पता चला और उन्होंने टोल फ्री नंबर पर फोन करके मनोवैज्ञानिक से बात की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.