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भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में बड़ा बदलाव

ई-रजिस्ट्रेशन के माध्यम से तहसीलों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बड़ी पहल की है. भ्रष्टाचार का अड्डा माने जाने वाले आरटीए ऑफिस पर शिकंजा कसते हुए सभी जिलों में आरटीए सचिव के स्थान पर अलग से जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) नियुक्त करने की घोषणा की.

major change in haryana transport authority to curb corruption
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में बड़ा बदलाव
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Published : Oct 17, 2020, 5:48 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नवरात्रों के शुभ अवसर पर शुद्धिकरण का मन बना चुके हैं और आरटीए के बाद हर विभाग, जहां पर भ्रष्टाचार की गुंजाइश है. उसको खत्म करने का मन बना चुके हैं. चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अलग से एचसीएस अधिकारी लगाने के बाद सरकार की ये दूसरी पहल है. अब आरटीए के स्थान पर डीटीओ लगाए जाएंगे.

बिचौलियों से मिलेगी मुक्ति

इस दौरान सीएम मनोहर लाल ने कहा कि इन अधिकारियों की नियुक्ति 2 दिन के अंदर कर दी जाएगी और अब सभी 22 जिलों में आरटीए की बजाए डीटीओ होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील कार्यालयों में बिचौलियों से मुक्ति दिलाने के बाद अब आम जनता को आरटीए कार्यालयों में भी बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा. चाहे ड्राइविंग लाइसेंस की बात हो या वाहन पासिंग की. अब लोगों को ये काम कराने के लिए बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि माल ढोने वाले वाहनों की फिटनेस की जांच करने के लिए रोहतक के बाद 6 और स्थानों अंबाला, करनाल, हिसार, गुरुग्राम, फरीदाबाद एवं रेवाड़ी में वाहनों के इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन केंद्र खोले जाएंगे.

मनोहर लाल ने कहा कि 11 जिलों कैथल, झज्जर के बहादुरगढ़, रोहतक, फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक लगाए जाएंगे. जहां कंप्यूटरीकृत मशीनों के द्वारा ड्राइविंग स्किल्स का टेस्ट लिया जाएगा और लाइसेंस बनवाने वालों को किसी दलाल के पास जाने की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए कुल 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और ये केंद्र एक साल के अंदर-अंदर खोल दिए जाएंगे.

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में बड़ा बदलाव

बिना ड्राइवर को पता चले वाहन की हो जाएगी तोल

इसी प्रकार, वाणिज्यिक वाहनों की ओवरलोडिंग भी एक भ्रष्टाचार का मुख्य कारण है. इस पर अंकुश लगाने के लिए सडक़ों पर पोर्टलेबल धर्मकांटे लगाए जाएंगे. जिससे वाहन चालक को भी पता नहीं लगेगा कि कब उसके वाहन के वजन का तोल हो चुका है. उन्होंने कहा कि इसके लिए 45 पोर्टलेबल धर्मकाटे खरीद लिए गए हैं और इसकी सफलता के बाद पूरे प्रदेश में और भी पोर्टलेबल धर्मकांटे लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आगे से वाणिज्यिक वाहनों की चेकिंग और पासिंग करने वाले वाहन निरीक्षक पर बॉडी कैमरे लगाए जाएंगे. जिससे सारी कार्रवाई रिकॉर्ड की जाएगी और इसकी मॉनिटरिंग मुख्यालय पर होगी.

जल्द होंगी नई भर्तियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन वाहनों में आमतौर पर ओवरलोडिंग की समस्या की शिकायतें मिलती हैं. इसके लिए 'ई-रवाना' सॉफ्टवेयर पहले ही तैयार किया जा चुका है और अब इसको परिवहन विभाग के 'वाहन' सॉफ्टवेयर के साथ जोड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि वर्तमान में आरटीए कार्यालय में पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों की संख्या लगभग सवा लाख है और आरटीए कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 627 है. एक साल के अंदर-अंदर आरटीए कार्यालयों के लिए नई भर्ती की जाएंगी.

ये भी पढ़ें:-हरियाणा में उड़ रहा 'वन नेशन वन मार्केट' का मजाक, धान लेकर वापस जा रहे यूपी के किसान

उन्होंने कहा कि डीटीओ के पद पर जरूरी नहीं कि आईएएस या एचसीएस अधिकारी लगाए जाएं. बल्कि इसके लिए अब भविष्य में आईपीएस, एचपीएस या किसी अन्य विभाग के क्लास-1 अधिकारी को भी प्रतिनियुक्ति पर लिया जा सकेगा. उनका मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है. मुख्यमंत्री ने इस बात के संकेत दिए कि आरटीए के बाद किसी और विभाग का भी चयन करेंगे. जहां पर भ्रष्टाचार की अधिक संभावना है और उस पर भी अंकुश लगाया जाएगा.

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नवरात्रों के शुभ अवसर पर शुद्धिकरण का मन बना चुके हैं और आरटीए के बाद हर विभाग, जहां पर भ्रष्टाचार की गुंजाइश है. उसको खत्म करने का मन बना चुके हैं. चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अलग से एचसीएस अधिकारी लगाने के बाद सरकार की ये दूसरी पहल है. अब आरटीए के स्थान पर डीटीओ लगाए जाएंगे.

बिचौलियों से मिलेगी मुक्ति

इस दौरान सीएम मनोहर लाल ने कहा कि इन अधिकारियों की नियुक्ति 2 दिन के अंदर कर दी जाएगी और अब सभी 22 जिलों में आरटीए की बजाए डीटीओ होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील कार्यालयों में बिचौलियों से मुक्ति दिलाने के बाद अब आम जनता को आरटीए कार्यालयों में भी बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा. चाहे ड्राइविंग लाइसेंस की बात हो या वाहन पासिंग की. अब लोगों को ये काम कराने के लिए बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि माल ढोने वाले वाहनों की फिटनेस की जांच करने के लिए रोहतक के बाद 6 और स्थानों अंबाला, करनाल, हिसार, गुरुग्राम, फरीदाबाद एवं रेवाड़ी में वाहनों के इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन केंद्र खोले जाएंगे.

मनोहर लाल ने कहा कि 11 जिलों कैथल, झज्जर के बहादुरगढ़, रोहतक, फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक लगाए जाएंगे. जहां कंप्यूटरीकृत मशीनों के द्वारा ड्राइविंग स्किल्स का टेस्ट लिया जाएगा और लाइसेंस बनवाने वालों को किसी दलाल के पास जाने की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए कुल 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और ये केंद्र एक साल के अंदर-अंदर खोल दिए जाएंगे.

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में बड़ा बदलाव

बिना ड्राइवर को पता चले वाहन की हो जाएगी तोल

इसी प्रकार, वाणिज्यिक वाहनों की ओवरलोडिंग भी एक भ्रष्टाचार का मुख्य कारण है. इस पर अंकुश लगाने के लिए सडक़ों पर पोर्टलेबल धर्मकांटे लगाए जाएंगे. जिससे वाहन चालक को भी पता नहीं लगेगा कि कब उसके वाहन के वजन का तोल हो चुका है. उन्होंने कहा कि इसके लिए 45 पोर्टलेबल धर्मकाटे खरीद लिए गए हैं और इसकी सफलता के बाद पूरे प्रदेश में और भी पोर्टलेबल धर्मकांटे लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आगे से वाणिज्यिक वाहनों की चेकिंग और पासिंग करने वाले वाहन निरीक्षक पर बॉडी कैमरे लगाए जाएंगे. जिससे सारी कार्रवाई रिकॉर्ड की जाएगी और इसकी मॉनिटरिंग मुख्यालय पर होगी.

जल्द होंगी नई भर्तियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन वाहनों में आमतौर पर ओवरलोडिंग की समस्या की शिकायतें मिलती हैं. इसके लिए 'ई-रवाना' सॉफ्टवेयर पहले ही तैयार किया जा चुका है और अब इसको परिवहन विभाग के 'वाहन' सॉफ्टवेयर के साथ जोड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि वर्तमान में आरटीए कार्यालय में पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों की संख्या लगभग सवा लाख है और आरटीए कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 627 है. एक साल के अंदर-अंदर आरटीए कार्यालयों के लिए नई भर्ती की जाएंगी.

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उन्होंने कहा कि डीटीओ के पद पर जरूरी नहीं कि आईएएस या एचसीएस अधिकारी लगाए जाएं. बल्कि इसके लिए अब भविष्य में आईपीएस, एचपीएस या किसी अन्य विभाग के क्लास-1 अधिकारी को भी प्रतिनियुक्ति पर लिया जा सकेगा. उनका मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है. मुख्यमंत्री ने इस बात के संकेत दिए कि आरटीए के बाद किसी और विभाग का भी चयन करेंगे. जहां पर भ्रष्टाचार की अधिक संभावना है और उस पर भी अंकुश लगाया जाएगा.

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